Madhya Pradesh Assembly Session 2025 : बजट सत्र 10 मार्च से शुरू सुरक्षा के कड़े इंतजाम, प्रदर्शन पर रोक
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होने जा रहा है, जिसमें कड़े सुरक्षा प्रबंधों के तहत प्रदर्शन और जुलूस पर रोक लगा दी गई है।

- बजट सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा विधानसभा सत्र, सुरक्षा के कड़े इंतजाम।
- प्रदर्शन और जुलूस पर रोक, किराएदारों का सत्यापन अनिवार्य।
- जनता और राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील।
Madhya Pradesh Assembly Session 2025 : 10 मार्च से मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है, और इसको लेकर सुरक्षा इंतजामों में कोई कमी नहीं रखी गई है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने शुक्रवार को सुरक्षा निर्देश जारी किए, जो 24 मार्च तक प्रभावी रहेंगे। इस दौरान विधानसभा और उसके आसपास के क्षेत्रों में जुलूस, प्रदर्शन और सार्वजनिक सभाओं पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
सख्त सुरक्षा निर्देश
सुरक्षा के मद्देनजर, विधानसभा सत्र के दौरान 5 किलोमीटर के दायरे में भारी वाहनों और तांगा-बैलगाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसका उद्देश्य किसी भी तरह की अव्यवस्था को टालना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इसी के साथ, किराएदारों का पुलिस द्वारा सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
प्रदर्शन और जुलूस पर रोक
प्रदर्शनों पर रोक के लिए कुछ खास मार्गों को चिन्हित किया गया है, जिनमें शामिल हैं
लिली टॉकीज से 7वीं बटालियन तक का मार्ग।
बाणगंगा चौराहा से राजभवन तक का रास्ता।
जिंसी चौराहा से पुरानी जेल तक की सड़क।
स्लाटर हाउस रोड से बोर्ड ऑफिस चौराहा तक।
झरनेश्वर मंदिर चौराहे से रोशनपुरा चौराहा तक।
पॉलिटेक्निक रोड से सीएम निवास तक।
नई विधानसभा से राजभवन, सीएम निवास और पत्रकार भवन तक के सभी मार्ग।
यह आदेश केवल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं, ताकि विधानसभा सत्र शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
सुरक्षा व्यवस्था
विधानसभा परिसर और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। सीसीटीवी निगरानी बढ़ाई गई है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया जा सके। प्रशासन ने आम जनता और राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की है, ताकि विधानसभा सत्र का संचालन बिना किसी बाधा के हो सके।
जनता का सहयोग आवश्यक
सुरक्षा व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जनता का सहयोग भी बहुत जरूरी है। आम जनता को सलाह दी गई है कि वे इन निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की समस्या होने पर पुलिस से संपर्क करें। इससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि लोकतंत्र की यह प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चल सकेगी।
राजनीतिक दलों का समर्थन
राजनीतिक दलों की ओर से भी इस आदेश का समर्थन किया जा रहा है। हालांकि, कुछ दल इस प्रतिबंध को असहमति के अभिव्यक्ति पर अंकुश मानते हैं। उनका कहना है कि लोकतंत्र में विरोध एक अहम हिस्सा है, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है।
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