एमपी को मोहन सरकार ने दी 56 वे जिले की सौगात देखे खबर
इस दिन मुख्यमंत्री बिना को प्रदेश का (MP gets the gift of 56th district)जिला बनाने की घोषणा को भी कर सकते हैं
MP gets the gift of 56th district:एमपी को मोहन सरकार ने दी 56 वे जिले की सौगात देखे खबर आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि एमपी में 4 सितंबर के दिन मोहन सरकार एक बड़ी घोषणा को कर सकते हैं जिसमें यह मुख्यमंत्री प्रदेश को 56 में जिले की एक सबसे बड़ी सौगात दे (MP gets the gift of 56th district)रहे हैं जी हां यहां 4 सितंबर के दिन मोहन यादव बीना के दौरे पर आ रहे हैं।
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जिसमें यहां माना जा रहा है कि इस दिन मुख्यमंत्री बिना को प्रदेश का जिला बनाने की घोषणा को भी कर सकते हैं जी हां क्योंकि यहां बहुत ही लंबे समय से भी बीना को जिला (MP gets the gift of 56th district)बनाने की मांग भी चल रही है और जिसमें खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मंत्रालय में बिना को जिला बनाने की फाइल पर बहुत ही तेजी से काम भी चल रहा है।
पुरानी मांग को मोहन सरकार करेगी पूरा
बीना की सागर से दूरी 80 किलोमीटर की है और यह तहसील क्षेत्रफल में सबसे बड़ी है सागर जिले में आने वाले बीना तहसील को ही जिला बनाने की मांग बहुत ही लंबे समय से चलती आ रही है, बिना का रेलवे जंक्शन होने के वजह से इसे जिला बनाने की मांग कई बार पहले भी उठ चुकी है। लेकिन इस पर आज (MP gets the gift of 56th district)तक के कभी फैसला नहीं आया लेकिन यहां मोहन सरकार अब 4 सितंबर को एमपी मे बीना को जिला बनाने की 56 वे जिले की सौगात देनी जा रहे हैं।
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आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि सागर जिले में यह आने वाली बीना तहसील को जिला बनाने की मांग सन 1985 से चलती आ रही है जिसमें कई (MP gets the gift of 56th district)वजह बताई जाती है, और यह बीना मुख्यालय सागर से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है। और उसकी अतिरिक्त बीना तहसील बहुत बड़ी है बिना रेलवे का जंक्शन भी है इसीलिए बिना को जिला बनाने की मांग काफी समय से चलती आ रही है।
जाने क्या हो सकता जिले का नाम
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह बीना को जिला बनाए जाने के बाद में मांग को लेकर के फिलहाल विरोधाभास भी करते हुए नजर आ रहे हैं जिसमें बीना में लगी हुई खुरई तहसील को भी जिला बनाने की मांग लंबे समय से चलते आ रही हो और यह खुरई के जिले भी खुरई के लोग (MP gets the gift of 56th district)भी जिला बनाने की मांग को लेकर के पड़े हुए हैं ऐसे में मोहन सरकार 4 सितंबर से पहले 3 सितंबर के दिन ही खुरई के लोगों से खुरई बंद बुलाया है।
जिसमें यहां खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि नए जिले का नाम बीना खुरई किया जा सकता है और इन दोनों शहरों के लोगों को एक जगह साधा जा सकता है जिसमें खुरई का नाम जुड़ने से खुरई को भी जिला बनाने की मांग को पूरा हो जाएगा और बिना को भी जिला बनाने की मांग पूरी हो जाएगी।
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यह खुरई को जिला बनाने की मांग को भी पूरा करने का प्रयास एक तरह से किया जा रहा है जिसमें नया जिला बनता है तो उसमें खुरई, बीना, मालथौन, बंदरी, कुरवाई और पठारी तहसील शामिल हो जाएगी।
बीना में बन रही उपचुनाव की स्थिति
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि बिना में उपचुनाव की स्थिति बनी रही है 2023 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस निर्मला सप्रे ने बिना सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन वह (MP gets the gift of 56th district)लोकसभा चुनाव के बाद में बीजेपी में शामिल हो गई और यह अब तक उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी नहीं दिया है, जी हां लेकिन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के कारण से निर्मला सप्रे का इस्तीफा भी नहीं दी जा रहा है।
जाने कौन सी हो सकती संभावित तहसील
बिना को जिला बनाया जाता है तो उसमें बीना खुरई, मालथौन, बंदरी कुरवाई और पठारी तहसीलों को शामिल किया जाएगा और उसके अतिरिक्त बिना में उपचुनाव की स्थिति भी बन रही है।
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2023 के विधानसभा चुनाव के बाद में कांग्रेस की निर्मला सप्रे (MP gets the gift of 56th district)ने बिना सीट पर जीत हासिल की है जिसमें वह भाजपा में बीजेपी शामिल भाजपा में शामिल हो गई और यह उपचुनाव की अटकलें तेज हो गई।
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