MP Board 10th-12th Exam : अब साल में दो बार होगी 10वीं और 12वीं की एमपी बोर्ड परीक्षा, सप्लीमेंट्री एग्जाम भी होगा खत्म

एमपी बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव: अब साल में दो बार होंगी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं, पूरी जानकारी जानें

  • अब साल में दो बार होगी 10वीं और 12वीं की परीक्षा।
  • पूरक परीक्षा अब नहीं होगी, केवल दो परीक्षा आयोजित की जाएंगी।
  • छात्रों को दो बार अंक सुधारने का अवसर मिलेगा।

MP Board 10th-12th Exam : मध्य प्रदेश के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अब से, 10वीं और 12वीं की परीक्षा साल में सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार होगी। राज्य सरकार ने इस नए नियम की घोषणा की है, जो छात्रों के लिए बहुत राहत लेकर आई है। इस बदलाव के बाद अब सप्लीमेंट्री (पूरक) परीक्षा भी खत्म कर दी जाएगी, जो पहले छात्रों के लिए एक सिरदर्द हुआ करती थी।

यह बदलाव राज्य स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत किया गया है। इसके लिए शैक्षिक सत्र 2025 से नया नियम लागू किया जाएगा। शैक्षिक सत्र के अंतर्गत फरवरी और मार्च में पहली परीक्षा आयोजित होगी, और जुलाई-अगस्त में दूसरी परीक्षा। अब कोई भी छात्र जो पहली परीक्षा में किसी कारण से फेल हो जाता है, वह दूसरी परीक्षा में अपनी किस्मत आजमा सकता है।

आइए जानें इस नई व्यवस्था के बारे में

पहली और दूसरी परीक्षा: पहली परीक्षा फरवरी और मार्च में होगी, जबकि दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में।

रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया:दोनों परीक्षाओं के परिणामों के आधार पर वार्षिक परिणाम तैयार किया जाएगा।

सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म:अब छात्रों को सप्लीमेंट्री परीक्षा की चिंता नहीं होगी। वे दूसरी परीक्षा में अपना रिजल्ट सुधार सकते हैं।

इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्रों को केवल एक ही बार परीक्षा के लिए तैयारी नहीं करनी होगी। अगर किसी कारणवश पहली परीक्षा में वे अच्छे अंक नहीं ला पाते, तो उनके पास दूसरा मौका होगा, जिससे उनकी उम्मीदें बनी रहेंगी।

नई व्यवस्था में क्या बदलाव आएंगे?

दो बार परीक्षा: अब 10वीं और 12वीं की परीक्षा साल में दो बार होगी – पहली फरवरी और मार्च में, और दूसरी जुलाई और अगस्त में।

पूरक परीक्षा नहीं होगी: पहले जो पूरक परीक्षा होती थी, उसे अब खत्म कर दिया जाएगा। छात्रों को अपनी पहली परीक्षा के परिणाम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

अंतिम परिणाम: अब परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए दोनों परीक्षा के अंकों का सम्मिलन किया जाएगा। छात्रों को राहत होगी क्योंकि वे दोनों परीक्षाओं में अपने बेहतर अंकों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

क्या होगा यदि छात्र पहली परीक्षा परिणाम खराब रहा है

ऐसे छात्र, जो पहली परीक्षा में फेल हो गए थे या जिनका परिणाम खराब रहा है, वे दूसरी परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। लेकिन यहां एक बात ध्यान रखने वाली है, वे छात्र अपनी विषयों को बदल नहीं सकते। मतलब, दूसरी परीक्षा में वही विषय चुने जाएंगे जो पहले वाली परीक्षा में थे।

दूसरी परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को आवेदन-पत्र भरना अनिवार्य होगा। यदि कोई छात्र किसी विषय में पहले ही उत्तीर्ण हो गया है और चाहता है कि वह अंक सुधारने के लिए दूसरी परीक्षा में भाग लें, तो उसे भी अनुमति दी जाएगी।

प्रायोगिक विषयों के लिए क्या होगा?

जो छात्र प्रायोगिक विषयों में पहली परीक्षा में असफल हो गए थे, वे अब केवल उसी भाग में दूसरी परीक्षा दे सकेंगे, जिसमें उन्होंने असफलता पाई है। यह एक राहत की बात होगी, क्योंकि अब छात्रों को पूरी प्रायोगिक परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी, सिर्फ उसी भाग को फिर से देना होगा।

 छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बातें:

  1. दूसरी परीक्षा का उद्देश्य: केवल उन छात्रों के लिए है जो पहली परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं या फेल हुए हैं।
  2. अंकों में सुधार का अवसर: जिन छात्रों को लगता है कि वे अपनी पहली परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला पाए, उनके पास दूसरे मौके के रूप में अंक सुधारने का अवसर होगा।
  3. अस्थायी प्रवेश: जो छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल होंगे, वे माध्यमिक शिक्षा मंडल या कॉलेज से अस्थायी प्रवेश लेकर अपनी आगे की कक्षा की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

यह बदलाव पूरी तरह से छात्रों के फायदे में है। पहले जहां एक छात्र को एक बार में अच्छे अंक लाने की चुनौती होती थी, वहीं अब उन्हें दूसरा मौका मिलेगा। यह व्यवस्था छात्रों को मानसिक रूप से भी स्थिर करेगी क्योंकि वे जानते हैं कि अगर पहली परीक्षा में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो वे दूसरे अवसर पर अपनी तैयारी और रणनीति बदलकर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

 CBSE की तरह एमपी बोर्ड ने क्यों लिया यह कदम?

हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा साल में दो बार कराने का फैसला लिया था। मध्य प्रदेश ने इस व्यवस्था को अपनाने का निर्णय लिया, ताकि राज्य के छात्रों को भी बेहतर मौका मिल सके। इससे न केवल छात्रों को राहत मिलेगी, बल्कि शिक्षण संस्थानों पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।

राज्य सरकार का यह कदम निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए एक स्वागत योग्य परिवर्तन होगा, और इससे शिक्षा प्रणाली में और भी सुधार हो सकता है।

MP Board 8th Result 2025 : आ गया 8वीं कक्षा की परीक्षा का परिणाम कैसे डाउनलोड करें जानिए

Alok Singh

मेरा नाम आलोक सिंह है मैं भगवान नरसिंह की नगरी नरसिंहपुर से हूं ।और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आया था ।मुझे पत्रकारिता मैं इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया का 20 वर्ष का अनुभव है खबरों को प्रमाणिकता के साथ लिखने के हुनर में माहिर हूं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *