नवरात्रि की अष्टमी को करें यह उपाय होगी अटूट धन की बरसात मिलेंगे विशेष फायदे

नवरात्र के आठवें दिन जिस (Navratri 2024 Ashtami Upay)महागौरी अष्टमी भी कहा जाता है और इस दिन महागौरी की पूजा का विधान है।

Navratri 2024 Ashtami Upay नवरात्रि की अष्टमी को करें यह उपाय होगी अटूट धन की बरसात आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह नवरात्रि के हर दिन आदिशक्ति मां भवानी के विभिन्न रूपों की विशेष पूजा की जाती है जी हां बताया जा रहा है कि यह साधु और शुभ फल प्राप्त होते हैं जी हां बताइए जा रहा है कि नवरात्र के आठवें दिन जिस महागौरी अष्टमी भी कहा जाता है और इस दिन महागौरी की पूजा का विधान है।

यह मां पार्वती का रूप अत्यंत सरल और मोहन माना जाता है और इसमें ऐसी मान्यताओं के मुताबिक माता रानी के ईश्वर की आराधना करके सभी प्रकार के धन-धान्य भर आते हैं यह सभी प्रकार के रूप में व्याधियों व्याधियों से छुटकारा होता है तथा मां गौरी की कृपा से जीवन में सुख शांति समृद्धि स्वास्थ्य का संचार होता है और उस साधक को आदमी को और भौतिक दोनों प्रकार के फायदे मिलते हैं।

आपको बता देते हैं कि आज नवरात्रि की अष्टमी तिथि है और इस दिन आठवें रूप महागौरी की पूजा की जाएगी तथा इस दिन आशीर्वाद से सभी समस्याओं का समाधान होता है आपको आज के दिन कौन-कौन सी चीजे उपायों को करना फलदाई होगा इसकी जानकारी नीचे दी जा रही है

इन चीजों का करिए दान

नवरात्रि के आठवें दिन गुरुवार है और यहां मां भगवती का बहुत ही विशेष दिन माना जाता है जिसमें दान और सेवा का विषय विशेष समय है इस दिन आप जरूरतमंद लोगों और गरीबों को पीले वस्त्रो का पीले रंग की चीजों का दान करें और महागौरी तथा भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।

पीले रंग के वस्त्र हल्दी के लिए और पीले रंग की मिठाई जैसे लड्डू का दान करना सबसे शुभ माना जाता है इसे केवल पुण्य ही नहीं बढ़ता बल्कि जीवन में सुख समृद्धि तथा स्वास्थ्य में सुधार होता है।

