कर्मचारीयो को बेवाकूफ बना रही सरकार, हाईकोर्ट का फैसला किया अनसुना
हाईकोर्ट का फैसला भी नहीं मान रही एमपी सरकार (Mp govt promotion ban)सभी वर्गों को बेवकूफ बना रही सरकार
Mp News: आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की ये सपाक्स(Mp govt promotion ban) के अध्यक्ष और पशुपालन विभाग से रिटायर केएस तोमर ने यह जानकारी को देते हुए यह बताया कि अब यह एमपी में बीते आठ सालों से प्रमोशन पर अब रोक भी लगी है।
जी हा और ये दौरान सवा लाख से ज्यादा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी रिटायर हो चुके हैं जी हा और ये उनको प्रमोशन का फायदा भी नहीं मिल पाया।
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जी हा और ये बीच सरकार के द्वारा यह कुछ विभागों में भी यह कर्मचारियों(Mp govt promotion ban) और अधिकारियों को कार्यवाहक का प्रभार सौंपकर संतुष्ट भी किया जा रहा है। जी हा और ये पुलिस, जेल और वन विभाग के वर्दी वाले पदों पर यह व्यवस्था को लागू भी की गई है। लेकिन यह अब प्रमोशन न देकर के यह अस्थाई समाधान करने से कर्मचारियों का नुकसान भी हो रहा है।
हाईकोर्ट ने प्रमोशन देने के लिए सरकार को आदेशित भी किया
आपको यह जानकारी के लिए बता देते की यह तृतीय और चतुर्थ वर्ग के (Mp govt promotion ban)कर्मचारियों को प्रमोशन को भी देने के लिए यह एमपी मे हाईकोर्ट तीन बार फैसला भी सुना चुकी है। जी हा और ये राज्य सरकार अब इस पर ध्यान नहीं दे रही है। की यह 15 दिसंबर 2022 को वेटनरी डाक्टरों के मामले में यह ग्वालियर हाईकोर्ट ने प्रमोशन देने के लिए सरकार को आदेशित भी किया था।
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और उसके बाद मे यह अब 18 अप्रैल 2023 को हाईकोर्ट जबलपुर ने (Mp govt promotion ban)नगरीय निकायों के असिस्टेंट इंजीनियर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमोशन देने का फैसला को भी सुनाया जी हा और ये 22 मार्च 2024 को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले में यह 60 दिन में प्रमोशन को भी देने की बात को कही गई. लेकिन यह अब सरकार ने कुछ भी नहीं किया।
प्रमोशन देने से इसलिए बच रही एमपी सरकार
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की यह अब एमपी के हाईकोर्ट (Mp govt promotion ban)ने 30 अप्रैल 2016 को मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति यह नियम 2022 को खारिज कर दिया था। जी हा और यह इसमे जज ने सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भी योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर इन्हे प्रमोशन देने का फैसला को सुनाया था.
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लेकिन यह तत्कालीन शिवराज सरकार को डर था, कि यह प्रमोशन में आरक्षण खत्म होने से अब एसी-एसटी का वोट बैंक हाथ से निकल सकता है। जिसको देखते हुए यह अब ऐसे में सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले (Mp govt promotion ban)को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती को दी थी, जिसमे यह तब से न तो एससी-एसटी को प्रमोशन मिल रहा और न ही यह ओबीसी और सामान्य को मिल है
बेवाकूफ बना रही सरकार
आपको इसकी जानकारी के लिए बता देते है की इसमे अब मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी ने इसकी जानकारी को देते हुए बताया है की अब यह एमपी में प्रमोशन के रुकने से कर्मचारियों का मनोबल भी टूट रहा है, जी हा और यह 8 सालों में शिवराज, कमलनाथ, फिर शिवराज यानी तीन (Mp govt promotion ban)सरकारें बदल चुकी हैं। लेकिन इसमे अब तक के सभी वर्गों के कर्मचारियों को प्रमोशन के नाम पर सरकारें बेवकूफ ही बना रही हैं।
और उसका प्रभाव अब प्रदेश के 4 लाख 83 हजार (Mp govt promotion ban)तृतीय श्रेणी और 60 हजार से अधिक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ रहा है। जी हा जिसमे यह अब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह 17 जुलाई 2023 से इस मामले की निरंतर सुनवाई करने की बात भी कही गई थी लेकिन यह अब अभी भी मामला अधर में लटका हुआ है
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