Madhya Pradesh News: पुलिसकर्मी ने 50 हजार की रिश्वत लेने दोस्त को भेजा लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा
लोकायुक्त पुलिस ने पवन शर्मा को रंगे हाथ पकड़ लिया और दयाराम सिल्वेकर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक पुलिसकर्मी द्वारा मोटरसाइकिल चोरी के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत की मांग करने का मामला सामने आया है। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधान आरक्षक दयाराम सिल्वेकर और उसके साथी प्रधान आरक्षक पवन शर्मा को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना बुरहानपुर के एक कारखाना संचालक द्वारा की गई शिकायत पर आधारित है, जिससे यह मामला तूल पकड़ चुका है।
ये है मामला
शिकायतकर्ता दीपक पाटिल ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि उनके दोस्त अभिजीत विलास की मलकापुर में ईंट बनाने की फैक्ट्री है, जहां काम करने वाले मजदूरों को 50 हजार रुपये का पेमेंट किया गया था। लेकिन कुछ मजदूर इस पेमेंट के बाद काम पर नहीं लौटे, जिसके कारण ठेकेदार ने उनकी मोटरसाइकिल जब्त कर ली। इस विवाद के बाद, मजदूर ने नेपानगर थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
चोरी की रिपोर्ट के बाद, प्रधान आरक्षक दयाराम सिल्वेकर ने इस मामले का फायदा उठाते हुए अभिजीत विलास से 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। उसने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो वह शिकायतकर्ता को चोरी के आरोप में फंसा देगा।
लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई
अभिजीत विलास ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की, और जांच के बाद, लोकायुक्त ने तय किया कि रिश्वत का लेन-देन एक सही मौका पर किया जाएगा। शिकायतकर्ता ने पुलिसकर्मी से 50 हजार रुपये देने की बात की, तो प्रधान आरक्षक दयाराम ने इस रकम को लेने के लिए अपने दोस्त, प्रधान आरक्षक पवन शर्मा को भेज दिया। पवन शर्मा ने बुरहानपुर में सूर्यम रेजिडेंसी के मुख्य द्वार के पास रिश्वत की रकम को स्वीकार किया।
लोकायुक्त पुलिस ने पवन शर्मा को रंगे हाथ पकड़ लिया और दयाराम सिल्वेकर के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।
लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया
लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि प्रधान आरक्षक दयाराम सिल्वेकर ने चोरी के झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की थी। और जब वह स्वयं इस काम को करने के लिए मौजूद नहीं थे, तो उन्होंने पवन शर्मा को रिश्वत लेने के लिए भेज दिया।
इस प्रकार लोकायुक्त पुलिस ने पवन शर्मा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया और दयाराम सिल्वेकर के खिलाफ भी कार्रवाई की। इसके साथ ही पवन शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 2018 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
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