DPI New Policy: लोक शिक्षण संचनालय की नई पॉलिसी रोकेगी ड्रॉपआउट ये पॉलिसी हुई लागू
बच्चों का मोहभंग रोकने के लिए यह लोग शिक्षण संचनालय ने नहीं रणनीति को तैयार कर लिया

DPI New Policy: लोक शिक्षण संचनालय की नई पॉलिसी रोकेगी ड्रॉप आउट ये पॉलिसी हुई लागू आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि आप यहां मध्य प्रदेश में हजारों बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं और यह बच्चों का मोहभंग रोकने के लिए यह लोग शिक्षण संचनालय ने नहीं रणनीति को तैयार कर लिया गया है।
जी हां बताया जा रहा है कि अब ड्रॉप आउट से हालात न बन सके उसके लिए शिक्षकों को ही पाबंद कर दिया गया है बताया जा रहा है कि यहां शिक्षकों की कमी के कारण हर साल 5000 से अधिक स्कूल जीरो ईयर की हालत में आ गए हैं।
जी हां बताया जा रहा है कि कक्षा दसवीं तथा बारहवीं का रिजल्ट भी शिक्षण शास्त्र 2023-24 में बीते सालों के मुकाबले खराब रहा है और यह सरकारी स्कूलों में यहां हालात बच्चों का मुंह फेरने को मजबूर कर रहे हैं यह हजारों बच्चे सालाना स्कूल छोड़ रहे हैं।
बच्चों का मोहभंग रोकने के लिए अवलोक शिक्षण संचनालय में नहीं नीति को तैयार कर लिया है जिसमें अब ड्राफ्ट आउट की हालत न बन सके उसके लिए शिक्षकों को ही पाबंद कर दिया गया है प्राथमिक माध्यमिक किया है।
स्कूल स्तर पर किसी भी स्कूल में शिक्षक बदलने पर छात्रों को एडमिशन दिलाने से पहले नहीं किया जा सकता यह स्कूल शिक्षा विभाग बीते कुछ सालों से सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने वाले स्टूडेंट में ड्रॉप आउट की स्थिति से चिंतित हो गए हैं ।
बताया जा रहा है कि इसमें हर साल के और अप्रवेशी की संख्या बढ़ रही है जिसको देखते हुए अब लोग शिक्षण संचनालय में नई प्रवेश की नीति को तैयार कर लिया है बताया जा रहा है।
किया आने वाले सत्र में मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल में इसी नीति के अंतर्गत एडमिशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा जिसमें विभागीय अधिकारियों का यह कहना है की नई नीति के ड्राफ्ट आउट के हालात पर काबू भी पा लिया जाएगा।
शिक्षकों की होगी एडमिशन की जवाबदारी
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट की संख्या घटती हुई देखते हुए अब लोग शिक्षण संचनालय ने पॉलिसी में बदलाव किया जिसमें प्राथमिक माध्यमिक हाई स्कूल कक्षा में पढ़ाई करने के बाद में छात्र स्कूल ऐसे ही छोड़ करके नहीं जा पाए।
अगर आप छात्र प्राथमिक शाला में है तो पांचवी कक्षा पास कर लेता है तो माध्यमिक शाला में एडमिशन का जवाबदारी प्राथमिक शिक्षकों का रहेगा और उसी प्रकार माध्यमिक शिक्षक नवी कक्षा हाई स्कूल शिक्षक 11वीं कक्षा के लिए सुनिश्चित कर दिए गए हैं।
जिसमें कक्षा पास करने या फेल होने के बाद में छात्र टीसी लेकर नहीं जाएगी लेकिन नजदीकी या पसंद के अनुरूप स्कूल में एडमिशन हो उसके लिए छात्र और उसके परिजन अपनी प्राथमिकता रख सकेंगे।
बढ़ रहा ये आंकड़ा
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं की अव्यवस्था शिक्षकों की कमी और पढ़ाई की गिरते हुए स्तर के कारण से छात्र लगातार स्कूल छोड़ रहे हैं और यह पिछले कुछ सालों में स्कूल छोड़ने के बाद किसी भी कक्षा में प्रवेश नहीं देने वाले स्टूडेंट का ग्राफ तेजी से उछलते जा रहा है।
जिसमें सालाना यहां आंकड़ा बढ़ रहा है स्कूल छोड़ने के कारण से इन स्टूडेंट की पढ़ाई अधूरी ही छूट रही है सरकार को इसकी चिंता की वजह से लोग शिक्षण संचनालय ने मुक्त तैयारी को कर लिया गया जिससे आप स्टूडेंट स्कूल नहीं छोड़ पाएगी।
और प्रिंसिपल तथा प्राचार्य के जवाबदारी इसकी निगरानी रहेगी पढ़ाई के बाद में स्टूडेंट के दूसरे शहर या नीचे स्कूल में एडमिशन लेने की स्थिति को लेकर के स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है लेकिन हर पास आउट बच्चे का अगली कक्षा में एडमिशन हो और वह पढ़ाई ना छोड़ सके इस पर नज़रें टिकी रहेगी।
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