Hamidia Hospital: हमीदिया का खुला राज दलालों के गिरोह भंडाफोड़ रजिस्ट्रेशन के बहाने करते थे….

Hamidia Hospital: जानकारी के लिए बता देते हैं की राजधानी की हमें दिया अस्पताल में कुछ दलालों का भंडाफोड़ हो गया है जी हां बताया जा रहा है कि यह अस्पताल प्रबंधन ने मंगलवार को दलालों के गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया।
इस गिरोह में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों तथा 108 एंबुलेंस की चालक भी शामिल है यह हमिदीया अस्पताल प्रबंधन ने मंगलवार को दलालों के एक गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है इस ग्रह में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों तथा एंबुलेंस चालक भी शामिल है।
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बताया जा रहा है कि इन दलालों के द्वारा मरीजों को बहला फुसला करके नीचे हॉस्पिटल में भर्ती करने की कोशिश की जा रही थी यह कार्यवाही तब हुई जब मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले जाने की साजिश को रंगे हाथों पकड़ लिया गया यह अधीक्षक डॉक्टर सुनीता टंडन ने डाल लो और कर्मचारियों को पड़कर के थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई ।
रजिस्ट्रेशन के बहाने हुई धोखाधड़ी
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि 108 एंबुलेंस से मरीजों को नीचे अस्पताल पहुंचाने का एक समय है जिसमें प्रति किलोमीटर शुरू कर लिया जाता है और यहां प्रबंधन ने अनुमोदन लेना आवश्यक होता है लेकिन दलाल और कर्मचारियों ने इसे दरकिनार कर दिया।
मरीजों को पहले हमिदिया अस्पताल लाने और वाहन रजिस्ट्रेशन करने के बाद में नीचे अस्पताल में एंबुलेंस में शिफ्ट करने की साजिश रची गई यह पूरी प्रक्रिया मरीज और अस्पताल को भ्रमित करने के उद्देश्य से की जा रही थी।
इन पर रखी पहली नजर
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मंगलवार की सुबह को एक संदिग्ध व्यक्ति को अस्पताल की कारों ने इमरजेंसी वार्ड में पकड़ा जिसमें पूछताछ करने पर यह पता चला की सीट केयर नमक निजी अस्पताल का कर्मचारी है और वह बिना किसी मरीज के यहां पर घूम रहा था उसने स्वीकार किया गया कि वह जरूरतमंद मरीजों को सहायता करने के बहाने दलाली करता था।
और उसके बाद में वहां अपनी गाड़ी छोड़कर के फरार हो गया शाम को जब दलालों की साजिश पकड़ी गई तो तब अस्पताल अधीक्षक ने कर्ण को सतर्क रहने और संदिग्ध लोगों पर नजर रखने की निर्देश दिए गए।
प्रबंधन का बयान आया सामने
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सुनीता टंडन ने यहां बताया है कि उन्होंने चार 108 एंबुलेंस और निजी अस्पताल के तीन दलालों को पकड़ा गया जिसमें बताया गया कि षड्यंत्र में अस्पताल की वार्ड बॉय भी शामिल थे ।
जिसके खिलाफ में सख्त कार्यवाही को किया जाएगा 108 एंबुलेंस में सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने इस घटना में 108 स्टॉप की सैलरी पता से इनकार कर दिया संलकता से इनकार कर दिया।
जिसमें कहा गया कि प्राइवेट एंबुलेंस द्वारा ऐसा किया जा रहा है और उन्होंने दिन के साथ एक नई प्रक्रिया को भी तय कर दिया गया जिसमें ओपीडी एडमिशन के बाद में दस्तावेजों का वेरिफिकेशन सुनिश्चित किया जाए।
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