Swami Vivekananda Birth Anniversary: मध्य प्रदेश के नाम एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड कई चुनौती के बाद मुख्यमंत्री ने भरे रंग
यह अवार्ड शिखा शर्मा और उनकी 12 सदस्य टीम को सोपा गया है।

Swami Vivekananda Birth Anniversary: आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह मध्य प्रदेश में एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है जी हां बताया जा रहा है कि स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर राज्य की सरकार की तरफ से आयोजित मिशन के अंतर्गत भोपाल में दुनिया की सबसे बड़ी 3D रंगोली बनाई गई।
जी हां बताया जा रहा है कि यह रंगोली 18000 स्क्वायर फीट में बनी हुई है जो की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस रिकॉर्ड की मान्यता दी गई है बताया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री की उपस्थिति में यह अवार्ड शिखा शर्मा और उनकी 12 सदस्य टीम को सोपा गया है।
इस रंगोली में सबसे पहले स्वामी विवेकानंद जी का चित्र बनाया गया और उसके बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का और उसके बगल में मुख्यमंत्री मोहन यादव का चित्र बनाया गया है।
हजारों किलो रंगों का हुआ उपयोग
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि भोपाल में शौर्य स्मारक में बनाई गई यह विशाल रंगोली 225 * 80 फीट आकार में थी जो की 4000 किलो ऑर्गेनिक रंगों का उपयोग हुआ है । और यह शिखा शर्मा तथा उनकी टीम ने इस रंगोली को बनाने में 48 घंटे का समय लिया है।
आने वाले समय में नया रिकॉर्ड
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि शिखा शर्मा ने यहां बताया है कि उनका लक्ष्य अब एक लाख स्क्वायर फीट में रंगोली बनाकर के नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का है और इसके लिए आने वाले उज्जैन सिहस्त को लेकर के तैयारी भी करती है।
शिखा शर्मा को नेपाल और थाईलैंड में अवार्ड मिल चुके हैं और उनको जयपुर के इंटरनेशनल यूथ फेस्टिवल ने गोल्ड मेडल भी मिला हुआ है।
मुख्यमंत्री ने भरे रंग
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन की शुभारंभ के पहले इस विशाल रंगोली का निरीक्षण किया गया और उन्होंने शिखा शर्मा को उनकी टीम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाण पत्र सोपे तथा इस रंगोली में खुद ने रंग भरे ।
रंगोली बनाने में आई कई चुनौतियां
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं की रंगोली बनाने वाली टीम की सदस्य अर्पित राजपूत ने यहां बताया है कि इतने बड़े आकार की रंगोली बनाना चैलेंजिंग था जो की रात में उसे गिरने से कारपेट गीला हो गया था।
जिस रंग ठीक से भर नहीं पा रहे थे दिन में तेज हवा से रंग उड़ने का डर था लेकिन टीम ने इसको सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।
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