Trending

Mohan Yadav Govt On Promotion: सरकार के फैसले से सरकारी कर्मचारियों को झटका,प्रमोशन से बचाना पड़ेगा भारी…..

सभी कर्मचारियों को प्रमोशन (Mohan Yadav Govt On Promotion)छोड़ने वाले को इसका बहुत ही भारी नुकसान भी उठाना पड़ेगा।

Mohan Yadav Govt On Promotion:आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि मप्र सरकार के इस फैसले से सभी कर्मचारियों की धड़कनें तेज हो गई है जी हां यदि आप प्रमोशन को छोड़ा तो रिटायरमेंट का प्लान भी बिगड़ जाएगा इसके लिए मोहन सरकार ने एक फैसला भी कर लिया है और यह इस फैसले से एमपी के सभी कर्मचारियों के माथे की सिकन बढ़ गई है।

यह भी पढिए:-Guest Teacher Recruitment 2024 : अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू 9 सितंबर से पहले करें आवेदन जानिए संपूर्ण जानकारी

कर्मचारी संगठन ने सरकार के प्रमोशन के फैसले का विरोध जताया है और यह प्रमोशन के बाद में जवाबदारी से बचने वाले सभी कर्मचारियों को लेकर के मोहन यादव ने एक फैसला भी दे दिया है जी हां यदि कर्मचारियों को इसका भारी आपको बता देते हैं कि अब एमपी में प्रमोशन के बाद में जवाबदारी लेने से बचने वाले सभी कर्मचारियों को प्रमोशन छोड़ने वाले को इसका बहुत ही भारी नुकसान भी उठाना पड़ेगा।

प्रदेश की सरकार ने इस फैसले से आप प्रमोशन का फायदा छोड़ने वाले कर्मचारियों को अधिकतम वेतनमान का फायदा नहीं मिलेगा इससे राज्य की सरकार यह संबंध में आदेश को जारी कर दिए गए हैं और यह फैसले से कर्मचारियों में नाराजगी जताई और इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है।

जाने क्या है आदेश

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह सामान्य प्रशासन विभाग के तरफ से जारी हुए आदेश में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी वजह से प्रमोशन देने से मन करता है, तो ऐसे कर्मचारियों को अब उच्चतर वेतनमान का फायदा भी नहीं दिया जाएगा और यह सरकार के आदेश से एमपी के 7 लाख कर्मचारियों को इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।

इस आदेश में लिखा है 2002 में जारी किए गए आदेश में प्रावधान है कि ऐसे कर्मचारी जिनका क्रमन्नति का फायदा दिया गया है उन्हें जब उच्च पद पर पदोन्नति किया जाता है, तो कर्मचारी पदोन्नति लेने से इनकार कर देते हैं और फिर उसे स्थिति में कर्मचारियों को पहले से दी जाने वाली यह क्रमन्नति वेतनमान का फायदा भी खत्म कर दिया जाएगा इस नियम में बदलाव हो गया है।

और आप प्रावधान किया गया है कि अगर उच्चतर वेतनमान का फायदा लेने के बाद में भी कोई कर्मचारी और उन्नति स्वीकार नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में आप कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान का फायदा वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन आगे कभी उच्चतर वेतनमान फायदा भी नहीं दिया जाएगा।

जाने क्यों किया एमपी सरकार ने फैसला

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह एमपी की सरकार ने प्रमोशन के मामले में 22 साल के बाद में संशोधन किया है जी हां प्रदेश में पदोन्नति नियम 2002 के साथ में क्रमन्नति के आदेश भी जारी हो गए थे लेकिन अब एमपी में क्रमन्नति की व्यवस्था को खत्म कर समय मान वेतनमान की व्यवस्था को लागू किया गया है। 2016 में प्रमोशन बंद है और यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

यह भी पढिए:-एमपी पुलिस भर्ती से सख्त सरकार…..नहीं होगा फर्जीवाड़ा, लागू हुई ये व्यवस्था

जिसके वजह से कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं हो रहे हैं और ऐसे कई कर्मचारी रिटायरमेंट हो चुके हैं ऐसे में सरकार की तरफ से कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान का फायदा दिया जा रहा है, और यहां प्रमोशन नहीं किया गया है पदोन्नति के साथ में कर्मचारियों के काम भी बढ़ाते हैं। उसके साथ में ट्रांसफर की संभावना भी सबसे ज्यादा रहती है इसीलिए सरकार ने इसीलिए कर्मचारी इसे लेने से मना करते थे।

क्या कर्मचारियों का वित्तीय फायदा हो जाएगा बंद

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह एमपी सरकार का नया आदेश कर्मचारियों के हित में नहीं है जी हां क्योंकि यहां का उन्नति लेंथ आफ सर्विस को पूरा करने की कारण से मिलती है, और यह पहले की व्यवस्था रही है कि कर्मचारी चाहे तो प्रमोशन लेने से इनकार कर सकता है लेकिन उसकी क्रमन्नति को नहीं रोकी जाती थी लेकिन अब यह वर्ष 2016 से प्रमोशन को बंद कर दिया गया है।

जिससे हजारों की संख्या में कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायरमेंट हो चुके हैं प्रदेश में प्रमोशन के शुरू होने की कोई भी संभावना नहीं दिख रही है इससे ऐसे आदेश की बजाय तो यह प्रमोशन प्रारंभ करें और कर्मचारियों का वास्तविक उनको मिल सके।

किसने किया उच्च पद का प्रभार लेने से इनकार

आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह अभी के समय बड़ी संख्या में शिक्षकों ने उच्च पद का प्रभाव लेने से मना कर दिया गया है और यह वजह से ऐसे शिक्षक नए आदेश के दायरे में भी आएंगे और उनको आप अधिक आगे किसी भी प्रकार का प्रमोशन प्रोमोन्नति मिलन ते मुश्किल हो जाएगा।

यह कुछ दिन पहले ही उच्च पद का प्रभार देने की प्रक्रिया को भी अपनाया गया था शिक्षकों को उससे कोई वित्तीय फायदा नहीं होने के कारण से नए स्थान पर वह नहीं गए इसी प्रकार दूसरे विभागों का भी हाल बताया जा रहा है।

Shailendra

I am Shailendra, I have done my B.Com from Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur. After graduating in B.Com (Computer Science), I have also done LLB. I keep myself informed about the country, world and social concerns and I am fond of writing. I like writing good articles.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button