Soyabeen Price 2025 : अगले महीने से बदल जाएगी सोयाबीन की कीमतें, इतना होगा बदलाव , जानिए सोयाबीन की ताजा खबर
सोयाबीन को 6000 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए।सरकार ने किसानों की मांगों को देखते हुए सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात 4892 रुपए प्रति क्विंटल कर दिए है।
- सोयाबीन भाव बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठाएगी
- सोयाबीन के भाव पर क्या असर पड़ेगा
- सोयाबीन और सरसों का आज का ताजा भाव
Soyabeen Price 2025 : गेहूं के भाव में दिन प्रतिदिन बढ़ता ही नजर आ रही है।सोयाबीन के दाम भी तेजी पकड़े हुए है। गेहूं सोयाबीन के बढ़ते दाम के चलते पूछता हूं को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। महंगाई का असर यह है कि केवल गेहूं के ही नहीं बल्की सोयाबीन के दाम भी आसमान छू रहे है। गेहूं के रेट में तो प्रति क्विंटल पर ₹1000 तक बढ़ोतरी देखी गई है।
गेहूं का यह रेट हाई लेवल पर पहुंच चुका है। किसानों को अच्छे दाम मिलेगे और तिलहन की फ़सल को बढ़ावा भी दिया जाएगा।पिछले 4 सालों से सोयाबीन के भाव लगातार कम बने हुए हैं। यही कारण है कि बीते वर्ष सोयाबीन के सीजन की शुरुआत के पहले सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के सब्र टूट गया।
किसानों ने सोयाबीन का भाव बढ़ाने के लिए आंदोलन शुरू किए थे। किसानों की मांग थी कि सोयाबीन को 6000 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए।सरकार ने किसानों की मांगों को देखते हुए सोयाबीन को न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात 4892 रुपए प्रति क्विंटल कर दिए है।
आज का गेहूं का भाव
गेहूं का भाव आज सातवें आसमान को छूटा हुआ नजर आ रहा है।इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि कई मंडी में गेहूं के भाव MSP 2275 रुपए से भी ₹1000 तक महंगे दामों में बिक सकता है। कई जगह पर गेहूं के दाम 3275 चल रहे है।इसके अलावा कई जगहों पर 3310 प्रति क्विंटल तक की गेहूं के रेट चल रहे हैं।
गेहूं के औसत दाम ₹3250 के करीब है।और न्यूनतम दम 3050 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कारोबार कर रहा है। हम आपको बता दे कि गेहूं के एवरेज, मैक्सिमम और मिनिमम भाव की बात करे तो सभी रेट MSP के से काफी ऊपर चल रहे हैं।
सोयाबीन का भाव बढ़ाने के लिए सरकार यह कदम उठाएगी
सोयाबीन का भाव बढ़ने के लिए सरकार बड़ा फैसला करने की तैयारी कर रही है। अंतरराष्ट्रीय उपज सोयाबीन का डिब्बा व्यापार फरवरी से शुरू होने के आसार बताए जा रहे हैं। तीन साल से इस पर सरकार ने रोक लगा रखी है। उद्योग जगत के साथ कारोबारी की मंशा भी डिब्बा व्यापार शुरू करने की है।
सोयाबीन के भाव पर क्या असर पड़ेगा
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में खाद्य तेलों की कीमतें काफी नीचे आ रही है। मलेशिया में पाम तेल की कीमतें बीते दिनों के सर्वोच्च स्तर से करीब 800 रिंगिट गिरी है। तेल के कमजोर पड़ने से तिलहन उपजों के दाम भारतीय बाजार में घट रहे हैं।
ऐसे में सरकार के जल्द ही एग्री वायदा से बैन हटाए जाने की उम्मीद कर रही है। सोयाबीन, गेहूं सहित 6 फसलों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। इसके पश्चात इसके कारोबार से बैन हटाने की संभावना है। व्यापारी अगले महीने से कारोबार शुरू होने की आस बाजार लगाए बैठा है।
खाद्य तेलों के भाव बढ़े
खाद्य तेलों के प्रचुर मात्रा में आयात एवं उपलब्धता के कारण सोयाबीन के भाव लगातार कम हो रहे थे। सरकार ने रिफाइंड और कच्चे पाम आयल पर सितंबर में आयात शुल्क में बढ़ोतरी के बाद खाद्य तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सितंबर में आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद पाम आयल के दाम में पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत तक बढ़ा दिए गए है।
सोयाबीन और सरसों का ताजा भाव
सोयाबीन के दाम भी पहले से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। सोयाबीन के दाम पहले 3802 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रहे थे। लेकिन अब 4305 रुपए प्रति क्विंटल कर दिए गए है।इसके साथ ही कई अन्य वस्तु के दाम भी बढ़ गए है। जैसे सरसों 5320 से लेकर 5805 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है।
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