Western Disturbance : मध्य प्रदेश में ठंड और बारिश का अटैक,दिसंबर में तापमान में भारी गिरावट और शीतलहर की चेतावनी
मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का प्रभाव अधिक होगा। दिसंबर के अंत से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे प्रदेशवासी ठिठुरन महसूस करेंगे।

Western Disturbance : मध्य प्रदेश में दिसंबर का महीना शुरू होते ही सर्दी का असर तेज हो गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस महीने तापमान में तेजी से गिरावट देखने को मिल सकती है, जिसके कारण प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर और कोहरे जैसी परिस्थितियाँ बन सकती हैं। खासकर मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का प्रभाव अधिक होगा। दिसंबर के अंत से जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे प्रदेशवासी ठिठुरन महसूस करेंगे।
तापमान में गिरावट, शीतलहर की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर की शुरुआत में ही तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में मौसम शुष्क रहा, और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया। नौगांव (छतरपुर) में 8.1°C और नरसिंहपुर/खजुराहो (छतरपुर) में 10.4°C तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से कम था। वहीं, अन्य इलाकों में तापमान सामान्य स्तर पर बना रहा।
मध्य प्रदेश में नवंबर के अंत से ही ठंड का अहसास बढ़ने लगा था, और अब दिसंबर में यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। शीतलहर और ठंडी हवाओं के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ने का अनुमान है। खासकर इंदौर में सर्द हवाओं का असर साफ महसूस होने लगा है, जो अब तक की तुलना में ज्यादा तीव्र हो गया है।
पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की सक्रियता के कारण पहाड़ों पर बर्फबारी होने की संभावना है, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेजी से मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेंगी। इन हवाओं के कारण ठंड में और बढ़ोतरी हो सकती है, और खासकर ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, और मालवा-निमाड़ क्षेत्रों में कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।

इन क्षेत्रों में रात का तापमान गिरने की संभावना जताई जा रही है, जबकि दिन में हल्की धूप भी सर्दी को कम करने में मदद नहीं करेगी। इसके अलावा, मालवा-निमाड़ क्षेत्र में पाले (Frost) की संभावना भी बन सकती है, जो कृषि पर भी असर डाल सकता है।
इंदौर, भोपाल, जबलपुर में कुछ राहत
हालांकि, इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है। इन इलाकों में तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट का अनुमान नहीं है, लेकिन बाकी प्रदेश के मुकाबले इन शहरों में सर्दी का असर कम रहेगा। बावजूद इसके, मालवा और निमाड़ क्षेत्र में ठंड की तीव्रता में वृद्धि देखने को मिल सकती है, जिससे इन क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
कृषि और यातायात पर प्रभाव
ठंड और बारिश के इस डबल अटैक का प्रभाव कृषि पर भी पड़ सकता है। खासकर पाले के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है। किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अलावा, शीतलहर और कोहरे के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हो सकता है