मध्य प्रदेश में डेंगू हुआ बेकाबू…….हालत बनी चिंताजनक, कम होने का आसार नहीं……!
मध्य प्रदेश में डेंगू बेकाबू हो गया है (Dengue out of control in MP)जी हां या डेंगू के मामले दिनों दिन इतनी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
Dengue out of control in MP: मध्य प्रदेश में डेंगू हुआ बेकाबू हालत बनी चिंता जनक कम होने का असर नहीं आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश में डेंगू बेकाबू हो गया है जी हां या डेंगू के मामले दिनों दिन इतनी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं कि यहां पर अस्पतालों में मरीजों की संख्या खचाखच भरी हुई है।
1 जुलाई में 505 कैसे थे जो कि अब बढ़कर के 950 हो गए हैं बताया जा रहा है कि सितंबर के सिर पर 8 दिनों में एमपी में डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या 600 हो गई थी 6 साल से ज्यादा हो गई थी और यह मौसम खुलने पर मच्छरों की संख्या बढ़ाने तथा मामले और तेजी से बढ़ने लगे।
डेंगू से सितंबर के महीने में तीन लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है बताया जा रहा है की एलिसा रिपोर्टिंग रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग इसे संध्या इस पद मान रहा है।
यहां हालात है चिंता जनक
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि एमपी के लोग स्वस्थ एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि इस साल में डेंगू के सबसे अधिक मामले इंदौर से मिले हैं।
उसके बाद में ग्वालियर तथा रीवा के भी हालत इतनी बिगड़ चुके हैं कि यहां अधिक मरीज मिल रहे हैं जनवरी से अब तक के 2800 कैसे आ गए हैं इंदौर और रीवा में पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में लगभग से तीन गुना ज्यादा मामले देखने को अब मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सभी जिलों में इलाइचा जांच की सुविधा है 64 लैब में डेंगू की जांच हो रही है।
रैपिड किट की जांच को नहीं मान रही सरकार
आपको बता देते हैं कि यह केंद्र की सरकार के द्वारा दिशा निर्देश के मुताबिक बताया जा रहा है कि रैपिड किट से होने वाली जांच में रोगी के संक्रमित पाए जाने के बाद में उसको पीड़ित नहीं माना जा रहा है। यह नगरीय निकाय तथा स्वास्थ्य विभाग सभी पीड़ितों के घर के आसपास में मच्छरों की रोकथाम के लिए छिड़काव कर रही है।
जो एलाइजा जांच में पॉजिटिव आते हैं ना कि रैपिड किट से बताया जा रहा है। कि नीचे अस्पतालों में ज्यादातर जांच रैपिड किट से की जा रही है, और उसे पॉजिटिव आने वाले रोगियों को सरकार संक्रमितों में शामिल नहीं करती है। और उनको मिला लिया जाए तो डेंगू के एमपी में संख्या सरकारी आंकड़ों से लगभग डेढ़ गुना अधिक हो सकती है।
अगले महीने ज्यादा खतरा
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं, कि यहां डेंगू के मरीज बढ़ने की वजह से इसका वायरस अपनी जेनेटिक संरचना में कुछ बदलाव कर लेता है।
डेन-एक से लेकर के डेन-चार तक चार प्रकार के वायरस होते हैं और उसके सब टाइप भी मिलते हैं। उसमें भी परिवर्तन आता है और इस वजह से वर्ष या बीमारी घटती है और कभी बढ़ती है।