गुरु पूर्णिमा 2024 कब है जानिये सही तारीख और शुभ मुहूर्त,इस दिन भूल कर ना करे ये काम
जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) का महत्व पूजा और विधि मुहूर्त क्या है
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) कब है इसको लेकर लोगों के मन में बहुत कन्फ्यूजन हो रहा है कि गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई को है या 21 जुलाई को क्योंकि दोनों दिन गुरु पूर्णिमा की तिथि होने के कारण जो लोग गुरु पूर्णिमा का व्रत रखते हैं उनके लिए बड़ा कंफ्यूजन हो रहा है तो ऐसी स्थिति में आगे चलकर जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा महत्व पूजा और विधि मुहूर्त क्या है
जैसा कि गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पर्व आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन पड़ता है और हर साल उसी दिन मनाया जाता है और पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा भी कहा जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन वेदव्यास जी का जन्म दिवस के रूप में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है
Guru Purnima 2024 kab hai
गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि आती है और साथ ही साथ इस दिन अपने गुरुओं के पूजा भी करने का विशेष महत्व है परंतु साल 2024 में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) की तारीख को लेकर बड़ा कंफ्यूजन बना हुआ है तो चलिए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा किस दिन मनाई जाएगी साथ ही मुहूर्त महत्व और पूजा की विधि कब मनाई जाएगी
Guru Purnima 2024 Date and Time
दिवाकर पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा की तारीख की शुरुआत 20 जुलाई की शाम 6:00 बजे से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 21 जुलाई को दोपहर 3:47 मिनट पर हो जाएगा
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शास्त्रों की जानकारी के अनुसार पूर्णिमा का व्रत चंद्रोदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को ही पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा और इसमें भी जिस दिन रात्रि के समय पूर्णिमा तिथि रहती है उसी दिन व्रत और पूजन किया जाता है इसलिए 20 जुलाई को ही पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा और 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का दान पुण्य का कार्य किया जाएगा
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि जानिये
- जिस दिन गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2024) हो उसे दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान विष्णु का ध्यान करना होगा
- फिर उसके बाद पूजा घर को अच्छी तरह से साफ सफाई करने के बाद भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और वेदव्यास जी की प्रतिमा स्थापित करके उनको तिलक कर व्रत का संकल्प करना होगा
- अब भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करने से पहले उनका पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें वस्त्र पहनाएं भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी और वेदव्यास जी का भी पूजन अवश्य करें
- उसके बाद गुरु चालीसा का पाठ भी करें
- भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और वेदव्यास जी को मिठाई फल और खीर आदि का भोग अर्पित करें और उसके साथी गुरु पूर्णिमा व्रत का भी पाठ जरूर करें
- और आखरी में भगवान सत्यनारायण की आरती जरूर करें
गुरु पूर्णिमा का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है और गुरु पूर्णिमा के दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है
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ऐसी भी मानता है कि इस दिन वेदव्यास जी ने चारों वेदों की रचना भी की थी और गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु अपने शिष्य को दीक्षा भी देते हैं इस दिन लोग अपने गुरुओं का पूजन भी करते हैं