मध्यप्रदेश की ये तहसीलें बनेंगी जिला किया पुनर्गठन आयोग का गठन
प्रदेश के कई जिलों और संभागों का नक्शा जल्द बदल सकता है।

Tehsils Will Become Districts: आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश में जिले बनाने की मांग बहुत ही तेजी से चल रही है जिसमें बताया जा रहा है कि आने वाले समय में प्रदेश के कई जिले और संभागों का नक्शा बदलने जा रहा है।
सरकार द्वारा पुनर्गठन आयोग का गठन भी कर लिया गया है जिसमें रिटायर्ड इस मनोज श्रीवास्तव मुकेश कुमार शुक्ला को नियुक्त किया गया है।
पुनर्गठन आयोग की जिम्मेदारी भीजिसमें प्रदेश के संभाग जिले विकासखंड तथा ना इसलिए से सीमा कर रूपरेखा को तैयार किया जाएगा मोहन यादव द्वारा यह कहा गया है कि जिले तो बढ़ गए।
लेकिन इसकी सीमाओं को लेकर के आज भी संगति है जिसको बहुत ही ज्यादा पूरा कर दिया जाएगा। अब इसको देखते हुए तीन जिले बनाने की मांग भी बहुत तेजी से बढ़ गई है।
इन तहसीलों को बनाई के जिला
आपको यह जानकारी के लिए बताते थे कि बिना को जिला बनाने की मांग पिछले 40 सालों से चल रही है विधायक निर्मला सप्रे ने बिना को जिला बनाने की थी लेकिन खुरई को भी जिला बनाने की लॉबिंग होने लगी बिना की सागर से दूरी करीब 75 किलोमीटर है।
यदि बिना नया जिला बनता है तो खुरई बीना माल्थोन कुरवाई बंदरी जैसे जगह को इसमें शामिल कर लिया जाएगा।
बनेगा नया जिला
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि सिरोंज तहसील की विदिशा से दूरी लगभग 85 किलोमीटर है और वहां के लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए विदिशा आने में बहुत समय लग जाता है जिस समय में सबसे ज्यादा बर्बादी होती है।
यदि सिरोंज जिले के अस्तित्व में आता है तो लटेरी तहसील और ग्राम पंचायत आनंदपुर को इसमें शामिल कर लिया जाएगा इधर आनंदपुर को गुना जिले में शामिल करने का सुझाव दे दिया है क्योंकि गुना की दूरी आनंदपुर के सिरोंज के बराबर में है।
नए जिले के अस्तित्व में पिपरिया
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि नर्मदा पुरम से अलग कर कर के यहां पिपरिया को अलग जिला बना दिया जाएगा क्योंकि नर्मदा पुरम की पिपरिया से दूरी 70 किलोमीटर है जिसमें पहाड़ी रास्तों से गुजरने में लगभग 2 घंटे का समय लग जाता है।
विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान पिपरिया को जिला बनाने की मांग को लेकर की धरना प्रदर्शन और हड़ताल भी की गई लेकिन यहां मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि हमने सरकार बनाई तो है।
लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि एमपी भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य जिसका क्षेत्रफल में बड़ा तो है लेकिन उसके साथ में कुछ कठिनाई है अभी आई जिले तो बढ़ गए लेकिन इसकी सीमाओं को लेकर के भी संगतियों को बहुत ही जल्द दूर कर दिया जाए।
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