Mp Cold Wave Alert : अब 1 से 3 जनवरी के बीच कोल्ड वेव का असर जानिए एमपी का मौसम
गुना में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री, जबकि भोपाल में 6.5 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट मुख्य रूप से शुष्क हवाओं और बर्फीली हवाओं के प्रभाव से आई है।

- मौसम में बदलाव के कारण
- सर्दी और कोल्ड वेव का कृषि पर असर
- प्रदेश के प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान
- 8 जनवरी से मौसम में बदलाव
Mp Cold Wave Alert : नए साल की शुरुआत के साथ ही मध्य प्रदेश में मौसम ने एक नया मोड़ लिया है। प्रदेश में बारिश के बाद अब शीत लहर का कहर जारी है। उत्तरी हवाओं के प्रभाव से तापमान में भारी गिरावट आई है, और आने वाले दिनों में तापमान और गिरने की संभावना है।
मौसम में बदलाव के कारण
हाल ही में प्रदेश में बारिश का दौर खत्म हुआ और जैसे ही बादल छटे, उत्तरी सर्द हवाओं ने प्रदेश का मौसम शुष्क और ठंडा बना दिया। सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान में भारी गिरावट देखी गई। गुना में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री, जबकि भोपाल में 6.5 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट मुख्य रूप से शुष्क हवाओं और बर्फीली हवाओं के प्रभाव से आई है।
कोल्ड वेव का असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले तीन दिनों में तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। इसके बाद 4 से 7 जनवरी के बीच मध्य प्रदेश में तापमान स्थिर रहेगा, क्योंकि इस दौरान एक प्रतिचक्रवात (Anticyclone) का प्रभाव देखने को मिलेगा।
प्रदेश के प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान
निवासी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट देखने को मिली है, और कुछ क्षेत्रों में यह गिरावट बेहद तेज़ रही। गुना, भोपाल, और नीमच जैसे शहरों में तापमान में 5 से 7 डिग्री तक की गिरावट आई है। नीमच के मरूखेड़ा में तो न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो कि इस मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान था।
1 से 3 जनवरी मौसम के अनुमान
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे के अनुसार, अब 1 से 3 जनवरी के बीच कोल्ड वेव का प्रभाव बने रहने की संभावना है। इस दौरान मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। इससे विशेष रूप से लोग ठंड से प्रभावित होंगे। स्कूलों और कॉलेजों में भी सर्दी के कारण छुट्टियां बढ़ने की संभावना हो सकती है, और स्वास्थ्य विभाग भी सर्दी से बचाव के लिए जागरूकता फैलाएगा।
सर्दी और कोल्ड वेव का कृषि पर असर
सर्दी और कोल्ड वेव का असर कृषि पर भी पड़ सकता है। कई किसानों ने चिंता जताई है कि अत्यधिक ठंड और बर्फीली हवाओं से फसलों को नुकसान हो सकता है। खासकर गेंहू, दलहन और सब्जियों की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में किसानों को सर्दी से बचने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि खेतों में पानी का छिड़काव करना और ठंडी हवाओं से बचाने के लिए पेड़ों या बांस से ढांक देना।
सर्दी और कोल्ड वेव का यातायात पर असर
कोल्ड वेव का प्रभाव केवल कृषि तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यातायात पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। ठंड के कारण सुबह और शाम के समय दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ सकता है। खासकर गाड़ियों और ट्रेनों की गति धीमी हो सकती है। इसलिए वाहन चालकों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है, और यात्रियों को ट्रेन और हवाई यात्रा के समय की जांच करनी चाहिए।
8 जनवरी से मौसम में बदलाव
4 से 7 जनवरी तक मध्य प्रदेश के मौसम में एक स्थिरता आएगी। इसके बाद, 8 जनवरी से मौसम में बदलाव हो सकता है, और फिर से तापमान में वृद्धि की संभावना बन सकती है। हालांकि, इस समय तक सर्द हवाएं कम हो जाएंगी, लेकिन फिर भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में ठंड का असर जारी रह सकता है।
नए साल की सर्दी
नए साल की शुरुआत में जब लोग नए साल का जश्न मना रहे होंगे, तब तक सर्दी का असर प्रदेश में जारी रहेगा। खासकर नए साल की रात (31 दिसंबर) और 1 जनवरी को जोरदार सर्दी रहेगी ।