Kal ka Mausam : अगले दो दिनों 4,5 जनवरी का कैसा रहेगा मौसम विशेषज्ञों ने दी चेतावनी जानिए

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड में और वृद्धि हो सकती है और शीत लहर का असर कई जिलों में दिखाई दे सकता है।

  • 4 जनवरी और 5 जनवरी को घना कोहरा छाए रहने की संभावना
  • “ला नीना ” के प्रभाव से ठंड का असर
  • जनवरी के अंत तक ठंड और बढ़ सकती
  • 15 जनवरी तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में शीत लहर

Kal ka Mausam : मध्यप्रदेश में इन दिनों कड़क ठंड और शीत लहर का दौर जारी है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है, और तापमान में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है।

विशेष रूप से बीते 3-4 दिनों से प्रदेश में ठंड में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिसका मुख्य कारण पहाड़ों में हो रही बर्फबारी बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड में और वृद्धि हो सकती है और शीत लहर का असर कई जिलों में दिखाई दे सकता है।

“ला नीना ” के प्रभाव से ठंड का असर

हाल ही में हिमालय क्षेत्र और उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है, जिसका असर मध्यप्रदेश के मौसम पर भी दिख रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय जो ठंडी हवाएं उत्तर भारत से आ रही हैं। वह प्रदेश में ठंड का कारण बन रही हैं।

इन हवाओं के प्रभाव से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान में गिरावट आई है। विशेष रूप से पचमढ़ी और अन्य हिल स्टेशनों पर तापमान शून्य से नीचे गिर सकता है।

इसके अलावा, वैज्ञानिकों का मानना है कि “ला नीना” के प्रभाव से ठंड का असर अधिक दिनों तक बना रह सकता है। ला नीना एक ऐसा मौसम पैटर्न है। जो उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करता है और ठंड का सामना कराता है।

इस बार का “ला नीना “असर खासा मजबूत दिख रहा है, और इसकी वजह से ठंड का असर जनवरी से लेकर मार्च तक जारी रह सकता है। खासकर मध्यप्रदेश में इस ठंड का असर अधिक समय तक रहेगा और तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।

आने वाले दिनों में और बढ़ेगी ठंड

मौसम वैज्ञानिकों ने इस बात की चेतावनी दी है कि आने वाले 3-4 दिनों तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में शीत लहर का असर जारी रहेगा। हालांकि, दिन के समय तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, लेकिन रात के समय में तापमान में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। कुछ जिलों में बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना भी जताई जा रही है।

पचमढ़ी, रीवा, रायसेन, मंडला, नौगांव, राजगढ़, खजुराहो, उमरिया, गुना और भोपाल जैसे स्थानों पर तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है। यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। विशेषकर रात के समय पारा अधिक गिर सकता है, और ठंड की बढ़ोतरी हो सकती है।

4 जनवरी और 5 जनवरी को घना कोहरा छाए रहने की संभावना

मध्यप्रदेश के कई जिलों में इस समय घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे सड़क मार्ग पर यात्रा करने में परेशानी हो रही है। 4 जनवरी और 5 जनवरी को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, , गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर,नरसिंहपुर, दमोह, निवाड़ी, मच, मंदसौर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, कटनी, सतना, मैहर, सीधी, मऊगंज, सिंगरौली और रीवा में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।

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भोपाल और उज्जैन में तो कोहरा इतना घना था कि सुबह 8:30 बजे तक 50 मीटर के बाद दृश्यता नहीं मिल रही थी। इस तरह का कोहरा 5 जनवरी तक जारी रह सकता है। और इससे यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तापमान में गिरावट

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी के कारण शीत लहर और ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश की ओर आ रही हैं। इन हवाओं की गति और ठंडक को “ला नीना” का प्रभाव माना जा रहा है।

“ला नीना” का मतलब है कि प्रशांत महासागर के पानी का तापमान सामान्य से कम होता है, जिसके कारण उत्तरी हवाएं ठंडी होती हैं। और भारत के अधिकांश हिस्सों में ठंड बढ़ जाती है। इस बार का ला नीना प्रभाव काफी मजबूत है।और इसके कारण ठंड का असर जनवरी से लेकर मार्च तक लगातार बना रह सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि “ला नीना “के प्रभाव से इस बार उत्तर भारत में ज्यादा बर्फबारी हो सकती है, और इससे ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश में भी तेजी से फैल सकती हैं। इससे यहां ठंड का असर अधिक समय तक रहेगा, और प्रदेशवासियों को कड़ी सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।

ठंड का असर

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, ला नीना का असर पर्यावरण और कृषि के लिए फायदेमंद हो सकता है। ला नीना की वजह से उत्तर भारत में अधिक बर्फबारी होती है। जिससे न केवल तापमान गिरता है बल्कि खेती के लिए भी यह अच्छा साबित हो सकता है। ठंड और शीत लहर से खेती में भी पानी की कमी को पूरा करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि बर्फबारी से जल स्रोतों में वृद्धि होती है।

मध्यप्रदेश में भी इस दौरान ठंड का असर कृषि पर पड़ सकता है। विशेष रूप से ताजे फलों और सब्जियों की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, ठंडी के मौसम से कुछ विशेष प्रकार की फसलों को लाभ हो सकता है।लेकिन यह तापमान की अत्यधिक गिरावट के कारण फसल पर बुरा असर भी डाल सकता है।

आने वाले दिनों का मौसम

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी के अंत तक ठंड और बढ़ सकती है। 15 जनवरी तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में शीत लहर का असर रहेगा। और तापमान 6-7 डिग्री तक गिर सकता है।

इसके बाद फरवरी में भी ठंड का प्रभाव जारी रहेगा।और मार्च के पहले सप्ताह तक ठंड का असर जारी रह सकता है। विशेष रूप से मध्यप्रदेश के पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा सकता है।

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Alok Singh

मेरा नाम आलोक सिंह है मैं भगवान नरसिंह की नगरी नरसिंहपुर से हूं ।और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आया था ।मुझे पत्रकारिता मैं इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया का 20 वर्ष का अनुभव है खबरों को प्रमाणिकता के साथ लिखने के हुनर में माहिर हूं।

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