MP High Court News : अनुकंपा नियुक्ति पर बड़ा फैसला नहीं मिलेंगी इन्हे सरकारी नौकरी

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मृतक कर्मचारी के परिवार के अन्य सदस्यों को दावा उचित होने पर अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है

MP High Court News: आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की अनुकंपा नियुक्ति को लेकर के दायर याचिका पर फैसला सुना दिया है।

जी हां बताया जा रहा है कि यह हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहां है कि प्रदेश की सरकार अनुकंपा नियुक्ति नीति बहु विवाह को मानता नहीं देती है और यहां मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अनुकंपा नियुक्ति पर बड़ा फैसला भी सुनाया है।

बताया जा रहा है कि यह अनुकंपा नियुक्ति के लिए डॉक्यूमेंट के नॉमिनेट व्यक्ति का एकमात्र अधिकार नहीं होता है जिसमें जस्टिस सुबोध अभयंकर की खंडपीठ ने लोक स्वास्थ्य है।

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यांत्रिकी विभाग अनुकंपा नियुक्ति को लेकर के याचिका दायर पर फैसला सुनाया है हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मृतक कर्मचारियों के परिवार के अन्य सदस्यों का दवा उचित होने पर अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है ।

रिकॉर्ड में लिखा किसी और का नाम

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह हाईकोर्ट ने प्रवीण कोचर ने याचिका दायर की थी बताया जा रहा है कि उन्होंने उनके पिता हीरालाल रोचक पीएचसी में जॉब करते थे जो की कोविड-19 से स्वर्गवास हो गया।

और प्रवीण ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए अप्लाई किया जिसमें विभाग ने दावा खजूर खारिज कर दिया बताया जा रहा है कि यह रिकॉर्ड में दिवंगत पिता के नामी नहीं किया है और एचपी विभाग के रिकॉर्ड में हीरालाल रोचक की पत्नी उषा बाई का नाम है।

और उनकी दूसरी पत्नी शांताबाई का नाम नहीं है जिसमें डिपार्टमेंट नहीं दलाल की दूसरी वाइफ के बेटे युवराज को नियुक्ति दे दी गई।

दो पत्नियों का था मामला

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि हम अवल की सुनवाई में यहां पता चला है कि हीरालाल ने साल 1992 में शांति बाई से विवाह किया गया था और उसके 2 साल बाद उषा बाई के साथ बिना शादी के रहने लग गए थे।

2007 में शांति के अदालत में भरण पोषण का केस लगाया था कोर्ट ने ₹1000 शांति और ₹500 उनके पुत्र के लिए तय किए गए थे।

जाने कोर्ट का फैसला

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि एमपी हाई कोर्ट ने अपने फैसले के लिए यह बताया है कि प्रदेश की सरकार अनुकंपा नियुक्ति नीति बहु विवाह को मानता नहीं देती है सरकारी नौकरी के नियमों के अनुसार कर्मचारियों को पहली शादी और उससे संबंधित जानकारी को देना होता है।

हीरालाल ने पहली शादी की जानकारी को छुपाया गया था अदालत में कहां गया की पहली पत्नी के परिजनों का दावा खारिज नहीं किया जा सकता ।

तलाक के बाद मांगी अनुकंपा की नियुक्ति

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह रेलवे के कर्मचारियों की मौत के बाद में अनुकंपा नियुक्ति को लेकर के विवाद सामने आया था जिसमें बताया जा रहा है कि महिला के आवेदन पर परिवार ने आपत्ति जताई है।

और कहां है कि उनकी बेटी का निधन से पहले ही तलाक हो गया था अनुकंपा नियुक्ति कहां बहू को नहीं है परिवार की तरफ से केंद्र प्रशासनिक अधिकरण में दायर की गई याचिका पर न्यायाधीश एक के श्रीवास्तव की खंडपीठ नहीं रेलवे अधिकारियों को नोटिस देकर के जवाब भी मांगा गया है।

बताया जा रहा है की याचिका कर्तव्य तक कर्मचारियों की मां ने कहा है कि तलाक के बाद में बहू का परिवार के साथ कोई भी संबंध नहीं है इसीलिए अनुकंपा की नियुक्ति का अधिकार छोटे भाई का है।

अदालत में यहां केंद्र की सरकार ने पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक डीआरएम जबलपुर तथा अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी करके जवाब भी मांगा गया है।

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Shailendra

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