Mp Employee Transfer News : MP के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर मई-जून में मिलेगा बड़ा मौका, नई तबादला नीति से खत्म होगा जुगाड़ सिस्टम
सरकार की नई तबादला नीति को इसी महीने कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना, मई-जून में खुलेगा तबादलों का दरवाज़ा,

- नई तबादला नीति से खत्म होगी सिफारिश और मनमानी
- कर्मचारियों की व्यक्तिगत ज़रूरतों को प्राथमिकता
- मई-जून में तबादलों की प्रक्रिया होगी पूरी पारदर्शी
Mp Employee Transfer News : मध्यप्रदेश सरकार अब अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ बड़ा करने जा रही है। महीनों से चर्चा में चल रही नई तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और संभावना है कि अप्रैल के आखिर तक इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद मई और जून में तबादलों की बारिश हो सकती है। जो कर्मचारी सालों से एक ही जगह अटके हुए हैं, उनके लिए यह खबर राहत की सांस जैसी है।
अब नहीं चलेगा जुगाड़
अब तक सरकारी तबादलों को लेकर एक आम धारणा थी – ‘जिसकी सिफारिश पक्की, उसका तबादला पक्का।’ लेकिन इस बार सरकार ने इस सिस्टम को बदलने की ठान ली है। नई नीति के मुताबिक, तबादले अब कर्मचारी और उसके परिवार की स्थिति देखकर किए जाएंगे। मतलब, अब सिफारिश नहीं, ज़रूरत बोलेगी।
क्या-क्या बदलेगा नई नीति में?
सरकार ने तबादले के लिए कुछ बिंदुओं को तय कर दिया है, जैसे
1. परिवार की ज़रूरत: अगर किसी कर्मचारी का परिवार किसी दूसरे शहर में है या वहां बच्चों की पढ़ाई या स्वास्थ्य को लेकर कोई मजबूरी है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी।
2. पहले की तबादला हिस्ट्री: अगर किसी का लंबे समय से तबादला नहीं हुआ है, तो उसका आवेदन सबसे पहले देखा जाएगा।
3. ऑफिस की ज़रूरतें: दोनों कार्यालयों की स्थिति को भी जांचा जाएगा – यानि जहां से तबादला होना है और जहां भेजा जा रहा है, वहां स्टाफ की क्या ज़रूरत है।
सरकार ने तबादलों के लिए मई-जून का समय चुना
जानकारी के अनुसार सरकार ने तबादलों के लिए मई-जून का समय इसलिए चुना है क्योंकि ये स्कूलों की छुट्टियों का समय होता है। इससे कर्मचारी अपने परिवार को बिना पढ़ाई में व्यवधान के एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं। साथ ही गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के स्कूल ट्रांसफर भी आसान हो जाते हैं।
मंत्रियों की भूमिका होगी अहम
नई नीति में अब मंत्रियों का रोल बढ़ेगा। तबादला आवेदन सीधे मंत्री की अनुशंसा से आगे बढ़ेगा। कुछ विभागों में तो यह भी संभव है कि कैबिनेट मंत्री अपने सहयोगी राज्यमंत्री को यह जिम्मेदारी सौंप दें।
कर्मचारी संगठन की मांगों का असर
कर्मचारी संगठनों ने लगातार मांग की थी कि सामान्य कर्मचारियों को भी तबादले का हक मिले। उनकी यह मांग अब रंग लाती दिख रही है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नीति सबके लिए समान होगी और कोई भी कर्मचारी अपने अधिकार से वंचित नहीं रहेगा।
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