Transfer Policy 2025 : जनवरी 2025 में 65 हजार कर्मचारियों के तबादले पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया जाएगा। मार्च में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
मध्यप्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद से तबादला नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था।

- तबादला नीति में बदलाव ।
- जनवरी में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के तबादले की उम्मीद।
- पुराने अधिकारियों का तबादला जरूरी है।
Transfer Policy 2025: मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। दो साल से लगे तबादलों पर प्रतिबंध को अब मार्च 2025 में हटाने की तैयारी हो रही है। इसके बाद प्रदेश में एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल की संभावना जताई जा रही है,
तबादला नीति में बदलाव
मध्यप्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद से तबादला नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था। चुनावों के चलते, राज्य सरकार ने तबादलों पर रोक लगा दी थी, और इसके बाद से राज्य में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले सिर्फ मुख्यमंत्री समन्वय से ही हो रहे थे। अब, मार्च में तबादला नीति में संशोधन के साथ प्रतिबंध हटने के बाद राज्य में एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल की उम्मीद जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार जनवरी 2025 में प्रदेश के कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित 65 हजार कर्मचारियों के तबादले पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया जाएगा।
हालांकि, इसमें कुछ विशेष परिस्थितियों में ही तबादले किए जा सकेंगे और मंत्रियों को तबादले करने का अधिकार सीमित संख्या में ही मिलेगा। इसके तहत, प्रभारी मंत्री के पास अपने प्रभार वाले जिलों में तबादला करने का अधिकार होगा।
जनवरी में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के तबादले की उम्मीद
जनवरी 2025 में कलेक्टर, कमिश्नर, एसडीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले की संभावना है। इस दौरान विधानसभा चुनावों के बाद के प्रशासनिक बदलाव और राज्य में नए कार्यों की गति को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है।
हालांकि, इस समय तक सिर्फ कलेक्टर और अन्य उच्च अधिकारियों के तबादलों पर ही ध्यान दिया जाएगा। अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया मार्च तक के लिए स्थगित रखी जा सकती है।
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प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है, क्योंकि यह सरकार द्वारा कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और व्यवस्थापन को फिर से मजबूत बनाने का संकेत है। इस कदम से प्रशासन में जरूरी सुधार संभव हो सकते हैं, जो राज्य की विकास गति को और तेज कर सकते हैं।
तबादला नीति का बदलाव?
2023 के विधानसभा चुनावों के बाद से जब से राज्य सरकार ने तबादला नीति में बदलाव किया, तब से प्रशासनिक कार्यों में जटिलता बढ़ गई थी। कई विभागों में कर्मचारियों की स्थिति स्थिर नहीं थी, जिसके कारण कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही थी। अधिकारियों और कर्मचारियों की पोस्टिंग में सामंजस्य का अभाव था, और यह कार्यों की गति को धीमा कर रहा था।
मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई बार मुलाकात की और नई तबादला नीति लागू करने की अपील की। इन बैठकों में मंत्रीगण ने यह भी कहा कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक बदलावों को लागू करने के लिए नए कर्मचारियों की नियुक्ति और पुराने अधिकारियों का तबादला जरूरी है।