New Chief Justice of MP High Court: जस्टिस सुरेश बने एमपी हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश….इन मामलों में निभाई भूमिका
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त(New Chief Justice of MP High Court) कर लिया गया है जी हां वे में 2025 तक इस पद पर रहेंगे।
New Chief Justice of MP High Court:
New Chief Justice of MP High Court : जस्टिस सुरेश बने एमपी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इन मामलों में निभाई भूमिका आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के ने जस्टिस सुरेश कुमार कैत को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त कर लिया गया है।
जी हां वे में 2025 तक इस पद पर रहेंगे बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेज नियम के दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ न्यायाधीश सुरेश कुमार कैद को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश दे दी गई है।
जिसमें जस्टिस कैत ने जामिया हिंसा और कइ विरोध प्रदर्शन से जुड़े कई बड़े महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला दिए हैं जिसमें उनकी नियुक्ति से एमपी के में न्यायिक प्रणाली का एक नया नेतृत्व भी मिलेगा। आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां उससे पहले जस्टिस कैत को जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना था।
लेकिन इस पर फैसले को संशोधित कर दिया गया और उनको मध्य प्रदेश में भेजा जा रहा है, यह जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है। कि जस्टिस फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश के पद पर पदस्थ है और उनका नाम भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक बहुत प्रमुख हस्ती के रूप से जाना जा रहा है।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत का कैरियर
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह जस्टिस सुरेश कुमार कैत (Justice Suresh Kumar Kait) का जन्म 24 में 1963 में हरियाणा के कैथल जिले के ककौत गांव में हुआ था। जी हां और उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में मानविकी की में स्नातक किया और उसके बाद में राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया फिर दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई करने के बाद में उन्होंने 1989 में एडवोकेट के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर दी गई जिसके बाद में उन्होंने केंद्र सरकार के स्थाई अधिवक्ता के रूप में सेवा दी।
इन मामलों में निभाई अहम भूमिका
जामिया मिल्लया इस्लामिया हिंसा- आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि जस्टिस सुरेश कुमार के इतनी जामिया विश्वविद्यालय में हुई यह हिंसा के मामले पर सुनवाई को किया गया था जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे और उसमें संवैधानिक मूल्यों की रक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया था।
CAA विरोध प्रदर्शन- नागरिकता संशोधन अधिनियम से जुड़े CAA विरोध प्रदर्शन पर सनवई की और कानूनी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा भी की
जनहित याचिका- जस्टिस सुरेश कुमार सुरेश कुमार ने बहुत से जनहित याचिकाओं पर भी काम किया और उसमें से सार्वजनिक अधिकारी और हितों की सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान दिया जिस पर उन्होंने फैसला व्यापक रूप से किया और न्यायिक समुदाय में आधार की दृष्टि से देखे जाते हैं।
न्यायिक निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां जस्टिस कैट को न्यायपालिका में अपने निष्पक्ष और संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं जिसमें उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की तथा लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करते हुए निर्णय को लिया गया है इसमें कई फैसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं और इन पर व्यापक चर्चाएं भी हुई है जिस पर न्यायपालिका ने उनका सम्मान को बढ़ाया है।
एमपी हाई कोर्ट को मिला अनुभवी वरिष्ठ न्यायाधीश
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि जस्टिस के 2025 में सेवानिवृत हो जाएगी जी हां और उसके बाद में वहां मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के कई महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय देने के लिए तैयार हैं उनके यहां नियुक्ति केवल एमपी न्यायिक प्रणाली को सरल बनाएगी बल्कि आप संवैधानिक न्याय की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी यह संविधान के आदर्शों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी और उनका कार्यकाल 2025 तक के रहेगा उसके बाद वह सेवानिवृत हो जाएगी।
चीफ जस्टिस का व्यक्तिगत जीवन
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां सुरेश कुमार जस्टिस कैत का जन्म हरियाणा में हुआ था और उन्होंने अपनी शुरूआतिक शैक्षिक जीवन में उल्लेखनीय कार्य को किया है तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना से सम्मानित भी किया गया था।
न्यायिक करियर में आने से पहले वह केंद्र सरकार के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में कार्य को कर चुके थे यह नियुक्ति भारतीय न्यायिक प्रणाली को एक महत्वपूर्ण कदम है जो की न्यायिक सुधार और कानूनी प्रक्रिया को मजबूत बनेगी।