Pandit Pradeep Mishra की कथा में भगदड़, पंडाल उड़े, घायल हुए श्रद्धालु, बिना अनुमति हो रहा था आयोजन
Pandit Pradeep Mishra : चूरू में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान तेज आंधी-तूफान से पंडाल गिरा, भगदड़ मची, तीन श्रद्धालु घायल हुए, कथा बिना प्रशासनिक अनुमति के आयोजित हो रही थी।

- तेज आंधी-तूफान में कथा स्थल का पंडाल उखड़ गया
- भगदड़ में तीन श्रद्धालु घायल, अस्पताल में भर्ती
- कथा बिना प्रशासनिक अनुमति के आयोजित की गई थी
Pandit Pradeep Mishra राजस्थान के चूरू जिले में आयोजित हो रही शिव महापुराण कथा में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब अचानक तेज आंधी-तूफान ने पंडाल को तहस-नहस कर दिया। ये कथा प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की थी, जो रतनगढ़ कस्बे में चल रही थी। तेज हवाओं के चलते जैसे ही पंडाल उखड़ा, हजारों की भीड़ में भगदड़ की स्थिति बन गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ पड़े।
कैसे हुआ हादसा?
यह घटना 11 अप्रैल की शाम की है। मौसम अचानक से बदला और हवाएं चलने लगीं। कुछ ही देर में आंधी इतनी तेज हो गई कि पंडाल की मजबूत लग रही संरचना भी नहीं टिक पाई। पंडाल गिरते ही वहां मौजूद लोग डर गए और भगदड़ शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि इस भगदड़ में कम से कम तीन श्रद्धालु घायल हो गए हैं, जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पंडित प्रदीप मिश्रा सुरक्षित निकाले गए
सबसे बड़ी राहत की बात ये रही कि हादसे के समय मंच पर मौजूद पंडित प्रदीप मिश्रा को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हादसे के बाद सेवा कार्य में जुटे सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत मोर्चा संभाला और लोगों को बाहर निकालने में मदद की।
बिना अनुमति चल रहा था कार्यक्रम
सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आई है कि यह कथा आयोजन प्रशासन की अनुमति के बिना हो रहा था। यानि आयोजकों ने स्थानीय प्रशासन से जरूरी मंजूरी नहीं ली थी। एक ओर यह कार्यक्रम लाखों की भीड़ आकर्षित करने वाला था और दूसरी ओर बिना सुरक्षा उपायों के इसे चला दिया गया।