Bhopal Lokayukta Action : सीहोर में रिश्वत लेते पकड़ा गया बिजली विभाग का JE, ट्रांसफार्मर बंद करने की धमकी पर मांगी थी घूस
यह मामला नापला खेड़ी स्थित विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय का है। यहीं पर JE मनोज यादव ने एक उपभोक्ता से ट्रांसफार्मर बंद करने की धमकी देकर 30,000 रुपए की रिश्वत की माग की गई थी।

- कैसे हुआ मामला?
- लोकायुक्त की टीम की कार्रवाई
- अधीक्षण यंत्री की प्रतिक्रिया
Bhopal Lokayukta Action : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में लोकायुक्त की एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। यह मामला नापला खेड़ी स्थित विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय का है। यहीं पर JE मनोज यादव ने एक उपभोक्ता से ट्रांसफार्मर बंद करने की धमकी देकर 30,000 रुपए की रिश्वत की माग की गई थी।हालांकि, इस घूस का सौदा 15,000 रुपए में तय किया गया था।
कैसे हुआ मामला?
यह घटना सीहोर जिले के नापला खेड़ी की है।जो भोपाल-इंदौर मार्ग पर स्थित है। यहां मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जूनियर इंजीनियर मनोज यादव कार्य पर पदस्थ हैं। मनोज यादव ने घंसौदा गांव के निवासी देवनारायण से 30,000 रुपए घूस की माग की थी।और उसे यह धमकी भी दी थी कि यदि रिश्वत नहीं देते है तो उसका ट्रांसफार्मर बंद कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें:-Gold Price: 8 जनवरी को भरने लगी सोने चांदी की कीमतें उड़ान देखिए आज का भाव
इस धमकी से डरकर देवनारायण ने JE से रिश्वत की रकम की बात की और बाद में यह सौदा 15,000 रुपए में तय किया गया था।इसके बाद पीड़ित ने लोकायुक्त से शिकायत दर्ज की और इस केश की जांच शुरू की गई। लोकायुक्त ने मामले की सत्यता की पुष्टि करते हुए आरोपित JE को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजन तैयार की।और केश पर कड़ी कार्यवाही की।
लोकायुक्त की टीम की कार्रवाई
लोकायुक्त की टीम ने पहले से ही योजना बनाई थी, और जैसे ही देवनारायण रिश्वत की रकम लेकर JE के पास पहुंचा, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मनोज यादव को गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त के डीएसपी ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की और इसे बड़ी सफलता के रूप में बताया।

अधीक्षण यंत्री की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री सुधीर शर्मा से संपर्क किया गया।लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होनें कहा था कि उन्हें लोकायुक्त की कार्रवाई के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने इस मामले के बारे में कई अधिकारियों से पूछा, लेकिन किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने JE मनोज यादव को फोन करने की कोशिश की, तो उनका फोन स्विच ऑफ आया था।