Kisan ID Kaise Banayen : मात्र 2 मिनट में घर बैठे बनाए किसान आईडी,जान लीजिए आसान तरीका
सभी किसानों को अपनी किसान आईडी बनवाना है।यह किसानों की अपनी एक अलग ही डिजीटल पहचान होगी। राज्य की भूमि रिकॉर्ड में किसान की आईडी सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है।

Kisan ID Kaise Banayen :डिजिटल कृषि मिशन के अंतर्गत,भारत सरकार ने 02 सितंबर ,2024 को डीपीआई का निर्माण करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उलब्धि हासिल की है।जिसके तहत सभी किसानों को अपनी किसान आईडी बनवाना अनिवार्य है।जानिए पूरी खबर।
सभी किसानों को अपनी किसान आईडी बनवाना है।यह किसानों की अपनी एक अलग ही डिजीटल पहचान होगी। राज्य की भूमि रिकॉर्ड में किसान की आईडी सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है।इसका मतलब यह है की किसान आईडी एक व्यक्तिगत किसान के भूमि रिकॉर्ड विवरण में बदलाव के साथ-साथ ऑटोमेटिक रूप से अपडेट भी होती है। किस आईडी का उद्देश्य है जिससे किसानों को केंद्रित लाभ दिया जा सके।
किसान आईडी से यह लाभ
किसान आईडी से विभिन्न तरह के लाभ दिए जा रहे हैं।
- सरकारी योजना तक आसानी से पहुंच जाएगा
- सुबह व्यवस्थित कागज रहित वी संपर्क रहित फसल ऋण को घंटे के अंदर संसाधित किया जा सकता है
- किसान की अपनी आवश्यकता के अनुसार व्यक्तिगत कृषि विस्तार सेवाएं दी जाएगी।
- बाजार संपर्क का विस्तार होगा।
- बेहतर वित्तीय समावेशन मिलेगा।
किसान का डिजिटल पहचान पत्र करवाई योग अंतर्दृष्टि एवं सूचित नीति निर्माण के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में कार्य करेगा इस पहचान पत्र के द्वारा किसान केंद्र समाधान विकसित किया जा सकते हैं और कुशल कृषि सेवा वितरण सुनिश्चित किया जाएगा इसके साथ ही कृषि परिवर्तन के लिए एक डिजिटल परिस्थिति तंत्र का निर्माण भी किया जाएगा जिसका लक्ष्य होगा क्या स्थाई कृषि पर ध्यान देना और किसान की आय में बढ़ोतरी करना इन बातों पर अमल किया जाएगा।
किसान आईडी इतने तरह सेे बनाया जा सकता है
किस आईडी को कई तरह से बनाया जा सकता है किस आईडी निर्माण के लिए व्यापक कवरेज सुरक्षित किया जाता है भारत सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने राज्य के लिए एक बहुआयामी रणनीति विकसित की है जिसमें किसानों की पहचान पत्र तैयार करने वाले चैनल है उनकी सहायता से किस आईडी बनाई जाएगी और यह आईडी एक तरह की नहीं कई तरह की बनाई जाती है।
- किसान स्वयं मोबाइल का उपयोग करके किसानों द्वारा स्व-पंजीकरण कर सकते है।
- सहायक प्रशिक्षित जमीनी कार्यकर्ता/स्वयंसेवकों द्वारा सहायता प्राप्त करके पंजीकरण करा सकते है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में समर्पित पंजीकरण कैंप का आयोजन किया जाता है।
- सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण किया जाएगा।
किसान आईडी बनाने के लिए भारत सरकार के यह प्रयास
किसान आईडी बनाने के लिए भारत सरकार ने बहुत से प्रयास किए हैं डिजिटल कृषि मिशन ने किस रजिस्ट्री बनाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में कृषि के लिए डीपी एवं पूंजीगत परियोजनाओं हेतु विशेष केंद्रीय सहायता की है। और समझौते के माध्यम से कृषि क्षेत्र के लिए डीपी निर्माण के लिए राज्यों और केंद्र सरकार के बीच एक सहयोगी प्रयास भी किया है।
इसके साथ-साथ डिजिटल कृषि मिशन के द्वारा केंद्र सरकार तकनीकी दिशा निर्देश और संदर्भ अनुप्रयोग एवं कंप्यूटर क्षमता भी प्रदान की जा रही है और इसके साथ ही क्षमता को बढ़ाकर एवं प्रशिक्षण प्रदान कर राज्यों को सक्षम भी बनाया जा रहा है। भारत सरकार ने शिवरों का आयोजन भी किया है जिससे को पंजीकरण आसानी से किया जा सके। भारतीय प्रोत्साहन एवं किसान आईडी तैयार करने में शामिल राज्यों के कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
राज्य स्तर की यह पहल
राज्य स्तर पर ले किसान आईडी बनाने के लिए पहल की जा रही है। राज्य स्तर पर पहल के मुख्य आकर्षणों में अंतर विभागीय समन्वय एवं सहयोग शामिल है इसके साथ ही विशेष रूप से राजेश्वर कृषि विभागों के बीच भी सहयोग शामिल किया गया है। कुछ राज्यों ने कृषि क्षेत्र में डीपी विकसित करने के लिए प्रक्रिया सुधारो सहित प्रशासनिक एवं तकनीकी परिवर्तनों को भी सक्षम बनाया है। राज्यों के द्वारा प्रगति की निगरानी करने स्थानीय सहायता प्रदान करने और उत्पन्न डाटा की गुणवत्ता एवं सटीकता सुनिश्चित करने के लिए परियोजना प्रबंधन इकाइयों और समन्वय टीम का गठन भी किया गया है।
किसान आईडी बनाने में गुजरात पहले
गुजरात किसान आईडी बनाने में सबसे पहले है। गुजरात में 25% किसान आईडी बनाई गई है।जबकि अन्य राज्य की अच्छी प्रगति कर रही है। मध्य प्रदेश में कम समय में ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है मध्य प्रदेश 9 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि महाराष्ट्र अभी तक सिर्फ 2% पर है। और उत्तर प्रदेश ,असम ,छत्तीसगढ़ ,उड़ीसा और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने भी किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।
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