खेल अधिकारी से मांग रहे थे 2 हजार की रिस्वत प्राचार्य और शिक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा
शिकायत के अनुसार, बाल दिवस के अवसर पर स्कूल में खेलों का आयोजन किया गया था, और इसके लिए विद्यालय के खेल मैदान की मरम्मत का कार्य किया गया था।
Lokayukta police caught : रिश्वतखोरी का मामला कभी भी देश के किसी भी हिस्से में हो सकता है, और जब यह मामला शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हो, तो यह समाज के लिए और भी चिंताजनक बन जाता है।
हाल ही में गुण जिले के ऊमरी स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य और एक उच्च माध्यमिक शिक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने दो हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
यह था मामला
यह मामला तब सामने आया जब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऊमरी के खेल शिक्षक नवलकिशोर कुशवाह ने एक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, बाल दिवस के अवसर पर स्कूल में खेलों का आयोजन किया गया था, और इसके लिए विद्यालय के खेल मैदान की मरम्मत का कार्य किया गया था।
इसके अंतर्गत चूना डालने, पोल्स की पुताई करने और विजेता छात्रों के लिए प्रमाण पत्र तैयार करने जैसे कार्य किए गए थे। इस सारे खर्च का भुगतान खेल शिक्षक कुशवाह ने अपनी जेब से किया था। उन्होंने दुकानदार से पांच हजार रुपये का बिल लेकर प्राचार्य उमाकांत जोशी को भुगतान के लिए दिया था ।
दो हजार रुपये की रिश्वत मांग
हालांकि, प्राचार्य उमाकांत जोशी ने बिल स्वीकृत करने के बदले 50 प्रतिशत कमीशन की मांग की। उनका कहना था कि यदि खेल शिक्षक कुशवाह बिल का भुगतान चाहते हैं, तो उन्हें इसके बदले दो हजार रुपये की रिश्वत देनी होगी।
इस व्यवहार से खेल शिक्षक बहुत व्यथित हुए और उन्होंने इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की, लेकिन जब प्राचार्य ने फिर भी रिश्वत की मांग जारी रखी, तो मजबूर होकर खेल शिक्षक ने लोकायुक्त पुलिस का सहारा लिया।
लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन किया और मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। पुलिस ने खेल शिक्षक को प्राचार्य से दो हजार रुपये की रिश्वत देने के लिए भेजा। जैसे ही प्राचार्य ने रिश्वत ली , लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई के बाद प्राचार्य और शिक्षक दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।