Rajiv Gandhi Ayurvedic College: एमपी के इस कॉलेज में फर्जी फैकल्टी लगा एक करोड़ का जुर्माना
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Rajiv Gandhi Ayurvedic College: एमपी के इस कॉलेज में फर्जी फैकेल्टी लगा एक करोड़ का जुर्माना आपको यह जानकारी जी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश के भोपाल की राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति और बायोमेट्रिक उपस्थिति में गड़बड़ी सामने आई।
जी हां बताया जा रहा है कि मामले में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कॉलेज पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है बताया जा रहा है कि यहां फैकल्टी की गड़बड़ी उजागर हो गई है।
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राजधानी भोपाल के शाहपुर स्थित राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति और बायोमेट्रिक उपस्थिति में गड़बड़ी सामने आई है अब एनसीआईएसएम की टीम निरीक्षण के बाद में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राजीव गांधी आयुर्वेद पर एक करोड रुपए का जुर्माना ठोक दिया है।
एनसीआईएसएम की टीम ने किया निरीक्षण
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन की टीम ने राजीव गांधी आयुर्वेद कॉलेज का निरीक्षण किया था जिसमें यहां पाया गया।
कि कॉलेज के कागजों पर छह टीचर्स की नियुक्ति दिखाई गई लेकिन मौके पर उपस्थित नहीं थे और उसी के साथ में कागजात में भी गड़बड़ी पाई गई इसके अलावा 29 में 2024 को दो शिक्षकों की नियुक्ति दिखाई गई।
जबकि उनकी नियुक्ति पत्र की तारीख 18 सितंबर 2024 की यह शिक्षक कागजों से पहले ही नियुक्त हो चुके थे जबकि वास्तविकता में वह कॉलेज में उपस्थित नहीं थे।
बायोमेट्रिक उपस्थिति में मिली गड़बड़ी
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इस जांच में यहां पाया गया कि बायोमेट्रिक उपस्थिति के टाइम और डेट में भारी गड़बड़ी थी समय सुबह और शाम के शेड्यूल में और समानता पाई गई जिससे फर्जी हाजिरी का शक हुआ ।
अब फर्जी हाजिरी और कॉलेजों ने 60 शिक्षकों की उपस्थिति कागजों पर दिखाई लेकिन निरीक्षण में वहां शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं थे मामले में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कॉलेज पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया है।
शिक्षकों की नियुक्ति को माना फर्जी
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी माना गया और उनके दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं नाम इस प्रकार है डॉक्टर रुता विनायक घाटे डॉक्टर काजल प्रकाश जमदाडे डॉक्टर छाया दानी डॉक्टर संजीत जैन डॉ पूजा कुकड़े डॉक्टर सिद्धार्थ पवार।
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