Ladli Behna Yojna 2025 : प्रदेश की 1 लाख 63 हजार महिलाये हुई निराशा, अब इनको कभी नहीं मिलेगी 1250 रुपये किस्त का लाभ

हाल ही में एक बदलाव हुआ है।जिसके कारण लाखों लाभार्थियों को इस योजना से वंचित कर दिया गया है। अब 60 वर्ष से ऊपर की उम्र की महिलाओं के नाम लाड़ली बहना योजना से हटा दिए गए है।

  • लाड़ली बहना योजना की शुरुआत
  • क्या था सरकार का तर्क?
  • प्रदेश में हुआ लाखों महिलाओं में निराशा का माहौल
  • लाड़ली बहन योजना से वंचित हुईं 1.63 लाख महिलाएं

Ladli Behna Yojna 2025 :मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना महिलाओं और युवतियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत महिलाओं को हर माह 1000 रुपये की मदद मिलती थी। सहायक राशि के रूप में 250 रुपए बढ़ाए गए थे जिसे बाद में बढ़ाकर 1250 रुपये किया गया। इसके बाद महिलाओ को हर महिने 1250 रुपए आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते है।

हाल ही में एक बदलाव हुआ है।जिसके कारण लाखों लाभार्थियों को इस योजना से वंचित कर दिया गया है। अब 60 वर्ष से ऊपर की उम्र की महिलाओं के नाम लाड़ली बहना योजना से हटा दिए गए है।जिससे उन्हे अब आने बाली किस्त का लाभ नहीं मिलेगा।

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की इस योजना की शुरुवात महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए की थी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना था। योजना के शुरू होते ही लाखों महिलाओं ने इसका लाभ लिया पहले इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये मिलते थे, लेकिन बाद में 250 की वृद्धि की गई। यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई।

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सरकार ने इसे एक सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में पेश किया था।जो विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए थी जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी।और जो गरीब वर्ग से थी। इस राशि का इस्तेमाल महिलाएं अपने घर के खर्चों, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं के लिए करती थीं।इस राशि के द्वारा महिलाएं अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकती है।और आत्मसम्मान की जिंदगी दी सकती है।

प्रदेश में हुआ लाखों महिलाओं में निराशा का माहौल

हाल ही में इस योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है जिससे  लेकर प्रदेश की लाखों महिलाओं में निराशा का माहौल है। अब 60 वर्ष से ऊपर की उम्र की महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया गया है। पिछले महीने यानी दिसंबर 2024 में 1.28 करोड़ महिलाओं के खाते में 1572 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। लेकिन इस बार 1 लाख 63 हजार महिलाओं को अपात्र घोषित कर दिया गया है।

इस बदलाव के कारण यह महिलाएं आने बाली  12 जनवरी को होने वाली 1250 रुपये की किस्त से वंचित हो गई । खासतौर पर उन महिलाओं के लिए यह एक बड़ा धक्का है।इस निर्णय के कारण कई महिलाओं में सरकार के खिलाफ निराशा और गुस्सा देखा जा रहा है।

क्या था सरकार का तर्क?

सरकार के मुताबिक यह बदलाव योजना को और अधिक लक्षित और प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि योजना का उद्देश्य उन महिलाओं तक पहुंचाना था।जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे में 60 वर्ष के ऊपर की महिलाओं को इस योजना से हटा दिया गया है।क्योंकि उनकी पेंशन या अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से उन्हें पहले ही वित्तीय सहायता मिल रही है।

लेकिन सरकार ने इस बदलाव को समाज के हित में बताया है। लेकिन इसके परिणाम स्वरूप कई महिलाओं का जीवन प्रभावित हुआ है। जिन महिलाओं के नाम काटे गए हैं।

लाड़ली बहन योजना से वंचित हुईं 1.63 लाख महिलाएं

नए आंकड़ों के मुताबिक 1 लाख 63 हजार महिलाओं के नाम इस योजना से हटाए गए हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 में योजना के तहत 1.28 करोड़ महिलाओं को लाभ मिला था।यह बदलाव उन महिलाओं के लिए बेहद निराशाजनक है।जिन्हें अब आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

और अब सिर्फ 1.26 करोड़ महिलाएं ही इस किस्त का लाभ उठा सकेंगी।  इन महिलाओं में से बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जिनको  1250 रुपये की रकम उनके लिए बहुत मायने रखती थी। लेकिन अब उनको इस योजना से हटा दिया गया है।

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Rahul Srivastava

मेरा नाम राहुल श्रीवास्तव है मैं नरसिंहपुर जिले से हूं ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय मैं अखबारों में कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ-साथ समाचार लेखन का काम भी किया और अब समाचार लेखन का काम की नई शुरुआत कर रहा हूं मेरे द्वारा लिखे गए कंटेंट पूर्णता सत्य होंगे और आपको यह कंटेंट अच्छे लगेंगे।

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