HMPV Virus in India : HMPV वायरस के बढ़ते मामलों को देखकर, भोपाल एम्स ने जारी किए निर्देश , आइसोलेशन वार्ड की करेंगे तैयारी

अखिल भारतीय अनुविज्ञान संस्थान भोपाल ने एचएमपीवी के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए।लोगों के लिए सुरक्षा और जागरूकता बचाव के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

  • एचएमपीवी वायरस कैसा है
  • एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है
  • भोपाल एम्स की तैयारी वायरस को लेकर
  • वायरस के सामान्य लक्षण क्या है

HMPV Virus in India : एचएमपीवी वायरस ने पूरी दुनिया के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। चीन से आए एक वायरस के मामले में अब कई अन्य देशों के अलावा भारत में भी सामने आने लगे हैं। यहां भी तीन के सामने आ चुके हैं।मध्य प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर हो गई है। एचएमपीवी वायरस को लेकर भोपाल एम्स ने अलर्ट जारी कर दिया है। और इसकी तैयारी भी की जा रही है।

मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग को वायरस की निगरानी बढ़ाने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। अखिल भारतीय अनुविज्ञान संस्थान भोपाल ने एचएमपीवी के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए।लोगों के लिए सुरक्षा और जागरूकता बचाव के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। एम्स की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत सबसे ज्यादा है। एम्स भोपाल के डॉक्टर ने संक्रमण को रोकने के लिए कुछ जानकारियां दी है ।

एचएमपीवी वायरस कैसा है

एम्स के विशेषज्ञों ने कहा है कि एचएमपीबी एक आरएनए वायरस है इसमें सांस यह वाइरस सांस से फैलने वाला वायरस है। जो मुख्य रूप से फेफड़े और सांस लेने की प्रक्रिया को प्रवाहित कर रहा है। यह सबसे ज्यादा छोटे बच्चे और बुजुर्गों में देखने को मिल रहा है। जिनकी रोक प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। उनके लिए एचएमपी वायरस ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है

एम्स भोपाल के डॉक्टर के मुताबिक एचएमपी में वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के चिकने और खने से निकलने वाली सांस की बूंद से फैल रहा है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या दूसरी जगह से चुने के बाद आंख नाक या मुंह को छूने से भी इसका संक्रमण अधिक फैल रहा है।

वायरस के सामान्य लक्षण

डॉक्टर के अनुसार एचएमपीवी वायरस के सामान्य लक्षण नाक बहना गले में खराश होना,सांस लेने में कठिनाई होना ,घबराहट होना ,बुखार आना, थकान जैसे लक्षण शामिल किए गए हैं। कभी-कभी यह निमोनिया का कारण भी हो सकता है। डॉक्टर ने सलाह दी है कि सामान्य रूप से स्वस्थ लोग बिना किसी समस्या के इस वायरस से ठीक हो जाते हैं। लेकिन बच्चे और बुजुर्ग और अस्थमा हृदय रोग वाले मरीज के लिए यह वाइरस काफी खतरे का कारण है।

भोपाल एम्स की तैयारी

एम्स भोपाल के निदेशक डॉक्टर अजय सिंह ने बताया है कि एम्स भोपाल में श्वसन वायरस की जांच के लिए आरटीपीसीआर तकनीक का उपयोग किया जाता है।जो एचएमपीवी का पता लगाने का सबसे सही तरीका है एम्स में सामान्य और आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर आईसीयू बिस्तर भी उपलब्ध किया जा रहा है।

भोपाल एम्स के स्वसन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पराग शर्मा ने बताया है कि वर्ष 2000 में भी इस वायरस की पुष्टि की गई थी।और यह वाइरस नीदरलैंड में पाया गया था।उसके अनुसार ठंड के मौसम में यह फिल्म के मामले ज्यादा होते हैं। और यह वाइरस सर्दी में सबसे अधिक फैलता है।उनमें से लगभग 1% मामले एचएमपीवी वायरस के होते हैं।यह वायरस ठंड के मौसम में अधिक सक्रिय हो जाता है। जिन लोगों को टीवी या फेफड़ों से संबंधित संक्रांत है तो उन्हें इस वायरस से सावधानी बरतनी चाहिए।

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Rahul Srivastava

मेरा नाम राहुल श्रीवास्तव है मैं नरसिंहपुर जिले से हूं ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय मैं अखबारों में कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ-साथ समाचार लेखन का काम भी किया और अब समाचार लेखन का काम की नई शुरुआत कर रहा हूं मेरे द्वारा लिखे गए कंटेंट पूर्णता सत्य होंगे और आपको यह कंटेंट अच्छे लगेंगे।

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