लेखपाल विकास सोलंकी के खिलाफ EOW की बड़ी कार्रवाई,12 से ज्यादा अधिकारी, सिविक सेंटर घोटाला और गड़बड़ी की जांच शुरू
EOW Raid मे इंदौर टीम ने सोलंकी के रतलाम स्थित ग्लोबस कॉलोनी में सुबह करीब 4 बजे छापा मारा।

- विकास सोलंकी पर क्या आरोप हैं
- EOW की छापेमारी मे मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज
- नगर निगम में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया
EOW Raid : मध्य प्रदेश के रतलाम नगर निगम के पूर्व उपायुक्त और वर्तमान लेखपाल विकास सोलंकी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। EOW की टीम ने आज सोलंकी के घर पर छापा मारा, जिसमें 12 से ज्यादा अधिकारियों शामिल है ।
यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच के तहत की जा रही है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों को जब्त किया है।
विकास सोलंकी पर क्या आरोप हैं?
विकास सोलंकी पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें सबसे बड़ा आरोप आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का है। सोलंकी को रतलाम नगर निगम में उपायुक्त पद से हटाया गया था, और यह कार्रवाई सिविक सेंटर के फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में उनकी संलिप्तता के कारण की गई थी।
इस मामले में सोलंकी पर आरोप था कि उन्होंने नगर निगम की संपत्ति को कम दाम पर बेचने में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, सोलंकी के खिलाफ स्टोर में खरीदारी में गड़बड़ी की शिकायतें भी आई थीं।
संपत्तिकर के प्रभारी रहते शिकायतें
सोलंकी के खिलाफ अन्य विभागों में भी कई शिकायतें हैं, खासकर जब वह संपत्तिकर के प्रभारी थे। उनके कार्यकाल में संपत्तिकर विभाग में भी अनियमितताएं पाई गईं, जिसके कारण भ्रष्टाचार के आरोपों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन सभी शिकायतों ने EOW की जांच को और गंभीर बना दिया है, और अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
EOW की कार्रवाई मे कई दस्तावेजों की जब्ती
EOW के अधिकारियों ने सुबह के समय सोलंकी के रतलाम स्थित घर पर छापा मारा, जिसमें 12 से ज्यादा अधिकारी शामिल थे। EOW की टीम ने कई दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े साक्ष्य जब्त किए अधिकारियों के मुताबिक, इस छापेमारी के बाद मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
नगर निगम में कई पदों पर कार्य किया
विकास सोलंकी ने नगर निगम में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें उपायुक्त, संपत्तिकर प्रभारी जैसे पद शामिल हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं, जिनकी जांच अब EOW द्वारा की जा रही है। सोलंकी पर यह आरोप भी है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर निगम की संपत्ति को कम मूल्य पर बेचा, जिससे नगर निगम को भारी नुकसान हुआ।
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