MP Government Vaccancy :तीन साल के लिए मध्यप्रदेश सरकार दे रही है नौकरी, जानिए क्या है नियम
रिटायरमेंट के बाद भी अधिकारी निगम-मंडलों और किसी विभाग में पुर्नवास के रास्ते खोजते है। जिससे की उन्हें अच्छे वेतनमान मिले उसके साथ दूसरी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके।

MP Government Vaccancy: सरकारी विभागों के आयुक्त में काम करने वालो को अधिक सैलरी दी जाती है। ऐसे में राज्य सरकार इसे युवाओं को खोज रही है जो दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय में आयुक्त पद पर कार्य कर सके। जो बिना वेतनमान लिए मतलब मुफ्त में अपनी सेवाएं दे ।जानिए क्या है पूरी खबर।
सरकारी विभाग में सभी कर्मचारियो को मोटी रकम दी जाती है। रिटायरमेंट के बाद भी अधिकारी निगम-मंडलों और किसी विभाग में पुर्नवास के रास्ते खोजते है। जिससे की उन्हें अच्छे वेतनमान मिले उसके साथ दूसरी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। लेकिन राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय की ऐसी तलाश शुरू की है जो बिना वेतन के कार्य करे।उसके लिए उसे संबंधित दिव्यांगजन व्यक्तियों के पुनर्वास से जुड़े कामों का अनुभव होना चाहिए।
उम्मीदवार को दिए गए दो विकल्प
आयुक्त निशक्तजन पद के लिए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आवेदन निकाले गए हैं।जिनमे इस उमीदबार की जरूरत है जो बिना सैलरी के कार्य करे।इसमें आयुक्त के रूप में पदस्थापना के लिए उम्मीदवार को आवेदन करते समय दोनों में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा।एक वैतनिक और दूसरा अवैतनिक विकल्प दिए जाएंगे।
अब देखना यह है कि आखिर बिना वेतन के काम करने के लिए कौन-कौन चुनेगा।और कोन इस उम्मीदवार होगा।जो बिना वेतन के कार्य करेगा। और हम आपको यह बता दे की इस पद पर नियुक्ति सिर्फ तीन सालों के लिए की जाएगी.।
आयुक्त निशक्तजन पद पर वेतन के रूप में सचिव स्तर के अधिकारी के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं दी जाएगी।और आपको यह जानना जरूरी है की रिटरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करने वाले अधिकारी को रिटरमैंट के समय मिलने बाली राशि पेंशन घटाने पर प्राप्त होने बाली राशि के रूप में दी जाएगी।अब सरकार यह देखना चाहती है की कोन बिना वेतन के फ्री मैं सेवा देने को तैयार होगा।
नियुक्ति के नियम
आयुक्त निशक्तजन पद के लिए कुछ शर्ते भी लागू की गई है बताया गया है कि पद के लिए मध्य प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य होगा। साथ ही उसको दिव्यांग गंज व्यक्तियों के पुनर्वास से जुड़े काम का अनुभव भी होना चाहिए। इस पद के लिए वह व्यक्ति ही पात्र होगा। जिन्होंने 1 जनवरी को 62 साल की आयु पूरी कर ली हो।
यदि केंद्रीय राज्य सरकार में किसी भी पद पर वह कार्य कर रहा है तो इस पद की नियुक्ति होने से पहले रिटायरमेंट होना अनिवार्य होगा। नहीं तो उसे यह नियुक्ति नहीं दी जा सकती ।इस या राज्य प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी के लिए दिव्यगज के क्षेत्र में नीति, निर्धारण और प्रशासन का अनुभव होना आवश्यक है।
इस पद के लिए ग्रेजुएशन के अलावा सामाजिक कार्य और विधि या प्रबंधन साथ ही मानव अधिकारों दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास और शिक्षा में मान्यता प्राप्त उपाधि का डिप्लोमा होना भी अनिवार्य है। इसके अलावा दिव्यांगजनों के पुनर्वास या सामाजिक क्षेत्र में काम से कम 18 सालों का अनुभव भी होना चाहिए।
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