Madhya Pradesh Government: मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला होगा इन 29 जिलों में बदलाव
मध्य प्रदेश की सरकार ने 29 जिलों के 827 ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का फैसला कर लिया

Madhya Pradesh Government: मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला होगा इन 29 जिलों में बदलाव आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां मध्य प्रदेश की सरकार ने 29 जिलों के 827 ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का फैसला कर लिया है।
जी हां बताया जा रहा है कि गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद में इन गांव में के सड़क बिजली पानी जैसी सुविधाओं को बताया जा रहा है कि यहां आदिवासी अब कानूनी अधिकार प्राप्त करके मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे ।
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और यह बदलाव सिंह क्षेत्र में विकास कार्यों को गति भी मिलेगी। तथा आदिवासी समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
जाने महत्वपूर्ण कदम
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश के कुल 925 1 ग्राम है जिसमें से 827 को राजस्व ग्राम में बदला जा रहा है बताया जा रहा है कि आप प्रक्रिया के अंतर्गत अब तक 792 गांव का रूपांतरण भी हो गया है तथा 790 गांव का बजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है ।
यह कदम आदिवासी को कानून कानूनी अधिकार और बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क बिजली पानी आदि उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है बताया जा रहा है कि इसके अलावा अरविंद क्षेत्र में सामान्य ग्रामीणों की जैसे जमीन और कृषि संबंधित अधिकार भी प्राप्त कर सकेंगे ।
इतिहास और पहल
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इस बदलाव की नई 20 साल पहले रखी गई थी जो की 2002 2004 के बीच में राज्य सरकार ने वेनोग्राम को राजस्व ग्रामों में बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।
बताया जा रहा है कि यह 22 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह और सहकारी का मंत्री अमित शाह ने भोपाल के वन समितियां के सम्मेलन से यह निर्णय करने के घोषणा भी की गई थी तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है।
देखिए मुख्यमंत्री की अहम बैठक
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें डॉक्टर मोहन यादव ने हाल ही में अधिकारियों के साथ में बैठक की जिसमें बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देश भी दे दिया गया था।
जिसमें वन अधिकार अधिनियम और पैसा अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा था।
जाने आदिवासियों के लिए फायदे
- जंगल कानून से राहत
- बुनियादी सुविधाओं का विकास
- कानूनी अधिकारियों तक आसानी से पहुंच जाना
- मुख्य धारा में शामिल होने का मौका।
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