Ujjain Baba mahakaal:अनोखे तरीके से मनाया जाएगा 26 फरवरी को,उज्जैन महाकालेश्वर में महाशिवरात्रि का पर्व,जानिए
पूजा की शुरुआत रात 12 बजे से की जाएगी। इसके पहले 26 फरवरी को सुबह पट खुलने और भस्मआरती के बाद महाकालेश्वर का जलाभिषेक किया जाएगा।

- महाकाल को फूलों का राजसी मुकुट धारण कराया
- महाकाल को इस समय बांधा जाएगा सेहरा
- हल्दी -चंदन के उबटन के बाद होगी महोत्सव की शुरुवात
- उज्जैन में शिवनवरात्रि के रूप में उत्सव
Ujjain Baba mahakaal : उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है। और यह तैयारी बड़ी जोर सोर से चल रही ही।यह महाशिवरात्रि के पर्व को 10 दिन तक मनाया जाता है।महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि को महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।यह शुरुवात 17 फरवरी से 26 तक तक चलेगा।
महाकाल को फूलों का राजसी मुकुट धारण कराया
मंदिर के पुजारी ने बताया है की महाशिवरात्रि 26 फरवरी को चार पहर की पूजा का महत्व माना जाता है।पूजा की शुरुआत रात 12 बजे से की जाएगी। इसके पहले 26 फरवरी को सुबह पट खुलने और भस्मआरती के बाद महाकालेश्वर का जलाभिषेक किया जाएगा।और ये प्रक्रिया रात तक चलती रहेगी।
उसके बाद बाबा महाकाल को फूलों का राजसी मुकुट पहनाया जाएगा। बाबा का श्रृंगार किया जाएगा।महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में सुबह पूजन और अभिषेक, पूजन के बाद भोग आरती सुबह 10 बजे के स्थान पर दोपहर 12 बजे पर लगाया जाएगा।इसके साथ ही 27 को दोपहर 12 बजे भस्मआरती की जाएगी। 10 दिन के महोत्सव के बीच महाकालेश्वर की नियमित आरती के समय में भी बदलाव किया जा सकता है।
महाकाल को इस समय बांधा जाएगा सेहरा
बाबा महाकाल को रात्रि 11 बजे से पूरी रात्रि 09 मार्च प्रात: 06 बजे तक महाअभिषेक पूजन श्रृंगार चलेगा।जिसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकाल का अभिषेक किया जायेगा।
उसके पश्चात भस्म लेपन किया जाएगा।विभिन्न प्रकार के पांच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा।नए वस्त्र धारण कराये जाएंगे।महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट बांधा जाएगा।
हल्दी -चंदन के उबटन के बाद होगी महोत्सव की शुरुवात
भगवान महाकाल को हल्दी और चंदन का उबटन लगाने के बाद से ही शिवनवरात्रि पर्व की शुरूआत होगी।इसके बाद पंडित-पुजारी द्वारा भगवान महाकाल का मंत्र-उच्चारण कर पूजन पाठ अभिषेक किया जाएगा।9 दिनों तक भगवान महाकाल को अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया जाता है। जिसके दर्शन के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन जाएंगे।और बाबा महाकाल के दर्शन करेगे।

नौ दिन के अलग अलग श्रृंगार
इस महोत्सव के दौरान महाकाल बाबा के नौ दिन अलग-अलग श्रृंगार किए जाएगा।पहले दिन की शुरुवात चंदन श्रृंगार से होगी। दूसरे दिन शेषनाग श्रृंगार होगा। तीसरे दिन घटाटोप श्रृंगार होगा। चौथे दिन छबीना श्रृंगार होगा।पांचवें दिन होलकर श्रृंगार होगा।छठा दिन मनमहेश श्रृंगार होगा।सातवें दिन उमा महेश श्रृंगार होगा।आठवें दिन शिवतांडव श्रृंगार और नौवें दिन सप्त धान्य श्रृंगार में महाकालेश्वर के दर्शन कराए जाएंगे।
11 ब्राह्मण करेंगे रुद्रपाठ मंदिर में
महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर मंदिर के पुजारी महाकालेश्वर का पंचामृत अभिषेक कराएंगे।इसके बाद मंदिर मे 11 ब्राह्मण रुद्रपाठ करेंगे। विशेष पूजन का यह क्रम दोपहर 11 बजे तक किया जाएगा।उसके बाद भगवान का जलाभिषेक किया जाएगा। दोपहर 12 बजे भोग आरती होगी। पूजन, अर्चन का यह क्रम महाशिवरात्रि तक चलेगा।
शिवनवरात्रि के रूप में उत्सव
शक्तिपीठ होने से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि को शिवनवरात्रि के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इन नौ दिनों तक महाकालेश्वर बाबा का नौ अलग-अलग प्रकार से शृंगार और पूजन किया जाता है।
17 फरवरी को सुबह 8 बजे मंदिर के पुजारी कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक पूजन किया जाएगाउसके बाद उनकी जलाधारी पर हल्दी और चंदन लगाया जाएग।महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 29 फरवरी से प्रारम्भ हो गया था।जो महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा।
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