MP Primary Teachers : मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों को मिलेगी मनचाही पोस्टिंग हाईकोर्ट ने किया फैसला

हाईकोर्ट में आरक्षित वर्ग में प्राथमिक शिक्षकों को मनपसंद की स्कूलों में पदस्थ न करने के मामले में अपना फैसला को सुना दिया

MP Primary Teachers : आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट में आरक्षित वर्ग में प्राथमिक शिक्षकों को मनपसंद की स्कूलों में पदस्थ न करने के मामले में अपना फैसला को सुना दिया है।

जी हां बताया जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश की इस हाई कोर्ट ने अदालत में अपना फैसला जारी कर दिया जिसमें कहा गया है कि एससी एसटी और ईडब्ल्यूएस के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को उनकी प्रथम वरीयता पर स्थापित होने का अधिकार है जिसमें कोर्ट ने यहां शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए 30 दिन का समय दे दिया है।

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चॉइस ना होने के बाद में भी नियुक्ति

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट में करीब आरक्षित वर्ग में 50 से ज्यादा अभ्यर्थियों के द्वारा ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के द्वारा ट्राइबल एरिया के स्कूलों में नियुक्ति किए जाने के खिलाफ में याचिका को दायर कर दिया गया।

साल 2023 में प्राथमिक शिक्षक की भर्ती में आरक्षित वर्ग में मेरिट में आए अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में माइग्रेट करके उनकी नियुक्ति ट्राइबल एरिया के स्कूलों में कर दी गई थी वहीं स्कूली शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित स्कूलों में प्रथम वरीयता करते हुए चॉइस फिलिंग की गई।

बताया जा रहा है कि इन्होंने ट्राईबल वेलफेयर के स्कूलों के लिए या चॉइस की ही नहीं थी लेकिन उसके बाद में उनकी नियुक्ति हो गई एससी और मध्य प्रदेश एससी और एमपी की आरक्षित वर्ग पॉलिसी का दिया हवाला।

इन आरक्षित वर्ग पॉलिसी का दिया हवाला

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें याचिका करता हूं कि अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर द्वारा बताया गया है कि आरक्षित वर्ग के मेरिट में आए छात्रों को ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के द्वारा प्राथमिक शिक्षकों को अनारक्षित वर्ग में माइग्रेट किया गया।

जिसमें बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के कानून और मध्य प्रदेश शासन के आरक्षित वर्ग पॉलिसी का हवाला देते हुए बताया है कि अगर आरक्षित वर्ग मेरीटोरियस है और उसके नंबर अनारक्षित अभ्यर्थी के बराबर है तो उसकी पोस्टिंग के समय उसकी वरीयता का ध्यान में रखते हुए प्रथम वरीयता के आधार पर उसकी नियुक्ति कर दी जाएगी।

50 से ज्यादा अभ्यर्थियों के द्वारा स्कूली शिक्षा विभागों ने स्कूलों के लिए अपनी चॉइस फिलिंग भी की गई थी लेकिन उनकी नियुक्ति ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के स्कूलों में की गई जबकि अभ्यर्थियों के ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के स्कूलों के लिए चॉइस फील्ड ही नहीं की थी ।

जाने कितने किलोमीटर दूर होगी नियुक्ति

आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि इसमें अधिकता रामेश्वर ठाकुर द्वारा बताया है कि अभी अभ्यर्थियों के द्वारा ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट में स्कूलों की चॉइस नहीं की गई थी लेकिन इसमें ट्राईबल वेलफेयर डिपार्टमेंट के द्वारा इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति उनके गृह शहर से करीब 500 किलोमीटर दूर की जाएगी।

शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के जस्टिस सुरेश कुमार कट और जस्टिस विवेक जैन की योगल्प पीठ में हुई जिसमें मध्य प्रदेश के संदर्भ में प्रवीण कुमार कुर्मी मध्य प्रदेश राज्य के आदेश में जो गाइडलाइन है उसको फॉलो करते हुए बताया है।

कि हाई कोर्ट के द्वारा डायल तीनों याचिकाओं को स्वीकार कर दिया गया जिसके साथ में यहां मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के कमिश्नर को निर्देश जारी करते हुए ट्राइबल विभाग ने की गई।

नियुक्तियों को स्कूली शिक्षा विभाग के पद स्थापना परिवर्तित करने के 30 दिन का समय भी दे दिया गया।

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Shailendra

I am Shailendra, I have done my B.Com from Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur. After graduating in B.Com (Computer Science), I have also done LLB. I keep myself informed about the country, world and social concerns and I am fond of writing. I like writing good articles.

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