MP Constable Recruitment 2016-17: एमपी हाई कोर्ट ने आरक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर डीजीपी और एडीजी से किया रिकार्ड तलब
आरक्षित भर्ती में ओबीसी सहित आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों की अनदेखी के मामले

MP Constable Recruitment 2016-17: आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां आरक्षक भर्ती 2016-17 गड़बड़ियों पर हाईकोर्ट ने डीजीपी से इसका जवाब मांगा है जी हां बताया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 2016-17 की आरक्षित भर्ती में ओबीसी सहित आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों की अनदेखी के मामले में डीजीपी और एडीजी को रिकार्ड पेश करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि ओबीसी के लिए आरक्षित 1090 पदों में से 884 पद खाली रखना और आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को उसकी चॉइस के मुताबिक जिला पुलिस बल में नियुक्ति न दिए जाने को लेकर के जवाब मांगा गया था।
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भर्ती में गड़बड़ी के ये आरोप
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह भर्ती में गड़बड़ी के बहुत से आप है जो कि आपको नीचे दिए जा रहे हैं।
ओबीसी के पद खाली क्यों
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि हाईकोर्ट ने यहां पूछा है कि ओबीसी के लिए आरक्षित 1090 पदों में 884 पद क्यों छोड़े गए हैं।
खाली आरक्षित वर्ग को नजरअंदाज
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि आरक्षित वर्ग की अभ्यर्थियों को उनकी चॉइस के विपरीत एसएएफ बटालियन में नियुक्त किया गया है जबकि उनसे कम अंक आने वाले अभ्यर्थियों को जिला पुलिस बल और अन्य महत्वपूर्ण शाखों में तैनाती दे दी गई है।
नई मेरिट लिस्ट पर विवाद
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि व्यापम द्वारा जारी की गई यह मेरिट लिस्ट के विरुद्ध 2022 में डीजीपी ने नई मेरिट लिस्ट बनाकर के हाई कोर्ट में दाखिल कर दिए जिसमें आरक्षण नियमों का उल्लंघन हुआ है और इसमें 72.69% अंकों वालों को ओबीसी में और शिक्षक 2.80 प्रतिशत वालों को अनारक्षित में गिना गया है।
ऐसे समझे मामला
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि इस मामले की पैरवी कर रहे हाई कोर्ट के एडवोकेट रामेश्वर सिया ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि 2016 में आरक्षित की भर्ती के लिए यह गृह विभाग ने भी 14283 पदों का विज्ञापन को जारी कर दिया गया था।
जिसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 8432 एसएससी के लिए 1917 एसटी के लिए 2521 और ओबीसी के लिए 1411 पदों को आरक्षित किया गया था भर्ती में जिला बल और विशेष सत्र बाल में खाली पदों का विवरण स्पष्ट नहीं दिया गया था और ना ही कोई जिला स्तर पर आरक्षण रोस्टेड लागू किया गया।
हाई कोर्ट में लगी याचिका
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मेरिट को नजरअंदाज करके उनकी पसंद के विरुद्ध पोस्टिंग देने के खिलाफ में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका को दाखिल किया गया।
जिसमें याचिका कर्ताओं में हल्के भाई लोधी संदीप साहू विनोद शर्मा साहिल पटेल और शुभम पटेल तथा रामराज पटेल शामिल थे जिसमें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथल जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ में यह सुनवाई करते हुए।
डीजीपी और एडीजी से आदेश दिया है कि वह भारती का रिकॉर्ड और याचिका कर्ताओं से कम अंक आने वाले अभ्यर्थियों की सूची को दो सप्ताह के अंदर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करें।
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