Mp Guest Teachers News : एमपी के अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ी राहत! नई शिक्षा नीति के साथ खुलेंगे नए मौके, खाली पदों पर होगी भर्ती, छात्रों को भी मिलेगा बेहतर गाइडेंस और पढ़ाई का माहौल
Mp Guest Teachers News: मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू होने से अतिथि शिक्षकों को मिलेगा नया मौका, खाली पदों पर जल्द होगी नियुक्ति, छात्रों को भी मिलेगी ज्यादा सुविधाएं और विषयों का व्यापक चयन।

- एमपी में कॉलेजों में खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की होगी नियुक्ति
- नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मिलेंगे नए विषयों के विकल्प
- शिक्षकों और छात्रों के लिए होंगे ओरियंटेशन प्रोग्राम
Mp Guest Teachers News: मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लंबे समय से खाली पदों को लेकर आवाजें उठ रही थीं। कहीं पढ़ाने वाले नहीं थे, तो कहीं विषय थे पर उन्हें समझाने वाला कोई नहीं। लेकिन अब जो खबर आई है, वो वाकई में हजारों अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है।
कुलपति प्रो. राजकुमार आचार्य की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में साफ कर दिया गया है कि जिन विषयों में नियमित शिक्षक नहीं हैं, वहां जल्द ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। और ये कोई छोटी बात नहीं है, क्योंकि इससे न सिर्फ शिक्षकों को मौका मिलेगा, बल्कि छात्रों को भी बेहतर पढ़ाई का माहौल मिलेगा।
क्या है नई शिक्षा नीति 2025-26 का प्लान?
सत्र 2025-26 से मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत ऑर्डिनेंस 14-1लागू किया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि अब बीकॉम का छात्र अगर विज्ञान या गणित पढ़ना चाहता है, तो वो ऐसा कर सकता है।
कोर्सेस को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि छात्रों को ज्यादा विकल्प मिलें और वो अपनी रुचि के अनुसार विषयों को चुन सकें। यानी अब शिक्षा सिर्फ “डिग्री” तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि स्किल्स और इंटरेस्ट को भी ध्यान में रखा जाएगा। लेकिन नई पॉलिसी के साथ एक बड़ी दिक्कत सामने आई शिक्षकों की भारी कमी। और यहीं से अतिथि शिक्षकों के लिए रास्ता खुला।
अतिथि शिक्षक क्यों हैं ज़रूरी?
MP के कई सरकारी कॉलेजों में आज भी कई विषयों में रेगुलर फैकल्टी नहीं हैं। ऐसे में अगर गेस्ट फैकल्टी ना हो, तो क्लास ही बंद हो जाती है। अब जब नई शिक्षा नीति में इतने सारे विषय जोड़े जा रहे हैं, तो इनको पढ़ाने के लिए भी तो लोगों की जरूरत होगी ना कुलपति ने खुद इस बात को माना कि जो विषय ‘टीचरलेस’ हैं, वहां फिलहाल के लिए गेस्ट टीचर्स ही सबसे कारगर विकल्प हैं।
नियुक्ति कैसे होगी? कौन होगा पात्र?
फिलहाल विश्वविद्यालय की तरफ से नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत गाइडलाइन नहीं आई है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि:
- संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और NET/SET पास उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी
- कुछ जगहों पर रिटायर्ड प्रोफेसरों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की भी मदद ली जाएगी
- विश्वविद्यालय और लीड कॉलेज मिलकर शिक्षक की उपलब्धता को संभालेंगे
इससे ये भी साफ है कि गेस्ट टीचिंग सिर्फ एक टेंपरेरी विकल्प नहीं रह जाएगी, बल्कि एक बड़े स्तर पर प्लान किया गया रोल है।
बैठक में उठे मुद्दे और सुझाव
कुलपति प्रो. राजकुमार आचार्य के नेतृत्व में हुई बैठक में कुछ सुझाव भी दिए गए, जो आने वाले समय में लागू हो सकते हैं
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में रेगुलर भर्ती की प्रक्रिया तेज की जाए
डीआरडीओ, इंडस्ट्री और निजी संस्थानों के विशेषज्ञों को भी पढ़ाने का मौका दिया जाए
छात्रों को नई शिक्षा नीति को समझाने के लिए अलग-अलग माध्यमों का उपयोग किया जाए— जैसे वीडियो, PPT, ग्रुप डिस्कशन आदि
रिटायर्ड शिक्षक जो पढ़ाने का अनुभव रखते हैं, उन्हें गेस्ट टीचर के रूप में जोड़ा जाए