Mamta Kulkarni latest News : किन्नर अखाड़े मे ये क्या हो गया एक साथ 2 महामंडलेश्वर हुए निष्कासित जानिए क्या है पूरा मामला
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से हटा दिया गया और दोनों को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।
- ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनने का सम्मान
- नियुक्ति को लेकर अखाड़े में उठा विवाद
- अखाड़े में हुआ पद में बदलाव
- क्या यह फैसला गलत था ?
- नए सिरे से होगी महामंडलेश्वर की नियुक्ति
Mamta Kulkarni latest News : किन्नर अखाड़ा जो अपनी अलग ही अलग पहचान ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। अब एक विवाद के कारण काफी चर्चा में आ रहा है। हाल ही में इस अखाड़े में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद दिया गया था।लेकिन यह निर्णय कई वजह से बदल दिया गया है।
यह निर्णय विवादों के घेरे में आ गया था जिस कारण से ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। और साथ ही किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने एक और बड़ा निर्णय लिया है जिसमें आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी इस पद से हटा दिया गया है।
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनने का सम्मान
ममता कुलकर्णी जो बॉलीवुड की एक बहुत ही चर्चित अभिनेत्री रह चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में संन्यास लेने की घोषणा की थी और महाकुंभ 2025 में अपना पिंडदान किया था।इसके पश्चात उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने का सम्मान दिया गया था।
उन्हें अखाड़े द्वारा नया नाम भी दिया गया श्री यमाई ममता नंद गिरी दिया गया था। किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की पद भी बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है।और यह तंत्र मंत्र ,धार्मिक आस्था और परंपराओं से जुड़ी हुई है। ममता कुलकर्णी का अखाड़े से जुड़ना किसी नई दिशा की शुरुआत की तरह देखा जा रहा था।
लेकिन इस फैसले से कई विवाद सामने आने लगे थे कई लोग यह मानते थे। कि एक फिल्म अभिनेत्री को इस पद पर नियुक्त करना अखाड़े की धार्मिक को संस्कृत प्रतिष्ठा के लिए सही नहीं है।इसीलिए उन्हें इस पदवी से हटा दिया गया।
ममता कुलकर्णी का चमकदार करियर
ममता कुलकर्णी जिनका फिल्म इंडस्ट्री में एक चमकदार करियर था। 1990 के दशक में सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा रह चुकी है।लेकिन 1996 में उन्होंने अचानक फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया। आध्यात्मिक मार्ग को अपनाने का निर्णय ले लिया।
इस दौरान उन्होंने खुद को पूरी तरह से योग, साधना और धार्मिक कार्यों में लीन कर लिया था। इसी बीच, ममता को किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर की पदवी दी गई।
महाकुंभ में पिंडदान के बाद अखाड़े ने उन्हें एक ऊंचा पद दे दिया गया था। यह एक बड़ा कदम था। क्योंकि किन्नर अखाड़ा पहले से ही अपने विशेष स्थान और परंपराओं के लिए जाना जाता है। ममता को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने के बाद किन्नर अखाड़े के अंदर और समाज के कई हिस्सों से विरोध आने लगा।
और इस विरोध का मुख्य कारण ममता का फिल्मी करियर और विवादास्पद अतीत, जिसमें उनका नाम ड्रग्स माफिया और अंडरवर्ल्ड डॉन से जुड़ा हुआ था। इस घटनाक्रम ने किन्नर अखाड़े के विवादों को भी उजागर कर दिया है।
नियुक्ति को लेकर अखाड़े में उठा विवाद
पद की जैसे ही अखाड़े में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद दिया गया। उसके बाद से ही विवाद सामने आने लगे। कई धार्मिक को सामाजिक नेताओं ने भी इस फैसले पर अपनी आपत्ति जताई। और कहा है कि ममता कुलकर्णी की फिल्मी छवि और उनके अतीत के कारण इस पद के लिए उनका चयन सही नहीं था।
इसके साथ ही किन्नर समाज में भी इस फैसले को लेकर काफी असंतोष जताया गया था।क्योंकि किन्नर समाज के आध्यात्मिक और धार्मिक नेता का मानना यह है कि इस पद के लिए कैसे व्यक्ति का होना अनिवार्य होगा। जिसका जीवन पूर्ण रूप से साधना और समाज के प्रति समर्पित हो।
अखाड़े में हुआ पद में बदलाव
किन्नर अखाड़े में यह विवाद इतना बढ गया है कि इसके संस्थापक अजय दास ने इस पूरे मामले को अपने नजरिए से देखते हुए स्पष्ट किया कि इस निर्णय पर अब एक बार फिर विचार किया जाएगा और उन्होंने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से हटा दिया गया और दोनों को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।
नए सिरे से होगी महामंडलेश्वर की नियुक्ति
किनारा खाली ने अब जब अपने आचार्य और महामंडलेश्वर की प्रक्रिया को नए सिरे से करने का ऐलान करिए कर दिया है ऐसी स्थिति में किन्नर अखाड़ा अपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों में किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा अब देखना यह होगा की नई अचार और मंडलेश्वर के रूप में कौन सा सामने आता है और वह कैसे किन्नर अखाड़े की परंपराओं को आगे निभाता है
क्या यह फैसला गलत था
ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनना कई कारणों से सही नही था।सबसे पहले ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड में एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में एक विशेष पहचान थी। उनका फिल्मी करियर बहुत से विवादों से घिरा हुआ था।उन्हें समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए सवालों का कारण बना दिया। जब एक ऐसा व्यक्ति इस उच्च धार्मिक पद पर बैठता है तो यह स्वाभाविक रूप से कुछ संदेहो का सामना करना पड़ सकता है।
इसके साथ ही किन्नर समाज के आध्यात्मिक नेता और धार्मिक गुरु का यह मानना हैं कि महामंडलेश्वर का पद केवल उन लोगों के लिए है जिनका जीवन पूरी तरह से साधना और समाज की सेवा में समर्पित हो। ममता कुलकर्णी का किन्नर समाज के धार्मिक रीतियों में पूरा अनुभव और समर्पण के बावजूद इस पद के लिए चुना जाना कई लोगों के लिए गलत साबित हो सकता है।
ममता कुलकर्णी ने क्या कहा
वही इस पूरे मामले पर ममता कुलकर्णी ने अपनी छुट्टी तोड़ी और कहा कि उन्होंने किसी भी पद की लालसा नहीं की है उनका उद्देश्य केवल आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक मार्ग पर चलना था ममता ने यह भी कहा कि वह पिछले कई वर्षों से समाज से दूर थी और अपने जीवन को एक नई दिशा में डालने की कोशिश कर रही थी
उनके मुताबिक उन्होंने अपने अतीत से उभर चुकी हैं और आध्यात्मिक ताकि और पूरी तरह से चल रही है हालांकि किन्नर अखाड़े ने उनको अभी हटा दिया है अब देखना यह होगा कि भविष्य में ममता कुलकर्णी का जीवन किस प्रकार से रहेगा।