MP Paddy Purchase : एमपी में धान खरीदी को लेकर किसान हुए निराश, वादे के मुताबिक नहीं मिल रही सही कीमत
बीजेपी ने ₹3100 प्रति कुंतल के भाव पर धान खरीदी करने का वादा किया था। लेकिन राज्य में धान 2300 और 2320 रुपए प्रति कुंटल के भाव से खरीदी जा रही है।
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- 2300 में हो रही है खरीदी वादा था 3100 का
- किसानों में है निराशा धान की कम कम कीमत से
- बालाघाट जिले में कम भाव से निराश किसान
- किसान संतुष्ट है खरीद केंद्र की व्यवस्था से
- मध्य प्रदेश में 44 मेट्रिक टन धान का उपार्जन
MP Paddy Purchase : एमपी में धान खरीदी को लेकर अन्नदाता निराश दिखाई दे रहे हैं विधानसभा के चुनाव के दौरान बीजेपी सरकार ने वादे किए थे। वादों को पूरा नहीं किया गया है एमपी में 2 दिसंबर 2024 से राज्य सरकार एसपी प्रधान की खरीदी कर रही है। यह खरीदी 23 जनवरी 2005 तक की जाएगी
सरकार किसानों से 2300 प्रति कुंतल के हिसाब से धान खरीदी कर रही है। इस बार प्रदेश में धान की पैदावार भी काफी ज्यादा मात्रा में हुई है दरअसल किसानों ने धान की बंपर पैदावार बीजेपी के चुनावी वादे के भरोसे पर की थी यह वादा बीजेपी ने चुनाव जीतने से पहले किया था। जिस वादे को भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया है।जिससे राज्य में किसान निराश दिखाई दे रहे हैं।
2300 में हो रही है खरीदी वादा था 3100 का
विधानसभा चुनाव से पहले संकल्प के मुताबिक बीजेपी ने ₹3100 प्रति कुंतल के भाव पर धान खरीदी करने का वादा किया था। लेकिन राज्य में धान 2300 और 2320 रुपए प्रति कुंटल के भाव से खरीदी जा रही है। किसान संगठन से लेकर विपक्ष ने कई बार भाव 2100 करने की मांग उठाई है। लेकिन सरकार ने इस पर अपना कोई जवाब नहीं दिया है। और ना ही धान की खरीदी के भाव को बढ़ाया गया है।
किसानों में है निराशा धान की कम कीमत से
प्रदेश में चार जिलों से धान खरीदी की जमीन हकीकत खुद किसानों ने बताया है धान की खरीदी अन्य दूर से गुजर रही है बालाघाट दमोह कटनी और सीधी के खरीदी केंद्र पर किसानों से बातचीत करी गई है। जिस पर किसान ने धान की कम कीमत मिलने से काफी निराश दिखाई दे रहे हैं। भाजपा सरकार को बड़ी के मुताबिक धान की खरीदी को 3100 करना चाहिए था। लेकिन उन्होंने यह नहीं किया है जिस बात से अन्नदाता काफी निराशा है।
बालाघाट जिले में कम भाव से निराश किसान
बालाघाट के एक खरीदी केंद्र पहुंचकर जब किसानों से वार्तालाप की गई तो किसानों के द्वारा कहा गया है कि सरकार ने चुनाव के समय धान का समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति कुंटल देने का दावा किया था।
लेकिन अपने वादे को भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया है जिसके कारण किसानों पर नाराजगी दिखाई दे रही है। विरोध को देखते हुए सरकार ने प्रति हेक्टेयर ₹2000 बोनस देने का वादा किया है। किसानों का कहना है कि यह भी पर्याप्त नहीं है और इससे भी यह संतुष्ट नहीं है।
किसान संतुष्ट है खरीद केंद्र की व्यवस्था से
किसानों में खरीदी केंद्र की व्यवस्था को लेकर कोई नाराजगी दिखाई नहीं दे रही है। कुछ किसानों ने कहा है कि सरकार ने किसानों से एक बोरी में 40 किलो 600 ग्राम धान खरीदी का नियम बनाया है। किंतु देखने में आया है कि 100 से 200 ग्राम धान अधिक की जा रही थी। इस पर केंद्र प्रभारी ने सफाई देते हुए बताया है। कि परिवहन के दौरान बोरी से धान झरने तथा उसमें शौक आ जाने के चलते ऐसा किया जा रहा है।इसलिए धान को अधिक भरा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में 44 मेट्रिक टन धान का उपार्जन
एमपी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक साढे 5 लाख से अधिक किसानों से 36 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इस साल प्रदेश में करीब 44 लाख मैट्रिक टन धान उपार्जन का अनुमान लगाया जा रहा है।
कटनी में खरीदी केंद्र
किसानों का कहना है कि धान की रखवाली खुद कर रहे हैं किसने जब तक तोले का पैसा ना दे तब तक खरीदी नहीं की जा सकती है। कुछ किसानों ने कोई शिकायत नहीं की और शासन की व्यवस्थाओं से संतुष्ट देखे हैं लेकिन कटनी के बड़ागांव खरीदी केंद्र में घोर लापरवाही दिखाई दे रही है।जहां किसानों का आरोप है कि तीन दिन से वह परेशान है।
सीधी में किसानों ने जताई नाराजगी
सीधी जिले में जहां लोग के पास कृषि के अलावा अन्य कोई साधन नहीं है जहां से वह अपना रोजगार प्राप्त कर सके। किसानों से धान की खरीदी के लिए सीधी जिले में 40 केंद्र खोले गए हैं इन केदो पर व्यवस्थाओं से किस नाराज दिखाई दे रहा है।
किसान क्रांति शुक्ला ने कहा है कि पूरे सीधी जिले में सुविधाओं का अभाव है खाद के लिए मेहनत करनी पड़ती है चुनाव के पूर्ण समर्थन मूल्य ₹3100 का वादा किया गया था ।लेकिन हम 2300 पर बेचने के लिए मजबूर हैं किसान का कहना है कि 5 दिन पहले स्लॉट बुक किया था आज जाकर नंबर आया है।