रेलवे ट्रैक पर लोहे की रॉड रखकर ट्रेन को पलटने की साजिश तलाश करना हुई शुरू
सोमवार की देर रात पर स्टेशन के (Conspiracy to overturn train with iron rod) आउटर पर तीसरी लाइन को लोहे की रॉड को तारों से बांधकर के रख दिया।
Conspiracy to overturn train with iron rod रेलवे ट्रैक पर लोहे की रोड रखकर ट्रेन को पलटने की साजिश तलाश करना हुई शुरू आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां ग्वालियर शहर के बिरला नगर स्टेशन पर सामाजिक तत्वों ने ट्रेन को पलटने की साजिश को रचा हुआ है।
जी हां बताया जा रहा है कि यह सोमवार की देर रात पर स्टेशन के आउटर पर तीसरी लाइन को लोहे की रॉड को तारों से बांधकर के रख दिया।
और यह ट्रैक पर रात में लगभग से 1:30 बजे मालगाड़ी गुजराती बताया जा रहा है कि यह मालगाड़ी के लोको पायलट को जब यह लोहे की रॉड दिखाई तो उसने तुरंत ही इमरजेंसी ब्रेक लगा करके ट्रेन को रोक दिया गया और उसके बाद में जीआरपी तथा आफ को यह मामले की सूचना दी और उसको तुरंत ही हटाया।
बताया जा रहा है कि जीआरपी के जवान देर रात तुरंत ही मौके पर पहुंच गए और जीआरपी के ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ में एक मामले को भी दर्ज किया गया बताया जा रहा है की कलश ऑर्डर के वजह मालगाड़ी की गति 12 किलोमीटर प्रति घंटा थी और अगर ट्रेन की गति ज्यादा होती तो छड़े नजर नहीं आती और यह हादसा हो सकता था।
लेकिन यहां लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से ट्रेन यहां हादसा नहीं हो पाया बताया जा रहा है कि तकनीकी अधिकारियों के मुताबिक लोहे की दो छड़े कुछ दूरी पर ट्रैक पर रखी हुई थी और यहां पहले छड अगर ट्रेन के पहिए से कट जाती तो ट्रेन को झटका लगता तथा दूसरी छड़ छक्के के नीचे आ जाती है ऐसे में ट्रेन के डिरेल होने की पूरी ही उम्मीद थी।
बताया जा रहा है कि यह घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत पूरे दिन झांसी मंडल से प्रयागराज मुख्यालय तक के भगदड़ मच रही क्योंकि इससे पहले भी उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पास में ट्रेन पलटनी की साजिश रच चुके हैं ।
ट्रैक पर मिली लोहे की रॉड
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह बिरला नगर के पास में रेलवे ट्रैक पर लोहे की रोड मिली है और यह ट्रैक से मालगाड़ी गुजरने वाली थी।
लेकिन छड़े देखकर के लोको पायलट ने ट्रेन को रोक लिया गया और आरपीएफ व जीआरपी को यह सूचना दी उसके बाद में यह टीम तुरंत पहुंची और उसको जब तक कर लिया गया। तथा इस मामले में जीआरपी में मामला भी दर्ज किया और सुरक्षा बल मामले की जांच में जुट गए।
पहले भी रची यह साजिशे
5 अक्टूबर को झांसी भोपाल रेल लाइन पर दैलवारा-ललितपुर के बीच में ट्रैक पर 6 फीट का सरिया और सामाजिक तत्वों ने रख दिया था और यह पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेक पर थी और उसके पहिए में सरिया फस गया था
30 अक्टूबर को कानपुर से गोविंदपुरी भीमसेन रेल लाइन पर अग्निशमन सिलेंडर रखा हुआ था यहां पुष्पक एक्सप्रेस जब यहां से गुजर रही थी।
बताया जा रहा है कि ऐसे ही 29 सितंबर को महोबा रेलवे ट्रैक पर कबरई और मटोंध स्टेशन के बीच भारी भरकम पिलर रखकर के पैसेंजर को पलटन जवानों से भारी पैसेंजर को पलटने की साजिश रची हुई थी जो की नाकाम हो गई
22 अक्टूबर को कानपुर से महाराजपुर में प्रेम नगर प्रेमपुर स्टेशन के पास में ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर से भरे हुए विनर कैन रखी हुई मिली थी और यह उसे समय मालगाड़ी इस ट्रैक पर से गुजर रही थी।
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17 अगस्त को कानपुर से गोविंदपुरी स्टेशन के नजदीकी भीमसेन रेल लाइन पर पटरी पर रख भारी पत्थरों से टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 12 डिब्बे डिरेल हो गए थे।