MP News : 20 साल बाद मध्यप्रदेश को मोहन यादव देने जा रहे नई सौगात, अगली कैबिनेट बैठक मे लगेगी हरी झंडी
मध्यप्रदेश के मशहूर पर्यनट स्थल महेश्वर में 24 जनवरी को लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर मोहन यादव की कैबिनेट मीटिंग होगी।
- हजारों कर्मचारियों को मिलेगा रोजगार
- 24 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक
- कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर
MP News : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश वासियों को 19 साल बाद फिर राज्य परिवहन की सौगात देने बाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य परिवहन निगम की बस वाले प्रस्ताव को मजूरी दे दी है। इससे नागरिकों को गांव से लेकर शहर तक सुलभ आवागमन की सुविधा मिल सकती है।करीब 19 बरस से बंद पड़ी मप्र राज्य परिवहन निगम की बसें फिर से सड़कों पर दिखाई देने लगेगी।
हम आपको बता कि एमपी मंत्रि परिषद ने महेश्वर में होने वाली बैठक के इस फैसले पर मुहर लगाने वाले है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस फैसले से जहां शहर से गांव तक सफर आसान होने वाला है। वहीं इस शुरुआत से हजारों कर्मचारियों के परिवारों को भी खुशियां ही खुशियां मिलेंगी।महेश्वर में होने वाली मोहन कैबिनेट की बैठक में अंतिम मुहर लगाने बाली है।
मध्यप्रदेश के मशहूर पर्यनट स्थल महेश्वर में 24 जनवरी को लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती पर मोहन यादव की कैबिनेट मीटिंग होगी। इसकी तैयारी का जायजा लेने के लिए कलेक्टर के साथ ही जनप्रतिनिधियों के दौरे लगातार हो रहे हैं।मंत्रियों और आला अफसरों के आगमन, सुरक्षा, वाहन पार्किंग ओर ठहरने की व्यवस्था कर ली गई है।इस दिन मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव महेश्वर किले में देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।
हजारों कर्मचारियों को मिलेगा रोजगार
मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम को कभी प्रदेश की रीढ़ माना जाता था। करीब 29 हजार करोड़ रुपये संपत्ति वाले इस निगम में कुल सात 700 बसों का बेड़ा है। पूर्व में इस निगम से 11 हजार 500 कर्मचारी भी जुड़े हुए थे। अब उन कर्मचारियो को नया रोजगार मिलने बाला है।
कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर
परिवहन निगम के संचालन के लिए राज्य सरकार से 70.5 और केंद्र सरकार से 29.5 फीसदी की हिस्सेदारी भी तय है की है है। देश और प्रदेश में भाजपा के शासन वाली डबल इंजन की सरकार की वजह से इस निगम को पुनर्जीवित किए जाने के रास्ते आसान हुए हैं।
देवी अहिल्या बाई के सुशासन को समर्पित करते हुए यह मंजूरी दी है।अब एक निर्जीव संस्था को जीवित करने की कोशिश शुरू की जा रही है। मप्र राज्य परिवहन निगम की नई पारी के भविष्य पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 24 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में अंतिम मोहर लगाने वाले हैं।
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