इस दिन दान करने से विशेष फायदे तथा आशीर्वाद भी मिलता है।

करें यहां गौरी चालीसा का पाठ

गौरी चालीसा

मन मंदिर मेरे आन बसो,

आरम्भ करूं गुणगान,

गौरी माँ मातेश्वरी,

दो चरणों का ध्यान।

पूजन विधि न जानती,

पर श्रद्धा है अपार,

प्रणाम मेरा स्वीकारिये,

हे माँ प्राण आधार।

नमो नमो हे गौरी माता,

आप हो मेरी भाग्य विधाता,

शरणागत न कभी घबराता,

गौरी उमा शंकरी माता।

आपका प्रिय है आदर पाता,

जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,

महादेव गणपति संग आओ,

मेरे सकल क्लेश मिटाओ।

सार्थक हो जाए जग में जीना,

सत्कर्मो से कभी हटूं ना,

सकल मनोरथ पूर्ण कीजो,

सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।

हे माँ भाग्य रेखा जगा दो,

मन भावन सुयोग मिला दो,

मन को भाए वो वर चाहूं,

ससुराल पक्ष का स्नेहा मैं पायु।

परम आराध्या आप हो मेरी,

फ़िर क्यों वर में इतनी देरी,

हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो,

थोडे़ में बरकत भर दीजियो।

अपनी दया बनाए रखना,

भक्ति भाव जगाये रखना,

गौरी माता अनसन रहना,

कभी न खोयूं मन का चैना।

देव मुनि सब शीश नवाते,

सुख सुविधा को वर मैं पाते,

श्रद्धा भाव जो ले कर आया,

बिन मांगे भी सब कुछ पाया।

हर संकट से उसे उबारा,

आगे बढ़ के दिया सहारा,

जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे,

निराश मन में आस जगावे।

शिव भी आपका काहा ना टाले,

दया दृष्टि हम पे डाले,

जो जन करता आपका ध्यान,

जग में पाए मान सम्मान।

सच्चे मन जो सुमिरन करती,

उसके सुहाग की रक्षा करती,

दया दृष्टि जब माँ डाले,

भव सागर से पार उतारे।

जपे जो ओम नमः शिवाय,

शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,

जिसपे आप दया दिखावे,

दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।

सात गुण की हो दाता आप,

हर इक मन की ज्ञाता आप,

काटो हमरे सकल क्लेश,

निरोग रहे परिवार हमेशा।

दुख संताप मिटा देना माँ,

मेघ दया के बरसा देना माँ,

जबही आप मौज में आय,

हठ जय माँ सब विपदाएं।

जिस पे दयाल हो माता आप,

उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,

फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ,

श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।

अवगुण दृष्टि दृष्टि दृष्टि मेरे ढक देना माँ,

ममता आंचल कर देना मां,

कठिन नहीं कुछ आपको माता,

जग ठुकराया दया को पाता।

बिन पाऊ न गुन माँ तेरे,

नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,

जितने आपके पावन धाम,

सब धामो को मां प्राणम।

आपकी दया का है ना पार,

तभी को पूजे कुल संसार,

निर्मल मन जो शरण में आता,

मुक्ति की वो युक्ति पाता।

संतोष धन्न से दामन भर दो,

असम्भव को माँ सम्भव कर दो,

आपकी दया के भारे,

सुखी बसे मेरा परिवार।

आपकी महिमा अति निराली,

भक्तो के दुःख हरने वाली,

मनोकामना पुरन करती,

मन की दुविधा पल मे हरती।

चालीसा जो भी पढें सुनाया,

सुयोग वर् वरदान में पाए,

आशा पूर्ण कर देना माँ,

सुमंगल साखी वर देना माँ।

गौरी माँ विनती करूँ,

आना आपके द्वार,

ऐसी माँ कृपा किजिये,

हो जाए उद्धार।

हीं हीं हीं शरण में,

दो चरणों का ध्यान,

ऐसी माँ कृपा कीजिये,

पाऊँ मान सम्मान।

आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यदि आप दांपत्य रिश्ते में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं तो उसके लिए आज के दिन आपको सबसे पहले स्नान करें देवी मां को सफेद पुष्प अर्पित करें और मां दुर्गा का पाठ करना चाहिए।

यदि आपको मनचाही वर वधू पाने में कोई प्रकार की दिक्कत है का सामना करना पड़ रहा है तो उसके लिए आपको देवी दुर्गा को इलायची का भोग लगाना चाहिए और उसी के साथ में इस मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए मंत्र है।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

यदि आप अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं और बिजनेस में दूर दराज को फैलाना चाहते तो उसके लिए आपको स्नान करके मां दुर्गा की विधि पूर्वक पूजा करना चाहिए और कपूर से उनकी आरती उतारना चाहिए उसके बाद में हलवे तथा उबले हुए चने का भोग लगाना चाहिए।

आप सुंदर स्वस्थ कार्य और परम सुख की प्राप्ति को चाहते हैं तो उसके लिए स्नान करने के बाद में सांप स्वच्छ कपड़े पहन करके देवी दुर्गा जी को प्रणाम करें और दुर्गा जी के यह मंत्र का 11 बार जाप करें मंत्र है।

देहि सौभाग्य मारोग्यं देहि मे परमं सुखम् रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषों जहि।

यदि किसी चीज का डर बना रहता है तो उसके लिए आप नया काम शुरू करने से भी डरते हो और ऐसी समस्या आपके साथ में भी है तो आपको 21 बार नवदुर्गा के यह मंत्र का जाप करना चाहिए मंत्र है।

जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणी। जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।

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Shailendra

I am Shailendra, I have done my B.Com from Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur. After graduating in B.Com (Computer Science), I have also done LLB. I keep myself informed about the country, world and social concerns and I am fond of writing. I like writing good articles.

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