SDM के रीडर का गजब करनामा,फर्जी डिजिटल सिग्नेचरकर दर दिया यह कांड और कर लिया आदेश जारी

  • शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व दर्ज करवाने का मामला
  • कैसे आया मामला सामने
  • इस साजिश में और कोन है शामिल

MP News : राजस्व विभाग भी एक नया फर्जी डिजिटल कारनामा सामने आया है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। एसडीएम के रीडर का गजब का मामला हुआ है आरोप लगाया गया है कि यहां पर पदस्थ एसडीएम के रीडर ने अपने ही अधिकारी के साथ फर्जीवाड़ा किया है। रीडर ने एक कूटनीति रची और शासकीय भूमि को निजी भूमि में बदलकर एक अलग ही कारनामा कर डाला है।

एसडीएमके फर्जी सिग्नेचर करके रीडर ने फर्जी आदेश जारी कर दिया ।इस मामले का खुलासा होने के बाद तुरंत एसडीएम अनुराग तिवारी ने रीडर के विरुद्ध सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने रीडर सहित तीन अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया इसके बाद जांच शुरू कर दी।

शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व दर्ज करवाने का मामला

जानकारी के मुताबिक यह मामला हुजूर एसडीएम कार्यालय रीवा का है एसडीएम कार्यालय में विचार अधिनियम प्रकरण में रमाशंकर तिवारी बना मध्य प्रदेश शासन में मौजा मैदानी 525 में 29 जुलाई 2022 को आदेश पारित किया गया था  आदेश की कॉपी देखकर अधिकारियों के होश ही उड़ गए वह यह आदेश देखकर वही दंग रह गए आदेश की कॉपी में किए गए हस्ताक्षर तहसीलदार हजूर को शक हुआ।जिस पर आदेश की जांच जारी की गई किए गए हस्ताक्षर फर्जी पाए गए।

बताया जा रहा है कि यह कारनामा एसडीएम रीडर के द्वारा किया गया था तब एसडीएम अनुराग तिवारी वहां पदस्थ थी मामले की जब जांच की गई।और यह सत्यता पाई गई की जारी किया गया आदेश फर्जी है।और उसमें जो हस्ताक्षर किए गए हैं। वह भी फर्जी थे एसडीएम ने तुरंत ही रीडर बृजमोहन पटेल के हस्ताक्षर की यह साजिश और शासकीय सीलिंग भूमि को निजी स्वामित्व दर्ज करवाने का प्रयास किया गया है।

इस साजिश में और कोन है शामिल

इस मामले में प्रकरण में आवेदक हनुमान के डोल गांव निवासी रमाशंकर तिवारी थे। इसके साथ ही वर्तमान रीडर मनीष अवस्थी ने पिता सीन अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग करके फजीवादी में उनकी मदद की थी।इस जब पूरा मामला सामने आया तो तुरंत ही एसडीएम अनुराग तिवारी ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कर दी थी। मामले पर तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला ने बताया है कि 29 जुलाई 2022 के एक आदेश की एक फाइल प्राप्त हुई थी।

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फाइल जब पटवारी के पास पहुंचाई गई। तब इस फौजी वाले का खुलासा हुआ है। फाइल में शासकीय भूमि को प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर दर्ज किए जाने का एक आदेश जारी किया गया था। दस्तावेज पर किए गए हस्ताक्षर की जब जांच की गई तब शक हुआ। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार करके एसडीएम को एक प्रतिवेदन भेजा गया ।जिसके बाद इस हस्ताक्षर की जांच की गई और हस्ताक्षर फर्जी पाए गए।

एसपी विवेक लाल ने कहा की

एसडीएम अनुराग तिवारी से अनुमति मांगी गई जिसके बाद उनके द्वारा लिखा गयादस्तावेज में उनके हस्ताक्षर नहीं है।वहीं एसडीएम अनुराग तिवारी ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज करवाते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की। और तहसीलदार ने बताया है कि तुरंत रीडर बृजमोहन पटेल और पीठासीन अधिकारी मनीष अवस्थी सहित आवेदक रमाशंकर तिवारी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई ।

कैसे आया मामला सामने

वहीं पूरे मामले पर एडिशनल एसपी विवेक लाल का कहना है कि एसडीएम अनुराग तिवारी की ओर से एक आवेदन प्राप्त हुआ था।जिसके तहत पट्टे की जमीन शासकीय मध्य में आ गई थी। इसी त्रुटि का फायदा उठाकर रिटायर्ड

वर्तमान रीडर ने अन्य के साथ मिलकर डिजिटल  सिग्नेचर करके शासकीय भूमि को प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर दर्ज किया है। एसडीएम की शिकायत पर अपराध पंजीकृत किया गया। इसकी जांच करने के पश्चात जुटाए गए सबूत के आधार पर ही कार्यवाही की जाएगी तीन लोगों के विरुद्ध धारा 420 सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

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Alok Singh

मेरा नाम आलोक सिंह है मैं भगवान नरसिंह की नगरी नरसिंहपुर से हूं ।और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आया था ।मुझे पत्रकारिता मैं इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया का 20 वर्ष का अनुभव है खबरों को प्रमाणिकता के साथ लिखने के हुनर में माहिर हूं।

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