MP Jan Vishwas Bill: मध्यप्रदेश मे जेल जुर्माना से मिला छुटकारा मप्र सरकार ने लाया नया कानून
मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा जनता के हित के लिए लगातार कई तरह के फैसले लिए जा रहे हैं

MP Jan Vishwas Bill: आपको यहां जानकारी यहां अब नहीं होगी जेल और जुर्माना मध्य प्रदेश की सरकार ने एक नया कानून लेकर के आ गई है जिसमें बताया जा रहा है कि कोर्ट तथा पुलिस के चक्कर भी नहीं लगते पड़ेगी और यहां मध्य प्रदेश की सरकार के द्वारा जनता के हित में यहां लगातार से कई एक से बड़े एक फैसले लिए जा रहे हैं।
जिसमें राज्य की सरकार ने मध्य प्रदेश के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने तथा नियम कानून के उल्लंघन पर जेल के दर को दूर करने के लिए जन्म विश्वास बिल्कुल लागू करने को तैयारी भी कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि सरकार के द्वारा यह कदम उठाने के बाद में कई मामलों में सजा कम हो जाएगी और वहीं कई मामलों में पेनल्टी भी बढ़ जाएगी यह शासन की निर्देश देने के बाद में विभिन्न विभागों जैसे कि उद्योग नगरी विकास राजस्व पंचायत स्वास्थ्य आदि से संबंधित कानून में प्रावधानों में संशोधन भी हो रहा है।
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अधिनियमों में फाइन या जुर्माने की जगह पेनल्टी या दंड शब्द लिखा जा रहा है तो वह पेनल्टी ज्यादा बहुत कम और वहां बढ़ाया जाएगा फिलहाल विभागीय स्तर पर मंथन यहां किया जा रहा है कि कहां पेनल्टी बढ़ाना है और कहां घटना है।
कई जगह पर पेनल्टी को हटाकर के जेल का प्रावधान किया जाएगा वहीं कई जगह पर जेल का प्रावधान हटा करके पेनल्टी को लगाया जाएगा संसद में हो चुका पारित आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि संसद में जन विश्वास विधायक 2023 में पारित हो गया है जिसमें 19 मंत्रालय में से संबंधित 42 कानून के 143 प्रावधानों में बदलाव किया जा रहा है।
जिसमें बताया जा रहा है कि कई अपराधों को जमाने तक सीमित कर दिया जाएगा तो कई मामलों में सजा खत्म कर दी जाएगी राज्य सरकार भी अपने कानून के प्रावधान में बहुत ही जल्द बदलाव कर रही है और बहुत ही जल्द विधानसभा में इसकी मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
इस ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य
आपको यहां जानकारी के लिए बता देते हैं की जन्म विश्वास बिल का मुख्य उद्देश्य उद्योग तथा व्यापार प्रणाली में सहजता लाने को बढ़ावा देना है व्यापार करने के लिए कई विभागों में लाइसेंस रजिस्ट्रेशन आदि लेना होता है।
यह कानून नियमों का पालन करना होता है उल्लंघन पर भी भारी जुर्माना लगता है और बहुत से मामलों में जेल भी हो जाती है देश में 1536 कानून है जिसमें 70000 प्रावधान है कई नियम एमएसएमई सेक्टर की विकास में बड़ा बनते हैं।
यदि कोई फैक्ट्री संचालक अनजाने में गलत जगह डिस्चार्ज करता है तो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 7 और 9 के अंतर्गत पांच साल जेल और एक लाख जमाने का प्रावधान किया गया है लेकिन यह बदलाव के बाद में जेल का प्रावधान हटाने और जमाने की रकम 15 लख रुपए प्रावधान किया गया है ।
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वाले 6 महीने तक जेल और एक लाख तक की जमाने का प्रावधान दिया गया है और इसमें कानून में बदलाव के बाद में उनसे फूड की बिक्री पर 3 महीने पर अधिक की जेल नहीं होगी लेकिन जुर्माना 3 लाख तक के वसूल लिया जाएगा।