Engineer Baba News : आईआईटी छोड़ भक्ति की राह पर ‘इंजीनियर बाबा’ अभय सिंह , महाकुंभ से अचानक गायब होने की कहानी

यह आकर्षण कोई और नहीं, बल्कि आईआईटी-बॉम्बे के पूर्व छात्र और एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह थे।जिन्हें लोग 'इंजीनियर बाबा' के नाम से जानने लगे हैं।

  • इंजीनियर से बाबा बनने तक का सफर
  • अभय सिंह का मानना  असली साइंस क्या है?
  • महाकुंभ में कैसे पहुंचे इंजीनियर बाबा?

Engineer Baba News : प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार एक अनोखा आकर्षण देखने को मिल रहा है।जिसने श्रद्धालुओं और मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया हुआ। यह आकर्षण कोई और नहीं, बल्कि आईआईटी-बॉम्बे के पूर्व छात्र और एयरोस्पेस इंजीनियर अभय सिंह थे।जिन्हें लोग ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से जानने लगे हैं। लेकिन हाल ही में आई एक चौंकाने वाली खबर ने सभी को हैरान कर दिया है।बाबा अभय सिंह ने अचानक महाकुंभ छोड़ दिया और अज्ञात स्थान पर चले गए है।

इंजीनियर से बाबा बनने तक का सफर

हरियाणा के झज्जर जिले से ताल्लुक रखने वाले अभय सिंह का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं  रहा है। उनके पिता कर्ण सिंह एडवोकेट हैं।और झज्जर बार एसोसिएशन के प्रधान भी रह चुके हैं। अभय सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई झज्जर में पूरी की और फिर जेईई परीक्षा पास कर आईआईटी बॉम्बे में दाखिला ले लिया था। वहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक किया और अपने करियर की शुरुआत कनाडा की एक नामी एयरोप्लेन बनाने वाली कंपनी से की।

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लेकिन  उनका यह सफर ज्यादा लंबा नहीं चला। कुछ ही समय बाद अभय ने नौकरी छोड़ दी और भारत लौट आए। इसके बाद उनका जीवन एक नया मोड़ लेता है। जब वे अध्यात्म की ओर मुड़ते हैं।

अभय सिंह का मानना  असली साइंस क्या है?

बाबा अभय सिंह का मानना है कि असली विज्ञान अध्यात्म में छिपा हुआ है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “जब मैं आईआईटी में था, तो मुझे लगता था कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ही सब कुछ होता है। लेकिन जब मैं अध्यात्म की ओर आगे बढ़ा तो मुझे अहसास हुआ कि असली विज्ञान यही है।”उनका यह दृष्टिकोण खासकर युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है, जो अक्सर भौतिक विज्ञान और आध्यात्मिकता को अलग मानते हैं।

महाकुंभ में कैसे पहुंचे इंजीनियर बाबा?

महाकुंभ के श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़ गए अभय सिंह ने अपने अनोखे अंदाज और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आध्यात्मिक विचारों को प्रस्तुत करना शुरू कर दिया ।वे चित्रों और आरेखों की मदद से जटिल आध्यात्मिक अवधारणाओं को सरलता से समझाते थे।जिससे श्रद्धालुओं और मीडिया के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई।

उनके विचार और प्रस्तुतिकरण ने  युवा पीढ़ी को को बहुत प्रभावित किया। इंजीनियरिंग और विज्ञान की ज्ञान होने के कारण वे आध्यात्म को एक अलग तरीके से प्रस्तुत कर पाए।जिससे लोग आसानी से  उनसे जुड़ पा रहे थे।

महाकुंभ छोड़ गय अज्ञात स्थान

हाल ही में बाबा अभय सिंह ने महाकुंभ छोड़ दिया है  और अज्ञात स्थान पर चले गए। उनके अचानक गायब होने से न केवल उनके श्रद्धालु बल्कि उनका परिवार भी चिंतित है।

क्या थी कुंभ छोड़ने की  वजह?

उनके माता-पिता भी गुरुवार रात जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम पहुंचे। लेकिन तब तक वह जा चुके थे। बाबा का मोबाइल नंबर भी बंद है।जिससे उनके ठिकाने का पता नहीं लगाया जा सकता है

  • मीडिया में उनकी कुछ बातों को लेकर विवाद हुआ जिसने उन्हें और अधिक परेशान कर दिया था।
  • बाबा ने शायद खुद को इन सब से दूर रखने के लिए महाकुंभ छोड़ने का फैसला लिया। जिससे वो शांति में रह सके।
  • आश्रम के संतों के मुताबिक, बाबा लगातार मीडिया को इंटरव्यू दे रहे थे।जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ गया था।

परिवार और आश्रम की चिंता

बाबा के अचानक गायब होने से उनके परिवार वाले और जूना अखाड़े के संत चिंतित दिखाई दे रहे है। उनके माता-पिता ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया है।लेकिन आश्रम के संतों का कहना है कि बाबा का जाना अप्रत्याशित था।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और मीडिया के लगातार दबाव ने शायद उन्हें इतना परेशान कर दिया था  कि उन्होंने खुद को सब से दूर रखने का फैसला किया।

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Rahul Srivastava

मेरा नाम राहुल श्रीवास्तव है मैं नरसिंहपुर जिले से हूं ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय मैं अखबारों में कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ-साथ समाचार लेखन का काम भी किया और अब समाचार लेखन का काम की नई शुरुआत कर रहा हूं मेरे द्वारा लिखे गए कंटेंट पूर्णता सत्य होंगे और आपको यह कंटेंट अच्छे लगेंगे।

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