MP Minimum Wage Update : एमपी के 35 लाख आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए बड़ी खबर न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाएगा ,और एरियर भी कर्मचारियों को मिलेगा
वर्ष 2019 में न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने न्यूनतम वेतन में 25% की बढ़ोतरी की अर्जी लगाई थी। अप्रैल 2024 में राज्य सरकार ने इसे लागू किया था लेकिन कर्मचारी और श्रमिकों को केवल एक महीने ही बड़ा हुआ।

- सरकार हरकत में आई अवमनाना नोटिस के बाद
- जानबूझकर देरी करी आदेश का पालन करने में
- महाधिवक्ता कार्यालय को स्पष्ट निर्देश
- आंदोलन होगा यदि जल्द आदेश नहीं दिए तो
MP Minimum Wage Update : मध्यप्रदेश के 35 लाख आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाए जाने के संबंध में कुछ फैसले किए गए हैं। इसमें संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले को लागू नहीं किए जाने पर सीटू द्वारा दिए गए नोटिस के बाद सरकार भी अब मान गई है। अब न केवल न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाएगा बल्कि कर्मचारियों को 9 महीने का एरिया भी दिया जाएगा।
वर्ष 2019 में न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने न्यूनतम वेतन में 25% की बढ़ोतरी की अर्जी लगाई थी। अप्रैल 2024 में राज्य सरकार ने इसे लागू किया था लेकिन कर्मचारी और श्रमिकों को केवल एक महीने ही बड़ा हुआ।वेतन दिया गया था इसके बाद एक संगठन की शिकायत पर हाईकोर्ट ने इंदौर बैच ने वेतन वृद्धि की अधिसूचना के संचालक व कार्यान्वयन पर 8 में 2024 को स्टे लगा दिया था। इस मामले में सीटू ने हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी जिसके बाद 3 दिसंबर 2024 को इस इस्टे को निरस्त कर दिया गया था।
सरकार हरकत में आई अवमनाना नोटिस के बाद
सीटू के प्रदेश सदस्य और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन तथा ऑटो चालक एकता यूनियन के संरक्षण कामरेड कुंदर राज्यपाल ने इस बारे में बताया है कि 3 दिसंबर 2024 को उच्च न्यायालय की खंडपीठ इंदौर ने स्थगन आदेश समाप्त कर दिया था।
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लेकिन भाजपा सरकार और उद्योगपति ने से लागू करने में देरी की इस पर 6 जनवरी 2025 को सीटू के प्रदेश महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान की ओर से वरिष्ठ बाबूलाल नागर ने प्रमुख सचिव श्रम और श्रम आयुक्त को न्यायालय की बात को स्वीकार न करने पर नोटिस भेजा। इसके बाद सरकार हरसत में आई और कार्यालय मध्य प्रदेश से इस बारे में विचार मांगा था।
जानबूझकर देरी करी आदेश का पालन करने में
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड रामविलास गोस्वामी और महासचिव कामरेड प्रमोद प्रधान ने बताया है कि सरकार ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने में देरी की है। श्रम आयुक्त कार्यालय ने 23 दिसंबर 2024 को महाधिवक्ता कार्यालय से वैधानिक पक्ष पर मत मांगा था।लेकिन 15 दिनों तक कोई जवाब नहीं मिला है। कार्यालय ने इस दौरान कोई स्मरण पत्र भी नहीं भेजा था। इसके बाद एक संगठन की शिकायत पर हाईकोर्ट ने इंदौर बैच ने वेतन वृद्धि की अधिसूचना के संचालक व कार्यान्वयन पर 8 में 2024 को स्टे लगा दिया था।
आंदोलन होगा यदि जल्द आदेश नहीं दिए तो
सीटू नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि श्रम श्रम आयुक्त कार्यालय अभी भी तुरंत आदेश जारी नहीं करता है।तो “डेरा डालो घेरा डालो आंदोलन” शुरू किया जाएगा सीटू ने यह भी स्पष्ट किया है की साइकिल और समायुक्त की देरी की रणनीति मजदूरों के अधिकारों को कुचलना का प्रयास कर रही है ।लेकिन इसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। हम आंदोलन शुरू करेंगे यदि जल्द से जल्द नोटिस जारी नहीं किया गया तो।
महाधिवक्ता कार्यालय को स्पष्ट निर्देश
इस पर महाधिवक्ता कार्यालय मध्य प्रदेश द्वारा 8 जनवरी 2025 को समरोयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी कर्मचारी और श्रमिकों को उक्त अधिसूचना का लाभ 1 अप्रैल 2024 से दिया जाए। 1 अप्रैल 2024 से ही बड़ी हुई देरी के अनुसार भुगतान जल्द से जल्द किया जाए ।कर्मचारियों को न केवल बढ़ा हुआ। न्यूनतम वेतन दिया जाएगा।बल्कि 9 महीने का एरिया मिलने का मार्ग भी बनाया जा रहा है। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 25% बढ़ाया जाएगा और उसके साथ उन्हें 9 महीने का एरिया भी दिया जाएगा।
बड़ी सफलता मिली सीटू के संघर्ष से
सीटू के बैतूल जिला समिति के नेताओं कामरेड कुंदन राजपाल, जिला संयोजक कामरेड डेट दत्त , डबल्यू सी एल यूनियन के अध्यक्ष कामरेड जगदीश दिगर ,कामरेड कामेश्वर राय श्री यूनियन के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ठाकुर, सचिव पंकज साहू, आंगनबाड़ी यूनियन की जिला अध्यक्ष सुनीता राजपाल ,महासचिव पुष्पा बेकार और ऑटो चालक यूनियन के जिला अध्यक्ष मनोहर आठन का समिति अन्य प्रमुख नेताओं के संघर्ष में कहा है
कि यह सीटों के संघर्ष का ही परिणाम है ।उन्होंने यह भी कहा है की सीटों के संघर्ष से इन्हें बड़ी सफलता मिली है यदि 6 जनवरी को अब मानना का नोटिस नहीं दिया गया होता तो सरकार चुप होकर बैठ जाती। अब जब महाधिवक्ता कार्यालय से यह स्पष्ट किया जा चुका है तो श्रमआयुक्त को तुरंत आदेश जारी किए जाएंगे और वेतन और एरिया का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
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