साल 2025 की मोनी अमावस्या के दिन यह काम करने से बचे,साथ ही जानिए स्नान,दान,पुण्य,व्रत का विशेष महत्व मौनी अमावस्या पर क्या करें?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है।और पुण्य की प्राप्ति होती है।

- मौनी अमावस्या पर क्या न करें?
- मौनी अमावस्या पर दान के लाभ
- मौनी अमावस्या पर क्या करें?
Mauni Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है।इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025, बुधवार को पड़ने बाली है। इस दिन महाकुंभ में शाही स्नान का आयोजन भी हो रहा है।जिसके कारण यह दिन खास और विशेष बन गया है।
करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने के लिए महाकुंभ में शामिल होंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है।और पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन गंगा में स्नान मात्र से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद साधक जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। इसी कारण मौनी अमावस्या को गंगा स्नान के लिए एक उत्तम दिन माना गया है।
मौनी अमावस्या पर शमशान घाट क्यों नहीं जाना चाहिए?
मौनी अमावस्या का दिन तंत्र विद्या साधना करने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन अघोरी तांत्रिक और साधक शमशान घाट में विशेष साधनाएं करते हैं। शमशान घाट की ऊर्जा इस दिन अत्यधिक तेज हो जाति है।जिसके कारण ऐसी मान्यता है कि इस दिन वहाँ जाना अच्छा नहीं होता है। नकारात्मक ऊर्जा का संचार अधिक होता है।बहा अघोरी का इस दिन विशेष बास होता है।
शमशान घाट पर जाने से व्यक्ति बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में पड़ सकते है।इसलिए इस दिन शमशान घाट जाने से बचना चाहिए। यह दिन पवित्रता और ध्यान का दिन होता है।इसलिए आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए।
मौनी अमावस्या पर क्या करें?
स्नान का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों, जैसे गंगा, यमुना, या नर्मदा में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि पवित्र नदी में स्नान संभव न हो, तो घर के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें।
मौन व्रत का पालन करें
मौन व्रत रखना मौनी अमावस्या का प्रमुख नियम माना जाता है।इस दिन मौन रहने से मन शांत होता है। और विचारों में पवित्रता आती है। यह दिन आत्ममंथन और ध्यान के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होता है।

दान का महत्व
इस दिन दान करना बहुत लाभदायक होता है।और स्नान और पूजा के बाद जरूरतमंदों को तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र, कंबल, और गर्म कपड़े दान करना चाहिए।ऐसा करने से पितृ दोष का निवारण होता है। और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
मौनी अमावस्या पर क्या न करें?
अशुद्धता से बचें
इस दिन मानसिक और शारीरिक अशुद्धता से बचना चाहिए। विचारों में मलिनता न आने दें।और मन को सकारात्मकता बनाए रखें। जिससे अच्छी ऊर्जा का संचार हो।
शमशान घाट न जाएं
जैसा कि पहले बताया गया है।इस दिन शमशान घाट पर जाना अशुभ माना जाता है। तंत्र साधनाओं के कारण वहाँ की नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
किसी से विवाद न करें
मौन व्रत का पालन करना चाहिए और किसी से वाद-विवाद या झगड़ा करने से बचें। यह दिन शांति और संयम का प्रतीक है।
मसाहार का सेवन न करे
मौनी अमावस्या के दिन मांस, मछली और शराब जैसी चीजों का सेवन न करें।
बाल न धोए ना कटवाए
अमावस्या के दौरान लोगों को अपने नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए क्योंकि इससे उन्हें पितृ दोष के भयानक दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। लोगों को अपने बाल न धोने की भी सलाह दी जाती है

मौनी अमावस्या पर दान के विशेष लाभ
मौनी अमावस्या पर दान करने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। इस दिन दान देने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है बल्कि यह व्यक्ति के जीवन से दुख और कष्टों को दूर किया जाता है।आज हम आपको बताएंगे की इस दिन किन चीजों का दान करना सबसे शुभ माना गया है
तिल और तिल से बनी वस्तुएं
तिल का दान करना अत्यंत शुभ होता है। तिल के लड्डू, तिल का तेल, और काले तिल का दान पितृ दोष का निवारण करता है।
वस्त्र और कंबल
इस दिन जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल दान करना चाहिए इससे न केवल पुण्य का कार्य है, बल्कि इससे दानकर्ता के जीवन में सुख-शांति आती है।
अनाज और धन
इस दिन चावल, गेहूं, और अन्य अनाज का दान करना चाहिए।इस दिन विशेष फलदायी होता है। इसके अलावा, धन का दान भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
आंवला और पवित्र जल
आंवला और गंगा जल का दान करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है । यह दान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। और अधिक सटीक जानकारी के लिए अपने ज्योतिषी या पंडित से संपर्क करें।
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