Mp Employee Promotions News : Mp में कर्मचारियों को 9 साल बाद मिलने जा रही है खुशखबरी अगले महीने हो सकते है प्रोमोशन जानिए सरकार ने बनाई नई प्लान
Mp Employee Promotions News : मध्य प्रदेश में नौ साल से अटकी सरकारी पदोन्नति प्रक्रिया अब दोबारा शुरू होने जा रही है, कैबिनेट में मई में प्रस्ताव पेश कर लागू की जाएगी नई नीति।

- नौ साल से बंद पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की तैयारी।
- मेरिट और वरिष्ठता के आधार पर होगी पदोन्नति, कर्मचारियों को मिलेगा न्याय।
- पहले उन विभागों में प्रक्रिया होगी शुरू, जहां स्टाफ की संख्या कम है।
Mp Employee Promotions News : मध्य प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए खुशखबरी है। लगभग नौ साल बाद, एक बार फिर राज्य में पदोन्नति की प्रक्रिया को हरी झंडी मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने पदोन्नति नीति का नया प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे मई 2025 में कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।
क्यों रुकी थी पदोन्नति की प्रक्रिया
साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला दिया था, जिसके चलते राज्य में पदोन्नतियों पर रोक लग गई थी। उस समय से अब तक करीब डेढ़ लाख अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, लेकिन नए लोगों को पदोन्नति का मौका नहीं मिला। इसका असर न सिर्फ कर्मचारियों के मनोबल पर पड़ा, बल्कि विभागों की कार्यप्रणाली पर भी।
कौन होंगे पहले लाभार्थी?
GAD के मुताबिक, उन विभागों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है या खाली पद ज्यादा हैं। खासकर मंत्रालय में काम कर रहे कर्मचारी इस बार पहले चरण में प्रमोशन पा सकते हैं। इसके लिए तैयारी अंतिम चरण में है और जैसे ही कैबिनेट से मंजूरी मिलती है, प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मेरिट और वरिष्ठता, दोनों का होगा ध्यान
नई नीति में यह साफ किया गया है कि प्रमोशन सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर ही नहीं, बल्कि कर्मचारी की कार्यक्षमता यानी मेरिट को भी ध्यान में रखकर दी जाएगी। इसका मकसद यह है कि मेहनती कर्मचारियों को न्याय मिले और पदोन्नति योग्य लोगों को उनका हक समय पर मिले।
सिर्फ कार्यवाहक पद नहीं, अब मिलेगा आर्थिक लाभ भी
पिछले कुछ वर्षों में कई विभागों ने कोर्ट के आदेशों के तहत कर्मचारियों को कार्यवाहक पद तो दे दिए, लेकिन वे कर्मचारी उस पद का आर्थिक लाभ मिला था लेकिन अब सरकार की योजना है कि DPC (Departmental Promotion Committee) की बैठक कर इन कर्मचारियों को स्थायी तौर पर पदोन्नत किया जाए ताकि उन्हें वेतन और अन्य लाभ भी मिल सकें।
कानून विभाग ने दिखाई राह
फरवरी 2025 में विधि विभाग ने अपने 150 कर्मचारियों को पदोन्नत कर एक मिसाल पेश की। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि विभागीय भर्ती नियमों में बदलाव नहीं किया गया था। यही आधार अब दूसरे विभागों में भी लागू किया जाएगा। कर्मचारियों के संगठनों ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए मांग की थी कि सभी विभागों में इस तरह की प्रक्रिया चलाई जाए।
मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी में तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और GAD तथा विधि विभाग को निर्देश दिया कि पदोन्नति की प्रक्रिया में कोई देरी न हो। सरकार यह मानती है कि योग्य कर्मचारी को समय पर पदोन्नति मिलना उसका अधिकार है, और इससे सरकार की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।