MP Formar Good News: किसानों की चिंता हुई दूर , फसलों के नुकसान को लेकर , मुख्यमंत्री ने कर दिया यह बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से बोला है की विपरीत मौसम में फसलों के साथ स्वयं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में ट्यूब बैल खुले नहीं रहना चाहिए।

- मुख्यमंत्री ने धान को सुरक्षित रखने के दिए निर्देश।
- धान को सुरक्षित रखने के लिए तुरंत करे प्रयास।
- उपवर्जित धान को मिलर्स को देने का प्रयास करे।
MP Formar Good News : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान होने पर किसानों को उसकी राशि दी जाएगी।जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिले।देश के साथ प्रदेश में भी मौसम बदला है। किसानों के किसी भी संकट में सरकार उनके साथ खड़ी है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को किसी भी माध्यम से फसल बेचे जाने की सुविधा देती है।
कुछ किसान ऐसे है जो फसलों का उपबर्जन नहीं कर पाते है।वे अपने स्तर से फसल बेच देते हैं।ऐसे किसानों को अब प्रति हैक्टेयर राशि प्रदान करने अथवा बोनस के संबंध में आवश्यक सहायता के लिए शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में विचार कर उन किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा। जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। और ओला,पाला आदि से फसलों के नुकसान पर जिला स्तर पर आवश्यक निर्देश दिये गए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से बोला है की विपरीत मौसम में फसलों के साथ स्वयं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में ट्यूब बैल खुले नहीं रहना चाहिए। ट्यूब वेल खुले रखना प्रतिबंधित है। ऐसे मामले सामने आते हैं तो इसकी जानकारी मिलते ही क्षेत्र के थाने में जानकारी दी जाए। ऐसी लापरवाही पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के नागरिकों को भी असमय वर्षा, शीत आदि से बचाव के लिए सावधानियां रखनी होगी।
मुख्यमंत्री ने खुले में पड़े धान को तत्काल सुरक्षित करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिन किसानों ने धान उपार्जित कर लि है।उन्हें कम से कम समय में भुगतान की व्यवस्था की जाए।इस प्रक्रिया को आसान कर तीन से चार दिनों में उपार्जन राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए खुले में पड़े धान का जल्द से जल्द परिवहन कराएं जाए ।
और इसे बारिश से बचाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से समत्व भवन स्थित में धान उर्पाजन की समीक्षा कर रहे थे।उन्होंने कहा कि गोडाऊन परिसर में भी यदि उपार्जित धान खुले में रखा है तो उसे जल्द से जल्द अंदर रखवा लिया जाए। जिससे की धान की सुरक्षा की जा सके।
मिलर्स को उपार्जित धान देने का प्रयास करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया को आसान बनाया जाएं। जिससे तय समय-सीमा तक अधिकतम किसानों का धान उपार्जन किया जाए। किसानों से जो धान उपार्जित किया जा रहा है, उन्हें अधिक मात्रा में धान मिलर्स को ही देने का प्रयास करें, जिससे की धान मिलिंग की प्रक्रिया पर लगने वाला समय को कम किया जा सके।इसके साथ ही धन और श्रम का कार्य भी बचेगा।
समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के शीघ्र भुगतान हेतु स्वीकृति पत्रक शीघ्रता से जारी कर दिए जाएंगे।भारत सरकार द्वारा एफएक्यू मापदण्ड अनुसार धान का उपार्जन किया जाएगा।जिसकी मॉनिटरिंग हेतु अन्य विभाग की टीम को भी लगाया जाए।
बारिश से बचाने के लिए धान की सुरक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में धान खुले आसमान के नीचे रखा है और मौसम खराब है तो ऐसी स्थिति में किसानों को धान को बारिश से बचाने के लिए समितियां तुरंत ही पाल आदि से खुले में पड़े धान को ढंक लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे किसानों से यह किसानों से विनती है की मौसम को देखते हुए वे कुछ दिन रूककर या मौसम साफ होने पर ही अपना धान उपार्जन के लिए लेकर आएं।
मौसम यदि ज्यादा दिन तक खराब रहता है तो सरकार धान उपार्जन की तय अवधि बढ़ाने पर भी विचार करेगी।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे धान मिलर्स को निर्देष करें कि वे भी अपने धान का जल्द से उठा ले। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से कहा कि वे उपार्जित धान का तत्काल परिवहन कराकर इन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और आवश्यकता के अनुसार रोक लगाए।
धान की हो चुकी प्रदेश में अभी तक इतनी खरीदी
प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति द्वारा कहा गया कि इस वर्ष 7.72 लाख किसानों ने धान उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है।और पहले वर्ष 2023-24 की तुलना में अधिक है। इस वर्ष प्रदेश में 1393 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें अब तक 22.86 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन किया गया है।
अब तक 3.48 लाख किसान अपना धान बेच दिए है।जिन किसानों से उपार्जन हो चुका है।उन्हें न्यूनतम समय में भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।और उनके भुकतान को जल्दी से जल्दी किया जाएगा।जिन किसानों से धान उपार्जन किया है, उन्हें उपार्जन मूल्य के रूप में 1,961 करोड़ रूपए का भुगतान किए जा चुके हैं।
और 26 दिसम्बर तक 45 लाख मीट्रिक टन धान कॉमन उपार्जित किया जा चुका है। पिछले साल 7.27 लाख का लाभ हुआ था।और इस साल इसे भी जायदा लाभ हुआ है। उपार्जित धान का परिवहन और भंडारण भी अच्छे तरीके से किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 674 मिलर्स हैं। इनके द्वारा अब तक 3.36 लाख मीट्रिक टन उपार्जित धान का उठाव किया गया है।
किसानों को एसएमएस में माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि आगामी 30, 31 दिसम्बर और एक जनवरी को धान की खरीदी नही होगी। धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गयी है। जिन किसानों के स्लॉट धान विक्रय के लिए बुक थे, उसकी अवधि 5 दिन बढ़ा दी गयी है। उन्हें अपना स्लॉट फिर बुक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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