MP Employees Transfer News : मोहन सरकार जल्द लेगी निर्णय, इन विभागो में जमे अधिकारियो के जल्द होंगे ट्रांसफर
इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आप दोनों जांच एजेंसियों में अफसर को सिर्फ 3 साल के लिए नियुक्ति पर भेजा जाएगा।और एक ही जगह पर दोबारा पद स्थापना नहीं की जाएगी।

- सबसे अधिक शिकायतें ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त
- अब अफसरों को पड़ेगा भारी महानगरों का मोह
- सालों से जमे हैं अफसर खाद्य एवं औषधि प्रशासन में
MP Employees Transfer News : परिवहन विभाग का भ्रष्टाचार देखते हुए सरकार ने आयुक्त डीपी गुप्ता को हटा दिया है।आए दिन परिवहन विभाग का जो भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। उसे देखते हुए सरकार ने कुछ बड़े फैसले लिए हैं। अब सरकार प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी कर रही है। जिसमें मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव मुख्य सचिव अनुराग जैन और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना के बीच वार्तालाप हुई है।जिसमें कम ने दोनों अफसर के साथ तय किया कि 3 साल से अधिक एक स्थान पर जो अवसर कार्य कर रहे हैं। उन्हें अब बदल दिया जाएगा।
सभी अफसर की कुंडली तैयार की जा रही है। और अब उनको बदल दिया जाएगा। 3 साल से अधिक समय तक एक जिले में रहने के बाद दोबारा इस जिले में पद स्थापना अब नहीं की जाएगी। इसके दायरे में आईएएस ,आईपीएस, आईएफएस अफसर के साथ सभी विभागों के अधिकारी इस दायरे में आएंगे। राजस्व पुलिस ईओडब्ल्यू व लोकायुक्त खाद्य और औषधि प्रशासन और परिवहन सहित अन्य विभागों में 3 साल से कार्य कर रहे।
बताया जा रहा है कि राजस्व अमले में तहसीलदार से लेकर डिप्टी कलेक्टर और अपर कलेक्टर रैंक के अफसरों के साथ डीएसपी, एडिशनल एसपी, आबकारी, परिवहन, ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, लोक निर्माण विभाग के मैदानी अफसर तीन साल से ज्यादा समय से इस कार्य में जमे हुए है। ऐसे अफसरों की सूची तैयार हो रही है। यह सूची काफी लम्बी है। सूत्र बताते हैं कि सूची लगभग अंतिम दौर में है। जल्दी तबादलों की सूची जारी की जा सकती है।
सबसे अधिक शिकायतें ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त
ईओडब्ल्यू-लोकायुक्त की सबसे अधिक शिकायतें आ रही है। सालों से एक ही जगह पर अफसर जमे हुए है।और वह हटने को तैयार नहीं है। शिकायतों में खुलासा हुआ है कि लोकायुक्त में तीन साल की प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अफसर वर्षों जमे रहते हैं। और इसी तरह के हालात ईओडब्ल्यू में भी हैं।
इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आप दोनों जांच एजेंसियों में अफसर को सिर्फ 3 साल के लिए नियुक्ति पर भेजा जाएगा।और एक ही जगह पर दोबारा पद स्थापना नहीं की जाएगी। दोनों जांच एजेंसी में सालों से जमे अफसर को हटाया जाएगा। जो अधिकारी एक बार रह लिए हैं उन्हें दोबारा दोनों एजेंसियों में पदस्थ नहीं किया जाएगा।यह निर्णय लिया गया है।
अब अफसरों को पड़ेगा भारी महानगरों का मोह
अफसर का महानगरों में रहने का मुंह भी अवनी भारी पड़ेगा एक स्थान पर बार-बार पोस्टिंग करने वाले अफसर की अब कुंडली निकल जा रही है।ऐसे अफसर को अब हटा दिया जाएगा ऐसे सैकड़ो अवसर है।जिन्होंने लगातार एक ही जगह नौकरी जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर
जैसे बड़े महानगरों के साथ-साथ सिंगरौली, मंदसौर, नीमच ,छतरपुर ,अनूपपुर ,धार और कटनी में की है। ऐसे अफसर की अब कुंडली निकल जा रही है चुनाव के समय अवसर कुछ समय के लिए इधर-उधर होते हैं।और उसके बाद फिर मनचाही पोस्टिंग कर लेते हैं। अब ऐसा नहीं किया जाएगा बार-बार एक स्थान पर पोस्टिंग लेने वाले अफसर की सूची अब तैयार की जा रही है।
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सबसे बड़े संभाग का प्रभार विभागीय जांच के बाद भी
आबकारी विभाग में कई अफसर की विभागीय जांच जारी है। इसके बावजूद भी मैदानी पद स्थापना की गई है। ऐसे अफसर की कुंडली तैयार की जा रही है जब तक जांच की जाएगी तब तक अफसर की फील्ड को हटाया जाएगा। मुकेश नेम के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। फिर से वह डीसी इंदौर के पद पर पदस्थ हैं।
सालों से जमे हैं अफसर खाद्य एवं औषधि प्रशासन में
खाद्य एवं औषधि विभाग में भी कई जिले ऐसे हैं। जहां खाद्य सुरक्षा अधिकारी और औषधि निरिक्षक लंबे समय से फील्ड में काम कर रहे हैं। इनमें कुछ अफसरों को तो आठ से दस साल का समय बीत बीत गए हैं। इसके बावजूद भी उन्हें हटाने पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। कुछ अवसर तो जुगाड़ के दम पर मुख्यालय में सालों से पदस्थ हैं।
कई अफसर जुगाड़ के दम पर टिके हैं
पुलिस ,लोकायुक्त ईओडब्ल्यू व ऐसा नहीं है कि सभी ऑप्शन लंबे समय से जमे हुए हैं। खनिज, पंजीयन, उद्यानिकी, पशुपालन, नापतौल, खाद्य विभाग में भी तकरीबन यही स्थिति है। यहां पर सालों से अब सरकार कर रहे हैं इनमें से कुछ जिलों में तो ऐसे अवसर हैं।जिनको कार्य करते हुए चार-पांच साल बीत चुके हैं। और चुनाव के दौरान नोट हटाने की तैयारी की गई थी। लेकिन जुगाड़ करके वह वहीं जमे हुए हैं ।अब इन पर तबादले की नीति की जा रही है।
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