अतिथि शिक्षक फिर बने बलि का बकरा डीपीआई के आदेश में पेंच
जॉइनिंग के लिए दसवीं (MP Atithi Shikshak Vacancy)तथा 12वीं बोर्ड दोनों परीक्षाओं में से किसी एक बोर्ड क्लास का रिजल्ट बेहतर रहना जरूरी है
MP Atithi Shikshak Vacancy जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह अतिथियों पर फिर से एक बार तलवार लटक गई है जी हां बताया जा रहा है कि उनको जॉइनिंग के लिए दसवीं तथा 12वीं बोर्ड दोनों परीक्षाओं में से किसी एक बोर्ड क्लास का रिजल्ट बेहतर रहना जरूरी है जी हां आपको बता देते हैं कि यह 11 सितंबर को महा आंदोलन जो तात्कालिक समस्याओं के समाधान के आश्वासन पर समाप्त किया गया था.
उसमें से अब 30 फ़ीसदी से कम रिजल्ट वाले आई थी शिक्षकों को वापस लेने का मुद्दा भी शामिल कर लिया गया था जी हां लेकिन इस संबंध में पहला आदेश 14 अक्टूबर को ही जारी हो गया है बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र तेजी से निकल रहा है.
और अब तक स्कूल शिक्षा विभाग खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर पाया है जी हां 14 अक्टूबर को अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग के संबंध में लोक शिक्षण संचनालय ने एक नए आदेश को भी निकला है.
जिसमें यहां आदेश के अनुसार बताया जा रहा है कि बोर्ड कक्षा दसवीं तथा 12वीं में से कोई भी एक का रिजल्ट बेहतर होना जरूरी है अतिथि शिक्षकों को जॉइनिंग भी दी जाएगी और यह आर्डर में से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ऐसे स्कूल जहां पर मात्र दसवीं तक के क्लास है वहां के Guest teachers को जॉइनिंग के लिए किया जाएगा.
जाने क्या था पूरा मामला
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह शैक्षणिक 17 2023 24 में जब एमपी बोर्ड का रिजल्ट बिगड़ा तो ठीकरा अतिथि शिक्षकों पर फोड़ दिया गया था जी हां बताया जा रहा है कि यह जारी रिजल्ट जारी होने के बाद में तुरंत फैसला ले लिया गया था.
कि ऐसे अतिथि शिक्षक को जिनका बोर्ड क्लास का रिजल्ट 30% से नहीं रहा तो उनको वापस अतिथि के तौर पर स्कूल में नहीं रखा जाएगा जी हां यह लोक संरचना लेने विभाग के निर्णय से लगभग से 4000 आई थी शिक्षकों के नौकरी पर अब ग्रहण लग गया है.
जी हां आपको बता देते हैं कि यहां अतिथियों को इस फैसले से नौकरी से हाथ धो बैठेंगे 11 सितंबर को दिया था आश्वासन आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि 10 सितंबर को अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में महा आंदोलन की घोषणा पूरी करवाने को लेकर महापंचायत की घोषणा को पूरा करने के लिए महा आंदोलन भी किया गया था.
जिसमें यहां आंदोलन तात्कालिक समस्याओं के समाधान में आश्वासन को खत्म भी कर दिया गया था यहां समस्याओं में से 130 फ़ीसदी से कम रिजल्ट आने वाले अतिथियों को वापस लेने का मुद्दा भी शामिल हुआ था।
बताया जा रहा है कि 11 सितंबर को विभागीय मंत्री तथा अधिकारियों ने अतिथियों को आश्वासन दिया की तीसरी से कम रिजल्ट वाले को भी नियुक्ति दी जाएगी. और इस संबंध में पहला आदेश 14 अक्टूबर को जारी किया गया था.
जाने अतिथियों का मानना
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह बोर्ड क्लास के खराब रिजल्ट को लेकर के अतिथि शिक्षकों संगठनों का मानना यहां है कि इस पूरे मामले में अतिथियों को बालिका बकरा बनाया गया है जी हां जिसमें रिजल्ट के लिए अतिथियों से कहीं अधिक रेगुलर टीचर भी जवाबदारी है.
लेकिन उन पर विभाग नोटिस देने के अलावा कुछ नहीं कर सकता और यहां अतिथियों को टारगेट कर हटा दिया गया है.
आदेश तो निकला लेकिन इसमें भी पेंच
यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह 30% से कम रिजल्ट आने वाले अतिथि व्यवस्था में वापस लाने के लिए विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया गया है.
लेकिन इसमें पेंच फंस गया बताया जा रहा है कि आदेश के मुताबिक कोई अतिथि का 10वीं या 12वीं में से एक क्लास का रिजल्ट बेहतर होना अच्छा है।
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तो उसे अतिथि के तौर पर जॉइनिंग दी जाएगी लेकिन प्रदेश में बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहां पर मात्र दसवीं तक की कक्षाएं हैं ऐसे में वहां अतिथियों का क्या होगा इसको लेकर के अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है.
Sword hanging over teachers, twist in DPI’s order, guests made scapegoats again