MP Noise Control Act : जिला दंडाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश,उल्लंघन पर धारा 15 के अंतर्गत होगी दंडात्मक कार्यवाही
MP Noise Control Act : इस आदेश का पालन न करने पर उसके खिलाफ मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।
- जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश
- अधिनियम की धारा 16 (1) के अंतर्गत
- इस आदेश का पालन न करने पर कार्यवाही
MP Noise Control Act : नरसिंहपुर, 03 फरवरी 2025 जिला दंडाधिकारी श्रीमती शीतला पटले ने स्कूल/ कॉलेज की परीक्षाओं को देखते हुए तेज गति से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।जिला दंडाधिकारी ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 10 के तहत जिले की राजस्व सीमाओं के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश 31 जनवरी 2025 से प्रभावशील किया गया है। यह आदेश तुरंत ही प्रभावशाली होगा।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में बताया गया है की कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्रों जैसे लाउड स्पीकर, डेक, डीजे, बैंड- बाजा एवं अन्य का उपयोग किसी भी निजी/ सार्वजनिक कार्यक्रमों में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना इसका उपयोग नहीं कर सकता है।सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित लगाया गया है।
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जिले के समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारियों को संबंधित अनुविभाग के अंतर्गत बहुत जरूरी होने पर ही सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के 1/4 वॉल्यूम में मतलब ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि 10 डेसीबल से अनाधिक पर उपयोग की अनुमति देने के लिए विहित प्राधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अनुमति के अनुसार एवं मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 7 के उपबंधों को देखते हुए लागू की गई है।
अधिनियम की धारा 16 (1) के अंतर्गत हेड कांस्टेबल की पदश्रेणी से अनिम्न पदश्रेणी का कोई भी पुलिस अधिकारी, ऐसे ध्वनि विस्तारक को, जिसका उपयोग इस आदेश का पालन नहीं करता है। उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस आदेश का पालन न करने पर उसके खिलाफ मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में स्कूल/ कॉलेज की परीक्षायें पास में है।एवं तेज गति से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग से छात्र- छात्राओं की परीक्षा की तैयारी में परेशानी होगी। जिससे वे परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर सकते हैं। इसका असर उनके भविष्य पर पड़ेगा।इन बातो को ध्यान में रखते हुए जिला दंडाधिकारी ने यह आदेश जारी किए है।और आदेश का पालन न करने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।