Madhya Pradesh Board Exam 2025 : एस्मा लागू,परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी, छात्रों के लिए जरूरी जानकारी
इस कानून के माध्यम से सरकार ने यह निश्चित किया है कि परीक्षा के दौरान कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी परीक्षा की प्रक्रिया से परिक्षा पर कोई असर नहीं होना चाहिए।

- क्या है एस्मा का लागू होना ?
- बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केंद्र और निगरानी
- परीक्षा केंद्रों पर रखी जाएगी सख्त निगरानी
- विशेष समस्या में कर्मचारियों को अवकाश की छूट
Madhya Pradesh Board Exam 2025 : मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षा 2025 के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। आने वाले 25 फरवरी से 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्ष शुरू हो रही है।इन परीक्षा के सफल और शांतिपूर्ण तरीके से चलने के लिए प्रदेश सरकार ने एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट (एस्मा) लागू कर दिया है।
इसका मुख्य उद्देश्य होगा परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा को रोकना है।जिससे छात्रों को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।और परीक्षा में शांति बने रहे।इस कानून के द्वारा प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी न तो किसी विरोध प्रदर्शन में भाग ले सकते है और न ही उन्हें इस दौरान अवकाश दिया जाएगा।लेकिन गंभीर हालात में अवकाश की छूट दी जा सकती है।
क्या है एस्मा का लागू होना ?
बोर्ड परीक्षाओं में एस्मा को लागू करने का मुख्य उद्देश्य है की परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की होने वाली बाधा को रोका जा सके।जब कोई महत्वपूर्ण परीक्षा चल रही हो, तो इसके चलने के दौरान किसी भी प्रकार की हड़ताल, विरोध प्रदर्शन या अन्य किसी प्रकार की बाधा से छात्रों की पढ़ाई और परीक्षा परिणाम पर किसी प्रकार का कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
इसलिए इस कानून के माध्यम से सरकार ने यह निश्चित किया है कि परीक्षा के दौरान कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी परीक्षा की प्रक्रिया से परिक्षा पर कोई असर नहीं होना चाहिए।
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इस आदेश के तहत, 15 फरवरी से 15 मई 2025 तक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते है। इसके साथ ही उन्हें इस अवधि में कोई अवकाश भी नही दिया जाएगा। उन्हे सिर्फ गंभीर समस्या पर ही अवकाश दिए जाएंगे।
बोर्ड परीक्षा के परीक्षा केंद्र और सख्त निगरानी
मध्य प्रदेश में इस बार बोर्ड की परीक्षा के लिए 3,887 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। इन केंद्रों पर परीक्षा के संचालन के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।सबसे अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर सबसे अधिक निगरानी रखी जाएगी।जिससे कोई भी नकल का मामला सामने ना आ सके।
शिल्पा गुप्ता, डीपीआई आयुक्त, ने जानकारी दी कि इस बार परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी रखने के लिए पुरी तैयारी की गई है।इनमें से करीब 500 केंद्र अतिसंवेदनशील और संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं।जिनमें सबसे अधिक केंद्र मुरैना जिले में हैं।मुरैना में 44 परीक्षा केंद्र अतिसंवेदनशील और 10 केंद्र संवेदनशील हैं। वहीं, भिंड जिले में इस बार स्थिति में सुधार किया गया है।जहां अब केवल 4 केंद्र अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं।
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इस बार के आंकड़े यह बताते हैं कि पिछले दशक में ग्रुप नकल के सबसे ज्यादा मामले भी इन्हीं जिलों से सुनने में आए थे जिससे यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि इन क्षेत्रों में परीक्षा की प्रक्रिया कड़ी निगरानी के द्वारा पूरी की जाए। सरकार ने इन केंद्रों पर विशेष ध्यान देने का फैसला लिया है जिससे परीक्षा में किसी प्रकार की धोखाधड़ी या नकल का मामला सामने ना आ सके।
परीक्षा केंद्रों पर रखी जाएगी सख्त निगरानी
जैसे-जैसे परीक्षा की तारीख पास आ रही है। सरकार और शिक्षा विभाग ने परीक्षा के संचालन के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए गए है। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान छात्रों के प्रवेश और निकलने के समय पर भी कड़ी जांच की जाएगी।
परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के प्रवेश से लेकर परीक्षा समाप्त होने तक की हर प्रतिक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।इसके साथ ही, परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए केंद्रों पर निगरानी टीम भी तैनात की जाएगी।जो यह देखेगा कि परीक्षा में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो।
इस बार, माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के लिए विशेष निगरानी टीम बनाई है।इन टीम का यह काम होगा कि वे यह देखे की परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार का धोखाधड़ी या नकल का मामला न हो।
बोर्ड परीक्षा के पहले कलेक्टर और संभागायुक्तों की बैठक
मध्य प्रदेश के सभी संभागायुक्तों और कलेक्टरों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक आयोजित की गई है।यह बैठक 5 फरवरी को परीक्षा के बेहतर संचालन और तैयारी के लिए आयोजित की जाएगी। इस बैठक में परीक्षा के संचालन, सुरक्षा इंतजामों, निगरानी व्यवस्था और परीक्षा केंद्रों की स्थिति पर विस्तार से इस बिषय पर चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने विभिन्न जिलों के शिक्षा अधिकारियों को भी इस बारे में निर्देश जारी कर दिए है जिससे कोई भी तकनीकी या प्रशासनिक समस्या उत्पन्न न हो सके।
इस बैठक के द्वारा यह निश्चित किया जाएगा कि सभी केंद्रों पर समय से सभी व्यवस्थाएँ पूरी कर ली है या नही।और छात्रों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े।
विशेष समस्या में कर्मचारियों को अवकाश की छूट
जैसा कि पहले बताया गया है इस आदेश के द्वारा अधिकांश कर्मचारियों को अवकाश नहीं दिया जाएगा।लेकिन विशेष कारणों पर कुछ छूट दी जा सकती है। यह छूट सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों के लिए मान्य होगी। जिन्हें चिकित्सा कारणों या अन्य गंभीर कारणों के चलते अवकाश की आवश्यकता होगी। अन्यथा किसी भी प्रकार का कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा।